इस समय पूरी दुनिया जिस भयंकर महामारी के दौर से गुजर रही है। उसका समाधान अभी विज्ञान नहीं निकाल पाया है ऐसे में लोग दुआएं और बताई गई सावधानियां ही बरत रहे हैं। आमतौर पर यह महामारी उन लोगों को संक्रमित कर रही है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है यानि कि जिनका इम्युन सिस्टम कमजोर है। लेकिन जब जब विज्ञान कारगर नहीं हुआ है तब तब भारतीय संस्कृति में कोई न कोई समाधान मिला है। भारतीय संस्कृति हजारों साल पुरानी है और इस संस्कृति में भारतीय तकनीक, वैदिक, भौतिकी, आयुर्वेद और योगासन(yoga aasans) शामिल हैं।
योगासन क्यों करें?
हाल ही में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने दावा किया है कि इस वक्त जो महामारी पूरी दुनियाभर में फैली हुई है उससे निपटने के लिए नियमित ध्यान और योगासन करना चाहिए। इससे आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से लाभ प्राप्त होगा। योगासन करने से शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है। योगासन से आपका इम्युन सिस्टम और श्वसन तंत्र भी मजबूत होता है। योगासन आपको किसी भी बीमारी से लड़ने में मदद करता है। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे 5 योगासनों(yoga asanas) के बारे में बताएंगे जिसको करने से आपके शरीर में रोगों से लड़ने वाली WBC कोशिकाओं की वृद्धि होती है और आप किसी वायरस या कीटाणु से जल्दी संक्रमित नहीं होते हैं।
उष्ट्रासन:
इस आसान को करने के लिए सबसे पहले घुटने के सहारे बैठ जाएं। अब कुल्हे पर दोनों हाथों को रखें।
जांघों और पैरों को एक साथ रखें और पंजे पीछे की ओर कर लें। ध्यान रखें घुटनों और पैरों के बीच की दूरी 1 फिट हो।
अब आप घुटने के बल खड़े हो जाएं। इसके बाद सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें और अपनी दाईं हाथ को दाईं एड़ी पर और बाएं हाथ को बाएं एड़ी पर रखें।
साथ ही गर्दन पर बिना दबाव डाले पीछे झुकाएं। अब धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें। फिर लंबी सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। इस योग को आप 5 से 7 बार कर सकते हैं।
लाभ
इस आसन को करने से आपकी पाचन शक्ति बढ़ती है।
गर्दन, कंधे और कमर के दर्द को समाप्त करता है।
यह आसान हृदय चक्र को खोलता है।
पश्चिमोत्तानासन:
सबसे पहले मैट पर बैठ जाएं अब अपने पैरों को सामने की ओर फैला लें। हाथों को जांघों पर खें।
इसके बाद सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और खीचें।
अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और पंजों को हाथों से पकड़ लें।
आप अपनी क्षमतानुसार जितना झुक सकते हैं उतना झुकें और माथे को घुटने से छूने की कोशिश करें।
इस आसन में 2-3 मिनट तक रुकें। फिर लंबी सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। इस योग को आप 2 से 3 बार कर सकते हैं।
लाभ
इस आसन को करने से तनाव कम होता है। मन शांत रहता है।
इस आसन को करने से अनिद्रा जैसी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
पश्चिमोत्तानासन करने से यकृत और गुर्दे संबंधी समस्याओं से निजात मिल जाता है।
इस आसन को करने से पीठ, जांघ और कुल्हें की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
पवनमुक्तासन:
यदि आपको किसी भी प्रकार की पेट संबंधी समस्या है तो आपको नियमित रूप से पवनमुक्तासन करना चाहिए।
इसके लिए सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं।
अब दोनों हाथों और पैरों को सीधा फैला लें।
इस स्थिति में शरीर को ढीला छोड़ दें। अब श्वास भरते हुए धीरे-धीरे दोनों घुटनों को मोड़ें और हाथों की सहायता से छाती तक लाएं।
अब अपने सिर को उठाएं और माथे को घुटनों पर लगाने का प्रयास करें। लगभग 2-3 मिनट तक इस स्थिति में रुकें।
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए घुटनों को फैला लें और प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। इस योग को आप 5 से 7 बार कर सकते हैं।
लाभ
इस आसन को करने से मन शांत, प्रसन्न और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस आसन को करने से गैस, पाचन औ कब्ज जैसी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
पवनमुक्तासन करने से पीठ, पेट और हाथ-पैरों की मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं।
उत्तानपादासन:
सबसे पहले आप आराम से लेट जाएं। हाथ और पैरों को फैला लें। शरीर को ढीला छोड़ दें।
अब हाथों को जमीन पर रखें और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। अब 30 डिग्री का कोण बना लें।
इस मुद्रा में धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ते रहें।
अब लंबी श्वास छोड़ते हुए दोनों पांव नीचे लाएं और प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं। इस योग को आप 3 से 5 बार कर सकते हैं।
लाभ
इस आसन को करने से कब्ज, पाचन और पेट संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
इस आसन को करने से कमर, कूल्हे और घुटने के दर्द से राहत मिलती है।
उत्तानपादासन करने से तनाव और चिंता से छुटकारा मिलता है। दिल की धड़कन, सांस फूलना जैसे रोग दूर हो जाते हैं।
यह आसान तंत्रिका तंत्र को भी मजबूत करता है।
मंडूकासन:
इस आसन (asanas) को करने से शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ जाती है।
इसको करने के लिए सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं यानि पैरों को घुटनों से पीछे की ओर मोड़कर बैठ जाएं।
फिर दोनों हाथों की मुट्ठी बंद कर लें। मुट्ठी बंद करते वक्त अंगूठे को उंगलियों के अंदर रखिए।
अब दोनों मुट्ठियों को नाभि के दोनों और लगाकर श्वास बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकें।
फिर अपने छाती कों जांघों तक और सिर को जमीन तक लेकर जाएं।
अब इस स्थिति में 2-3 मिनट तक रहें। इस मुद्रा में धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ते रहें।
अब लंबी श्वास छोड़ते हुए वापस वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। इस योग को आप 8 से 10 बार कर सकते हैं।
लाभ
इस आसन को करने से अपच, कब्ज और पेट की कई परेशानियां दूर हो जाती हैं।
इस आसन को करने से मानसिक तनाव और घबराहट दूर हो जाती है।
मंडूकासन डायबिटीज रोगियों के लिए रामबाण उपाय है।
इस आसन को करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
इस आसन को करने से जोड़ो के दर्द में काफी राहत मिलती है।
नोट - यदि आपको डायबिटीज, हाईबीपी या कमर दर्द, गर्दन दर्द या हृदय संबंधी कोई भी बीमारी है तो आप इन आसनों को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें। ताकि भविष्य में आपको किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े।