शादी के बारे में ऐसा कहा जाता हैं कि जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वास्तु क्या होता हैं? गलत वास्तु कैसे आपके वैवाहिक जीवन से प्रेम और शांति को दूर कर सकता हैं? साथ ही, वास्तु की सहायता से कैसे आएगी रिश्ते में मिठास? आइये जानते हैं।
शादी किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पल होता हैं जिसमें दो लोग प्यार और भरोसे के सहारे पूरी ज़िन्दगी एकसाथ बिताने की कसमें खाते हैं। जब हम शादी के पवित्र बंधन में बंधते हैं, तो इस रिश्ते के साथ हमारी कई आशाएं, उम्मीदें और सपने जुड़ें होते हैं, लेकिन वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियां रिश्ते में दरार, बहस और टकराव का कारण बनती हैं, पर क्या आप जानते हैं इन सब समस्याओं का कारण गलत वास्तु हो सकता हैं।
वास्तु भारत का एक प्राचीन शास्त्र है, जिसका संबंध ऊर्जाओं और दिशाओं से है। इसके अनुसार जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश आदि पंचतत्वों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जाता हैं। इन पंच तत्वों का हमारे स्वभाव, भाग्य, प्रदर्शन और जीवन के अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ता है। वास्तु के अंतर्गत सभी दिशाओं को आधार बनाकर वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जाओं को इस प्रकार सकारात्मक बनाया जाता है, जिससे वह मनुष्य जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव न डाल पाएं।
क्या आपको भी लगता है कि आपके शादीशुदा जीवन से प्रेम, खुशियां दूर जा चुकी है, अब आपके रिश्ते में पहले जैसी बात नहीं रही? यदि हाँ, तो वास्तु शास्त्र की मदद से आपका रिश्ता बन सकता है पहले जैसा।
निवास स्थान में बेडरूम और वैवाहिक जीवन दोनों में ही महत्वपूर्ण स्थान है।
शयन कक्ष हमारे निवास स्थान की सबसे ख़ास जगह है जो सुकून और शांति देने वाला होना चाहिए।
कई बार बेडरूम में सभी सुविधाएं होने के बावजूद भी पति-पत्नी के बीच तनाव बना रहता है, इसका कारण बेडरूम का गलत वास्तु या गलत वस्तुओं का होना हो सकता हैं।
घर का मुख्य बैडरूम जिसे मास्टर बैडरूम भी कहते हें, घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) दिशा की तरफ होना चाहिए।
यदि घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो बेडरूम को ऊपरी मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए। लेकिन अगर आप शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन चाहते है तो कुछ वस्तुओं को शयन कक्ष या बेडरूम में रखने से बचें। आइये जानते है इन वस्तुओं के बारे में
बेड के सामने आईना न लगा होना।
डबल बेड के गद्दे दो भागों में न हो।
बेडरूम में धार्मिक चित्र नहीं होने चाहिए।
कमरे में लाल रंग का बल्ब न लगाए ।
खराब बिस्तर, तकिया, परदे, चादर, रजाई आदि को कमरे में न रखें।
पति और पत्नी का रिश्ता अपने जीवन में कई उतार-चढ़ावों का सामना करता है। यह समस्याएं छोटी या बड़ी दोनों हो सकती है। कई बार न चाहते हुए भी हालात ऐसे बन जाते हैं कि पति-पत्नी के रिश्ते में दूरियां आ जाती हैं, इन विवादों और दूरियों का कारण बैडरूम का वास्तु भी हो सकता हैं। अब हम जानेंगे कि वास्तु टिप्स का कैसे करें प्रयोग सुखी वैवाहिक जीवन का आनंद लेने के लिए:
दम्पति को घर के दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा में शयन करना चाहिए।
शादीशुदा लोग अपने बेडरूम के लिए गुलाबी, हल्के हरे, सफेद, नीले और पीले आदि रंगों का चुनाव करें। ये रंग कमरे में शांति और सकारात्मक वातावरण बनाने में सहायक होते हैं।
पति और पत्नी को हमेशा एक ही डबल बेड पर सोना चाहिए, और एक ही तकिये का इस्तेमाल करना चाहिए।
एक साथ एक बेड पर सोने और एक ही कंबल या चादर का उपयोग करने से आपसी मतभेद दूर होते है।
बेडरूम में लकड़ी के बेड का प्रयोग करें। ऐसा करने से आपके रिश्ते में सकारात्मकता बनी रहती है, साथ ही आप अपने रिश्ते के प्रति आशावादी दृष्टिकोण अपनाएंगे।
शादीशुदा लोगों को अपने कक्ष में ऐसी मूर्तियां रखनी चाहिए जो जोड़ों में हो, जैसे कबूतरों का जोड़ा, खरगोशों का जोड़ा आदि।
शयन कक्ष में राधा कृष्ण की तस्वीर भी लगा सकते हैं, जिन्हें प्रेम का प्रतीक माना गया है।
बेडरूम में कभी भी मृत व्यक्ति की फोटो नहीं लगानी चाहिए।
प्रेमपूर्ण और स्वस्थ रिश्ते के लिए पत्नी को हमेशा पति के बाएं तरफ सोना चाहिए।
विवाहित जोड़ों को अपनी तस्वीर पश्चिम दिशा में लगानी चाहिए।
शादीशुदा लोगों अपने कमरे में सुगंधित चीज़ें जैसे गुलाब, चमेली, खुशबूदार मोमबत्तियों या रूम फ्रेशनर आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
बिजली से चलने वाली वस्तुओं का अपने कमरे में जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। यह वस्तुएं मानसिक दबाव का कारण बनती है।
अगर आपके बैडरूम में शीशा इस तरह लगा हुआ है, जिसमें आपका बिस्तर साफ़ नजर आता है, तो रात के समय उसको ढक कर रखें या उसका स्थान बदल दें।
कमरे में रोज़ नए फूल लगाएं और उन्हें प्रतिदिन बदलें, इससे रिश्ते में उत्साह और प्रेम बना रहता है।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपका सिर रात को सोते समय दक्षिण दिशा और पैर उत्तर दिशा की तरफ हो।
निवास स्थान का उत्तर-पूर्व का हिस्सा कटा हुआ नहीं होना चाहिए, इस स्थान पर उत्पन्न दोष रिश्ते में परेशानियों का कारण बन सकता है।
रिश्ते को फलने-फूलने के लिए धन की भी आवश्यकता होती है, इसलिए घर के उत्तरी या पूर्वी हिस्से में नकदी और आभूषण रखें।
जीवन में आ रही है समस्याएं? तो अभी परामर्श करें एस्ट्रोयोगी के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से।