योगी आदित्यनाथ जिन्होंने 19 मार्च को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली है। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में आनंद बिष्ट के घर 5 जून 1972 को योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ। इनका आरंभिक नाम अजय सिंह बिष्ट था लेकिन गोरखनाथ पीठ पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के सानिध्य में जब ये एक बार आये तो फिर उन्हीं के होकर रह गये और इनका नाम हुआ योगी आदित्यनाथ। छात्र जीवन जीवन से ही राजनीति में इनकी शुरुआत हो गई थी। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर इन्होंने अपना पहला चुनाव अपने आध्यात्मिक गुरु और गोरखनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की सीट यानि गोरखपुर से लड़ा और विजय प्राप्त की और फिर इसके बाद इन्होंने कभी भी पराजय का सामना नहीं किया और जीत का अंतर भी हर बार बढ़ता ही गया।
असल में देखा जाये तो योगी आदित्यनाथ की कुंडली में ही राज व मोक्ष के योग दिखाई दे रहे हैं। इनके ग्रहों की दशा कुछ ऐसी है कि ये सत्ता के पिछे नहीं बल्कि सत्ता इनका पिछे-पिछे चलती हुई दिखाई देती है। आइये जानते हैं क्या आकलन किया है एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों ने योगी आदित्यनाथ की कुंडली का।
नाम – योगी आदित्यनाथ
जन्म स्थान – पंचूर, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड
जन्म तिथि – 5 जून 1972
जन्म समय – 12:00
उपोरक्त विवरण के अनुसार योगी आदित्यनाथ की कुंडली सिंह लग्न की है। इनकी चंद्र राशि कुंभ है। लग्न स्वामी सूर्य तो राशि स्वामी शनि हैं। इनका जन्म पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के दूसरे चरण में हुआ है। वर्तमान में इन पर केतु की महादशा व अंतरदशा चल रही है।
योगी आदित्यनाथ का लग्न सिंह है जो कि इन्हें सिंह यानि शेर के समान बताता है। इनके स्वभाव में उग्रता व वाणी में ओज गुण लग्न के कारण ही है। वहीं राशि स्वामी शनि इन्हें न्यायप्रिय भी बनाते हैं। इसी न्यायप्रियता के कारण इन्हें लोकप्रियता हासिल हुई है जिसकी बदौलत इन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का सफर तय किया है।
वहीं इनकी कुंडली के अनुसार कर्मभाव में बुधादित्य योग, राशि स्वामी शनि का सातवां होना ऐसे योग बनाता है कि सत्ता इनके पास ही रहना चाहती है। शनि ग्रह के कारण ही इनकी छवि एक समुदाय विशेष के कट्टर नेता के रूप में बनी है।
कैसा रहेगा बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सफर
16 फरवरी 2017 से इन पर केतु की महादशा आरंभ हुई है। इनकी कुंडली में केतु लग्न से 12वां है जो कि इनके जीवन में कठिन चुनौतियां तो लेकर आयेगा लेकिन सफलता के मार्ग भी सुझायेगा।
बृहस्पति पंचम भाव में होने के कारण ये अपनी छवि के विपरीत एक न्यायप्रिय और विवेकशील शासक साबित हो सकते हैं। इनके निर्णयों से इनकी छवि और स्थिति और भी मजबूत होने की संभावना है। राशि स्वामी के प्रभाव से ये उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों पर दंडात्मक कार्रवाही भी करेंगें।
इनकी प्रसिद्धि का एक कारक बृहस्पति और चंद्रमा की युति होना भी होगा। गुरु व चंद्रमा के योग से प्रदेश व देश की राजनीति में इनका कद तो ऊंचा होगा ही साथ ही प्रतिद्वंदी भी इनसे प्रभावित होंगे। इनकी कुंडली में मंगल शत्रु को भी इनका मुरीद होने के लिये प्रेरित करता है।
कुल मिलाकर ज्योतिषाचार्यों के अनुसार योगी आदित्यनाथ की भविष्य की डगर आसान तो नहीं है लेकिन भाग्य में बुलंद सितारों के सहयोग से वे संघर्षों में विजय प्राप्त करने का माद्दा रखते हैं। आपकी कुंडली में ग्रह कौनसे योग बना रहे हैं जानने के लिये परामर्श करें एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों से। ज्योतिषाचार्यों से परामर्श करने के लिये यहां क्लिक करें।
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