Diwali Pujan Samagri 2024: दिवाली का पर्व जीवन में खुशी और उल्लास लेकर आता है। प्रकाश का यह पर्व आपको जश्न मानाने का अवसर देता है। इसके साथ ही दीपावली को पूजा-पाठ की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर दीपावली पर पूरे विधि-विधान के साथ माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाए तो आपको सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आपके घर से सभी प्रकार की नकरात्मक ऊर्जा दूर हो जाती हैं। इस दिन अच्छे मन से पूजा-पाठ करने से आपको माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-समृद्धि का वास रहता है। दिवाली पूजा के लिए आपको एक विशेष पूजा विधि का पालन करना चाहिए। इसके लिए आपके पास पहले दिवाली पूजा की सामग्री का होना सबसे ज्यादा जरूरी है। साल 2024 में दीपावली का त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। तो चलिए जानें इस दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के लिए सामग्री और पूजा विधि से जुड़ी समस्त जानकारी।
लक्ष्मी पूजा के लिए कुछ विशेष पूजा सामग्री की जरूरत होती है। सही सामग्री का उपयोग करने से पूजा अधिक प्रभावी मानी जाती है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यहां है लक्ष्मी पूजा सामग्री की सूची (list of diwali pooja samagri) :
लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति
एक लाल कपड़ा
लकड़ी की चौकी
कलश
चावल (अक्षत)
रोली और हल्दी की गांठ
कलावा
कुमकुम
फूल और माला
दीपक और बाती
कपूर
धूपबत्ती
अगरबत्ती
नारियल
गेहूं
दूर्वा
पान और सुपारी
लौंग
घी
सिक्के (चांदी या तांबे के)
खील बताशे
मिठाई
पंचामृत
गंगाजल
रंगोली बनाने का सामान
यह सभी सामग्री पूजा में आवश्यक मानी जाती है और इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। पूजा सामग्री का सही और पवित्रता के साथ उपयोग करना पूजा को शुभ फल देता है।
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दीपावली की पूजा के लिए घर को अच्छी तरह से साफ़ कर लें। घर में कोई भी बेकार सामान न रखें। घर को गंगाजल से शुद्ध करना न भूलें।
पूजा के लिए सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी रख लें। चौकी को सजाने के लिए उसपर एक साफ़ लाल सूती कपड़ा बिछाएं और बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें।
जिस स्थान पर अनाज रखें, उसी के ऊपर आप कलश स्थापित करें। कलश को पानी और गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर भर दें। इसके अलावा कलश में सुपारी, एक गेंदे का फूल, सिक्का और थोड़े से चावल डालें।
कलश को नारियल और आम के पत्तों से सजाएं।
अब चौकी पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ती स्थापित करें। माता लक्ष्मी की मूर्ती के दाहिने ओर भगवान गणेश की मूर्ती रखें।
इसके बाद एक छोटी-सी थाली लें और उसमें थोड़े से चावल रखें। इसके बाद थोड़ी सी हल्दी डालें और कुछ सिक्के रख कर मूर्ति के सामने थाली को रख दें।
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक लगाएं और सामने रखे दीपक को प्रज्वलित करें।
भगवान के चरणों में फूल (विशेषकर कमल का फूल) अर्पित करें। अब पीले फूल को हाथ में लेकर भगवान का स्मरण करें। प्रार्थना करने के बाद वह फूल भी भगवान को चढ़ा दें।
गणेश-लक्ष्मी को हल्दी, रोली और कुमकुम लगाएं। इसके बाद नारियल, हल्दी की गांठ, सुपारी, पान, फल, मिठाई चढ़ाएं।
भगवान को माला पहनाएं और अगरबत्ती जलाएं। माता लक्ष्मी और गणेश जी के मन्त्रों का जाप करें।
आरती के साथ दीपावली की पूजा का समापन करें।
लक्ष्मी पूजा सामग्री का हर एक वस्तु का अपना विशेष महत्व होता है। दीपक अज्ञान के अंधकार को दूर कर ज्ञान के प्रकाश का प्रतीक है। फूल शुद्धता और भक्ति का प्रतीक होते हैं, जबकि सिंदूर और हल्दी शुभता और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। पान और सुपारी आदर और सम्मान का प्रतीक होते हैं, और सिक्कों का उपयोग देवी लक्ष्मी को धन के रूप में अर्पित किया जाता है।
दीपावली पूजा सामग्री का सही उपयोग करके और सही विधि से पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सही मुहूर्त में पूजा करना और शुद्ध मन से प्रार्थना करना अत्यंत आवश्यक है। आप पूजा के लिए एस्ट्रोयोगी के विशेषज्ञ ज्योतिषियों की सलाह भी ले सकते हैं। आपके लिए पहली कॉल या चैट बिलकुल मुफ्त है। हमारी शुभकामनाएं हैं कि दीपावली का यह पर्व आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।