भगवान गणेश को सभी शुभ कार्यों को निर्विघ्न पूरा करने के लिए जाना जाता है। विघ्नहर्ता गणेश का पूजन विभिन्न प्रकार से भक्तों के लिए फलदायी होती है और इनके पूजन से भक्तों को 7 लाभों की प्राप्ति होती है, कौनसे है है ये 7 लाभ?
विघ्नहर्ता गणेश को हिन्दू धर्म के सभी देवी-देवताओं में से प्रमुख माना जाता है। इनका पूजन किसी भी मांगलिक या नए कार्य के आरंभ में सर्वप्रथम किया जाता है इसलिए भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय का दर्जा प्राप्त है। श्रीगणेश अपने भक्तों के जीवन से सभी कष्टों एवं समस्याओं का निवारण करते है इसलिए ही इन्हें विघ्नहर्ता दुःखहर्ता गणेश भी कहा जाता है, लेकिन क्या आप जानते है भगवान गणेश की पूजा से भक्तों को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है, अगर नही, तो चलिए जानते है।
सनातन धर्म के समस्त देवी-देवताओं में भगवान गणेश सर्वप्रथम पूजनीय और बुद्धि में भी तीनों लोकों में सर्वप्रथम स्थान पर रहने वाले देवता है। इन्हें समस्त संसार में इनकी तीव्र बुद्धि के लिए जाना जाता है।
रिद्धि-सिद्धि के दाता और प्रत्येक कार्य को बिना किसी विघ्न के संपूर्ण कराने वाले श्रीगणेश की साधना एवं पूजन के लिए बुधवार के दिन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इन्हें गणदेवों तथा शिवगण के स्वामी होने की वजह से ही श्री गणेश कहा जाता हैं।
भगवान गणेश का बुधवार के दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। प्राचीन समय से ही किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पूर्व गणेश जी की पूजा करने का विधान निरंतर चला आ रहा है।
किसी भी धार्मिक अनुष्ठान, मांगलिक एवं नए कार्य को शुरू करने से पूर्व भगवान गणेश की उपासना की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भक्तजनों के लिए श्रीगणेश का आशीर्वाद अत्यंत कल्याणकारी साबित होता है। भगवान गणेश की सहृदय पूजा-अर्चना करने से भक्तों को कई प्रकार के लाभों की प्राप्ति होती हैं। आइये जानते है, गणेश पूजन से होने वाले लाभ के बारे में।
वर्तमान युग में हर इंसान अपने जीवन में सुख-समृद्धि पाने की इच्छा रखता है और समृद्धि की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम भी करता है। कई बार कड़ी मेहनत के बाद भी व्यक्ति को समृद्धिशाली जीवन प्राप्त नहीं होता है,लेकिन शायद ही आप जानते हो कि भगवान गणेश की आराधना करने से सुख-समृद्धि से पूर्ण जीवन की प्राप्ति होती है और जातक अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
ऐसा माना जाता है कि जो भक्त विघ्नहर्ता गणेश की सच्चे दिल से भक्ति एवं उपासना करते है। भगवान गणेश कभी भी अपने भक्तों को निराश नहीं करते है और उनके सभी कष्टों एवं विघ्नों का निवारण करते हैं। भगवान गणेश की पूजा-आराधना करने से जातक का भाग्योदय होता है और आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है।
गौरी पुत्र गणेश जी को बुद्धि का दाता माना गया है और हिंदू धर्म शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि भगवान गणेश की नियमित रूप से पूजा-अर्चना करने से भक्त की बुद्धि में वृद्धि होती है। यदि कोई भक्त बुद्धिमान बनना चाहता है, तो उसे भगवान गणेश की पूजा-आराधना अवश्य करनी चाहिए।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है अर्थात वह अपने भक्तों के जीवन में आने वाले सभी कष्टों, दुखों एवं विपत्तियों का अंत करते हैं। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कई तरह की अड़चनें एवं बाधाएं आ रही है तो उसे भगवान गणेश की पूजा अवश्य करनी चाहिए। परेशानियों के समाधान के लिए भगवान गणेश की पूजा करने से भय पर भी विजय प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश के बड़े-बड़े कान इस बात का प्रतीक माने गए है कि भगवान गणेश सभी बातों को ध्यानपूर्वक सुनते हैं। जो भक्तजन भगवान गणेश की पूजा सच्चे हृदय एवं भक्ति भाव से करने पर व्यक्ति अपने अंदर छिपी शक्ति पर ध्यान देना शुरू कर देता है जिससे व्यक्ति की सहनशीलता में वृद्धि होती है।
ज्ञान एवं बुद्धि की प्राप्ति के लिए भगवान गणेश का पूजन सर्वश्रेष्ठ साबित होता है। बहुत कम लोग ही ये जानते है कि भगवान गणेश की पूजा ज्ञान में वृद्धि के लिए भी संपन्न की जाती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की आराधना से ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता में वृद्धि होती है।
भगवान गणेश से जुड़ीं ऐसी मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति भगवान गणेश की पूजा श्रद्धापूर्वक एवं आस्था से करता है तो इनकी पूजा से भक्त की आत्मा शुद्ध हो जाती है। श्री गणेश अपने भक्तों के जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को दूर करते हैं जिससे जातक की आत्मा शुद्ध हो जाती है।
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✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी