पूर्णिमा यानि चंद्रमास का वह दिन जिसमें चंद्रमा पूर्ण दिखाई देता है। पूर्णिमा का धार्मिक रूप से बहुत अधिक महत्व माना जाता है। हिंदूओं में तो यह दिन विशेष रूप से पावन माना जाता है। चैत्र मास चूंकि हिंदू वर्ष का प्रथम चंद्र मास होता है इस कारण चैत्र पूर्णिमा को विशेष रूप से भाग्यशाली माना जाता है। इस दिन पूर्णिमा का उपवास भी रखा जाता है और चंद्रमा की पूजा की जाती है। वर्ष 2025 में चैत्र पूर्णिमा का उपवास 12 अप्रैल को है।
चैत्र पूर्णिमा का उपवास वर्ष 2025 में 12 अप्रैल को है।
अप्रैल 12, 2025, शनिवार (चैत्र पूर्णिमा व्रत, चैत्र पूर्णिमा)
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - 12 अप्रैल, सुबह 03:21 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 13 अप्रैल, सुबह 05:51 बजे तक
चैत्र पूर्णिमा इसलिये भी पुण्य फलदायी मानी जाती है क्योंकि समस्त उत्तर भारत में इस दिन भगवान श्री राम के भक्त भगवान हनुमान की जयंती भी मनाई जाती है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही भगवान विष्णु के उपासक भगवान सत्यनारायण की पूजा कर उनकी कृपा पाने के लिये भी पूर्णिमा का उपवास रखते हैं।
हिंदू धर्म को मानने वाले कुछ समुदाय इस दिन पवित्र नदी में स्नान करते हैं और गरीबों को दान देते हैं।
कहते हैं किसी भी व्रत व त्यौहार की पूजा विधिनुसार न हो तो उसका फल प्राप्त नहीं होता। ऐसे में व्रत व पूजा की विधि के बारे में जानना बहुत आवश्यक है। चैत्र पूर्णिमा बहुत ही शुभ फल देने वाली मानी जाती है। चैत्र पूर्णिमा का व्रत व्रती को निम्न विधि से रखना चाहिये-
सबसे पहले पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिये।
इस दिन रात्रि के समय चंद्रमा की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिये एवं पूजा के पश्चात चंद्रमा को जल अर्पित करना चाहिये।
चंद्रमा के पूजा के पश्चात अन्न से भरे घड़े को किसी योग्य ब्राह्मण या फिर किसी गरीब जरुरतमंद को दान करना चाहिये।
मान्यता है कि ऐसा करने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं और व्रती को मनोवांछित फल मिलता है। व्रती की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
ज्योतिषी के मुताबिक, इस दिन शाम को मां लक्ष्मी की पूजा करने और लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करने से एवं जल में दीपदान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर सफेद मिठाई और जल अर्पित करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का उदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से सभी आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं।
धन संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, पूर्णिमा के दिन घर के मंदिर में एकाक्षी नारियल की पूजा करने धन प्राप्ति के योग बनते हैं और सौभाग्य प्राप्त होता है।
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