सायरस मिस्त्री को जब टाटा का चेयरमेन बनाया गया था तब वे अचानक सुर्खियों में आ गये थे। हालांकि उस समय उन्हें यह कार्यभार 30 सालों के लिये सौंपा गया था लेकिन रतन टाटा के अनुसार मिस्त्रि उनके भरोसे पर खरा नहीं उतर पाये जिस कारण उन्हें हाल ही में टाटा से बॉय-बॉय करना पड़ा। इस घटनाक्रम के बाद से मिस्त्री भी टाटा ट्रस्ट व बोर्ड अधिकारियों पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि उनकी कोई गलती नहीं थी और जो भी निर्णय लिये गये उसमें रतन टाटा सहित तमाम अधिकारियों की सहमति थी। वहीं टाटा द्वारा आधिकारिक बयान देकर यह बताया जा रहा है कि मिस्त्री के आरोप बेबुनियाद हैं और उन्होंनें ट्रस्ट की कार्य संस्कृति के विरूद्ध कदम उठाये जिसके कारण ट्रस्ट को उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा। ज्योतिषशास्त्र में कहा जाता है जो भी होता है वह ग्रहों की दशा के अनुसार ही होता है तो आइये जानते हैं सायरस मिस्त्री के सितारे क्यों गर्दिश में चल रहे हैं। आखिर कौनसे कारक ग्रह हैं जो उन्हें अर्श से फर्श पर लाने को तुले हैं और कब तक उन पर यह दशा बनी रहेगी।
नाम – सायरस पलोनजी मिस्त्री
जन्म तिथि – 04 जुलाई 1968
जन्म स्थान – मुंबई
उपरोक्त विवरण के अनुसार इनकी कुंडली कन्या राशि की बनती है। राशि स्वामी बुध पत्रिका के अंदर राजयोग, बुधादित्य योग भी बन रहे हैं जो कि इनके टाटा के चेयरमैन बनने के सफर में सहायक भी सिद्ध हुए हैं। शुक्र, मंगल, सूर्य और बुध का एक साथ होना चतुर्ग्रही योग भी बना रहे हैं। बुध का स्वराशि का होना कार्यक्षेत्र में इन्हें अच्छी स्थिति हासिल करने वाला बनाता है।
उपोरक्त विवरण के अनुसार देखा जाये तो इन चार ग्रहों पर नीच शनि की दृष्टि भी पड़ रही है जिसके कारण इनके शुभ योग दूषित हो रहे हैं। यही कारण है कि इतने अच्छे पद से इन्हें हाथ धोना पड़ा और आरोप-प्रत्यारोपों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रहों की वर्तमान दशा भी कहती है कि इन्हें लंबे समय तक इन परेशानियों को झेलना पड़ सकता है। पत्रिका के अंदर काल सर्प दोष और चंद्रमा का केतु के साथ होना इनकी स्थिति को मजबूत होने की बजाय कमजोर बना रहा है।
गोचर कुंडली के अनुसार अक्तूबर में मान-सम्मान, धन-संपत्ति से परिपूर्ण करने वाला ग्रह, ग्रहों का राजा सूर्य नीच राशि का हो गया जिसके परिणामस्वरूप इनकी पद व प्रतिष्ठा को हानि पंहुची है। लगभग जनवरी 2017 तक इनके लिये परिस्थितियां विकट रहने के आसार हैं। लेकिन जनवरी के उपरांत कुछ अच्छा मार्गदर्शन होने की संभावना भी इनके लिये है। न्यायिक मामलों में भी इनके लिये यह समय उतार-चढ़ाव वाला रहने के आसार हैं।
नवांश कुंडली में भी शनि का नीच राशि का होना इस योग को पूर्ण बलि कर देता है। अंक ज्योतिष के हिसाब से भी इनका मूलांक 4 बनता है और भाग्यांक 8। मूलांक 4 राहू तो भाग्यांक 8 शनि का अंक माने जाते हैं अत: यह भी वर्तमान में कुंडली के अनुसार सही नहीं कहा जा सकता खासकर राहू तो इनके लिये विशेष रूप से हानिकारक चल रहा है।
कुल मिलाक सायरस शुभ ग्रहों के योग से अपने करियर या कहें व्यवसाय में बुलंदियों पर पंहुचे हैं और एक लिहाज से टाटा समूह में रहते हुए उनके कार्यकाल में समूह ने कुछ मामलों में काफी विस्तार भी किया है। लेकिन कहते हैं सितारे हमेशा बुलंदी में नहीं रहते क्या पता समय किस वक्त कौनसी करवट ले ले। एस्ट्रोयोगी की मिस्त्री को यही सलाह है कि ऐसे वक्त में धैर्य और संयम से काम लें। आवेश में आकर कोई निर्णय लेनें से बचें अन्यथा आपकी प्रतिष्ठा पर भी संकट मंडरा सकता है।
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