Durga Puja Vidhi 2025: घर पर करें नौ दिनों की सही पूजा विधि

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Durga Puja Vidhi 2025: घर पर करें नौ दिनों की सही पूजा विधि

Durga Puja Vidhi 2025: क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रि केवल पूजा-पाठ तक सीमित क्यों नहीं रहती, बल्कि हर किसी के दिल में श्रद्धा और पॉजिटिव एनर्जी का खास अहसास क्यों जगाती है? भारत में साल भर में चार बार आने वाली नवरात्रियों में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता है। खासकर चैत्र नवरात्रि 2025 में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है, जहां हर दिन एक नया रूप, एक नई ऊर्जा और एक नया संदेश लेकर आता है।

मान्यता है कि इन नौ दिनों में सही विधि से पूजा करने पर घर में सुख-समृद्धि, शांति और पॉजिटिव वाइब्स का स्थायी वास होता है। यही वजह है कि भक्तजन घटस्थापना करते हैं, अखंड ज्योति जलाते हैं, व्रत रखते हैं और माता के मंत्रों का जाप कर भक्ति में लीन हो जाते हैं। तो चलिए जानते हैं चैत्र नवरात्रि 2025 की संपूर्ण पूजा विधि और नौ दिनों में मां के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना का महत्व।

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नवरात्रि में दुर्गा पूजा की सामान्य विधि (Navratri me Durga Puja Vidhi)

नवरात्रि की पूजा शुरू करने से पहले कुछ बुनियादी नियम और सामग्री का ध्यान रखना जरूरी है।

नवरात्रि में दुर्गा पूजा की आवश्यक सामग्री (Navratri me Durga Puja ki samgri)

  • माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र

  • लाल या पीली चुनरी

  • कलश और नारियल

  • आम के पत्ते

  • गंगाजल

  • रोली, चावल, मौली

  • अगरबत्ती, दीपक, घी

  • पुष्प, फल और मिठाई

  • जौ या गेहूं के दाने (बीज बोने के लिए)

नवरात्रि में दुर्गा पूजा की प्रारंभिक विधि (Navratri me Durga Puja ki Parmparik vidhi)

  1. स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।

  2. पूजा स्थल को स्वच्छ कर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।

  3. चौकी पर माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

  4. कलश स्थापना करें – कलश में गंगाजल, सिक्के, सुपारी डालें। उस पर नारियल और आम के पत्ते रखें।

  5. दीपक जलाएं और अखंड ज्योति प्रज्वलित करें।

  6. माता को रोली, चावल, फूल और भोग अर्पित करके पूजा प्रारंभ करें।

यह भी पढ़ें: शारदीय नवरात्रि 2025 कब है और कब से शुरू होगी?

नवरात्रि के नौ दिनों की दुर्गा पूजा विधि (Maa Durga Puja vidhi)

पहला दिन – मां शैलपुत्री

पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। ये पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं और स्थिरता व शक्ति की प्रतीक हैं।

  • पूजा में सफेद फूल अर्पित करें।

  • गाय का घी भोग लगाना शुभ माना जाता है।

  • पूजा से जीवन में साहस और स्थिरता आती है।

दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी

दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है। ये तप, संयम और साधना की देवी हैं।

  • मां को सफेद वस्त्र और कमल के फूल अर्पित करें।

  • शुद्ध घी का दीपक जलाएं।

  • इनकी पूजा से मानसिक शांति और धैर्य प्राप्त होता है।

तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। इनके माथे पर अर्धचंद्र होता है।

  • लाल वस्त्र और लाल फूल अर्पित करें।

  • शहद का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

  • इनकी पूजा से भय और नकारात्मकता दूर होती है।

चौथा दिन – मां कूष्मांडा

मां कूष्मांडा को ब्रह्मांड की सृष्टिकर्त्री माना जाता है।

  • इन्हें पुष्पों की माला अर्पित करें।

  • भोग में मालपुआ या मिठाई अर्पित करें।

  • इनकी पूजा से स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है।

पांचवां दिन – मां स्कंदमाता

मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं।

  • मां को पीले या सफेद फूल अर्पित करें।

  • भोग में केले अर्पित करना शुभ होता है।

  • इनकी पूजा से परिवार में सुख-शांति आती है।

छठा दिन – मां कात्यायनी

छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। विवाह और प्रेम में सफलता के लिए इनकी आराधना की जाती है।

  • मां को गुलाबी या लाल फूल चढ़ाएं।

  • शहद का भोग अर्पित करें।

  • पूजा से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।

सातवां दिन – मां कालरात्रि

मां कालरात्रि संकटमोचन और शत्रुनाशिनी मानी जाती हैं।

  • मां को लाल फूल चढ़ाएं।

  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

  • इनकी पूजा से भय, रोग और शत्रु नष्ट होते हैं।

आठवां दिन – मां महागौरी

मां महागौरी का स्वरूप श्वेत और शांत है।

  • मां को सफेद वस्त्र और पुष्प अर्पित करें।

  • हलवे का भोग लगाएं।

  • पूजा से मन की पवित्रता और शांति मिलती है।

नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री

नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। ये सभी सिद्धियों की दात्री हैं।

  • मां को लाल, पीले और सफेद फूल चढ़ाएं।

  • फल और मिठाई का भोग लगाएं।

  • इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है।

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कन्या पूजन का महत्व (Kanya Pujan)

नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी को कन्या पूजन किया जाता है। इसमें 8 या 9 कन्याओं को भोजन कराया जाता है। उन्हें उपहार, दक्षिणा और वस्त्र देकर सम्मानित किया जाता है। यह मां सिद्धिदात्री की कृपा पाने का सबसे सरल उपाय माना जाता है।

घर पर नवरात्रि पूजा करने की 7 आसान स्टेप्स

  1. घटस्थापना करें – मिट्टी के पात्र में जौ बोकर उस पर कलश स्थापित करें।

  2. कलश पूजन करें – गंगाजल, आम के पत्ते, नारियल से कलश को सजाएं।

  3. चौकी स्थापना करें – चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां की प्रतिमा रखें।

  4. अखंड ज्योति जलाएं – नौ दिनों तक दीपक जलता रहना चाहिए।

  5. दैनिक पूजा करें – फूल, धूप, दीप, भोग अर्पित करें और मां के मंत्र का जाप करें।

  6. आरती करें – सुबह-शाम आरती से वातावरण पवित्र होता है।

  7. कन्या पूजन करें – नवमी के दिन कन्याओं को भोजन और उपहार दें।

नवरात्रि में ध्यान रखने योग्य बातें

  • पूजा स्थल हमेशा स्वच्छ और पवित्र रखें।

  • नौ दिनों तक व्रत रखें और सात्विक भोजन करें।

  • नकारात्मक विचार और क्रोध से बचें।

  • माता को ताजे फूल और प्रसाद अर्पित करें।

  • मंत्र जाप और दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें।

चैत्र नवरात्रि 2025 सिर्फ उपवास या परंपरा निभाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह समय आत्मशुद्धि, साधना और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। यदि नौ दिनों तक मां दुर्गा के प्रत्येक स्वरूप की पूजा शास्त्रों के अनुसार की जाए, तो घर में सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली स्थायी रूप से आती है। नवरात्रि हमें यह संदेश देती है कि जब हम श्रद्धा और विश्वास से माता की आराधना करते हैं, तो वे हमारी हर कठिनाई का समाधान करती हैं और जीवन को नई दिशा देती हैं।

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