Gautam Adani Kundli: अडानी संकट- राजनेताओ से मेल या सितारों ने बिगाड़ा खेल?

Thu, Mar 28, 2024
राजदीप पंडित
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 Gautam Adani Kundli: अडानी संकट- राजनेताओ से मेल या सितारों ने बिगाड़ा खेल?

गौतम अडानी दुनिया में सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में तीसरे स्थान से 22 वें स्थान पर आ गए हैं। इसके पीछे केवल शेयर्स ही नहीं बल्कि कुछ ऐसे ज्योतिषीय कारण भी मौजूद हैं जो उनके जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। क्या आप इसके पीछे के ज्योतिषीय कारण जानना चाहते हैं? अगर हाँ, तो इस लेख को आगे जरूर पढ़ें।

अडानी के सफल व्यापारी बनने की कहानी

गौतम शांतिलाल अडानी (Gautam Shanti Lal Adani) एक बहुत ही आम व्यक्ति से व्यापारी बने। उनके माता-पिता के सात बच्चे थे, उनके  घर की आर्थिक स्तिथि कमजोर थी। उनके पिता एक कपड़ा व्यापारी थे। अडानी हीरे का काम शुरू करने के लिए मुंबई चले गए। उनकी पहली नौकरी 2-3 साल तक चली, लेकिन तब तक, उन्होंने व्यापार की बारीकियों को समझ लिया था। 

अदानी ग्रुप के फाउंडर गौतम अडानी (Gautam Adani) ने शुरुआती जीवन में डायमंड ट्रेडिंग का काम शुरू किया। प्लास्टिक फैक्ट्रियों के कारोबार का विस्तार करने के बाद, अडानी ने छोटे-छोटे कामों के लिए पॉलिमर इम्पोर्ट करने का कारोबार शुरू किया। जिसके बाद गौतम अडानी ने साल 1988 में अदानी कमोडिटी एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कंपनी की स्थापना की। जिसका नाम बदलकर अब अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड कर दिया गया है। जो अदानी ग्रुप के कंट्रोल में चलती है। यह कंपनी कृषि के सामान से लेकर बिजली आदि के सामान का कारोबार करती है।

अडानी भारत के उन गिने-चुने उद्योगपतियों में से एक हैं जो अपनी मेहनत और हुनर ​​के दम पर इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा करने में कामयाब रहे। गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962 को अहमदाबाद गुजरात में हुआ था। 2020 में, उन्होंने अपनी संपत्ति को $35 बिलियन तक बढ़ा दिया, जब पूरी दुनिया COVID-19 के प्रभाव से जूझ रही थी।

अडानी समूह को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, हम इसका विश्लेषण करेंगे कि क्या सब सही समय फिर से सही हो जायेगा ?

ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के अनुसार, गौतम अडानी के व्यापार को विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है और उनका बिजनेस इकनोमिक रूप से अप्रैल 2025 तक कई परेशानियों, लीगल इशू और इकनोमिक क्राइसेस से घिरा रह सकता है। 

1990 से 2007 तक उनके कारोबार में वृद्धि हुई क्योंकि इस बीच गौतम अडानी की कुंडली में बुध की दशा थी। कुंडली में बुध, लग्न और चतुर्थ भाव का स्वामी होते हैं। 12वें भाव में बुध  के बैठे होने के कारण, विदेशों में संबंध स्थापित होते हैं। 1990 में, पीवी नरसिम्हा राव सरकार में उद्योगपतियों के लिए व्यापार उदारीकरण (privatization) की नीति दी, जिसके कारण लाइसेंस राज समाप्त होना शुरू हो गया।

गौतम अडानी ने अपना व्यवसाय शुरू किया और उन्होंने कपड़ा, बिजली, बंदरगाह, ऊर्जा, पेट्रोलियम आदि क्षेत्रों में अपना व्यापार स्थापित किया। 2007 में, केतु दशा ने इस काम को सफल बना दिया क्योंकि शनि की राशि में आठवें घर में बैठे केतु ने दूसरे घर को देखा जहां शुक्र और राहु ने धन के घर में वृद्धि की।

2014 से कुंडली में शुक्र की दशा चल रही थी जो चंद्र राशि में राहु के साथ दूसरे भाव में विराजमान थे। 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद अडानी के व्यापार में और सितारे जुड़ गए। लेकिन शनि की साढ़े साती के प्रभाव से आठवें भाव में बदलाव होने के कारण, विवाद और बदनामी का सामना करना पड़ा।

17 जनवरी 2023 को जब शनि मकर राशि से कुम्भ राशि में चले गए तो गुरु और चंद्र का योग गजकेसरी योग नवम भाव में बन गया लेकिन वहां शनि के आने से पुराने विवाद और उनकी बदनामी होने लगी। इस बीच, गौतमी अडानी एक नए आरोप से घिर गए, एक अमेरिकी शोध कंपनी हिंडनबर्ग (hindenburg research) ने अडानी पर अपनी कंपनी में महत्वपूर्ण धोखाधड़ी और शेयरों में छेड़छाड़ का आरोप लगाया।

लग्नेश बुध के 12वें भाव में बैठे होने के कारण, गौतम अडानी के जीवन में कई अप्रत्याशित घटनाएं भी घटी हैं जैसे एक बार उनका अपहरण हुआ था। यह घटना मुंबई के ताज में हुई थी। 

आजकल NDTV में होल्डिंग और उसके शेयर खरीदने के लिए अडानी का नाम फिर चर्चा में आया। वर्तमान स्थिति में शनि की साढ़े साती के कारण कुछ दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन ग्रहों की स्थिति मजबूत होने के कारण अदानी की वापसी भी संभव होगी। लेकिन उनके ऊपर से दुनिया के सबसे अमीर आदमी का ठप्पा हट जाएगा और वो इस लिस्ट में काफी नीचे आ जाएंगे।

एक मौजूदा गणना के अनुसार, अडानी की कंपनियों पर कर्ज के कारण, कुछ समय के लिए उन पर भरोसा नहीं किया जाएगा, शेयर की कीमत बहुत जल्दी नहीं बढ़ेगी। इनकी कुण्डली में मंगल और सूर्य की स्थिति इन्हें बलवान बनाती है और ये गुप्त रूप से हर तथ्य को देखते हैं और प्राप्त करते हैं। 

अष्टमेश का नवम भाव से संबंध बहुत अच्छा होता है। ऐसे व्यक्ति को अपने कार्य का विशेष ज्ञान होता है। अष्टम भाव में केतु, जातक की धार्मिक प्रवृत्ति का होता है, जिसके कारण व्यक्ति सरकार से लाभ प्राप्त करता है और तीसरे भाव में सूर्य लाभ का स्वामी होने के कारण, भाइयों और अन्य करीबी रिश्तेदारों के साथ अच्छे संबंध बनाता है, लेकिन कभी-कभी करीबी व्यक्ति के कारण बदनामी हो सकती है। 

भारत की कुंडली में शनि का गोचर शुभ फल नहीं देगा, पुराना उद्योगपति अपना वर्चस्व खोकर नया करोड़पति बनेगा। भारतीय कुंडली और उसकी स्थिति का स्वामी शनि होने के कारण, बाहरी लोग देश की आर्थिक और कामकाज के तौर-तरीकों पर सवाल उठाएंगे। आने वाले समय के बारे में एस्ट्रोयोगी की भविष्यवाणी, गौतम अडानी की कंपनी में शेयर लेना बहुत फायदेमंद नहीं होगा क्योंकि अगले 3 सालों तक कोई बड़ा सुधार नहीं होगा।

गौतम अडानी की कंपनी के शेयर ज्यादा दिनों तक गड़बड़ नहीं रहेंगे, लेकिन 2025 के बाद अडानी की अगली पीढ़ी सब संभाल लेगी और सब कुछ वापस आ सकता है।

 

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