
Guru Grah Naukari Upay: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है, ठीक वैसे ही बृहस्पति भी सूर्य के बाद सबसे बड़ा ग्रह है। इससे जुड़ी कई मान्यता आपने सुनी है, जैसे बृहस्पति कमजोर होने से आपके जीवन में कुछ रुकावटें देखने को मिलती है। ज्योतिष में कहा जाता है जन आपकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर होता है तो आपको असफलताओं का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु ग्रह को ब्रह्मांड का ‘साक्षात ज्ञान’ कहा गया है। यह ग्रह व्यक्ति की शिक्षा, धन, संतान, शादी और जीवन में तरक्की का कारक होता है। लेकिन जब कुंडली में गुरु कमजोर या पाप ग्रहों से पीड़ित होता है, तो इसका असर करियर, हेल्थ, शादी, और सामाजिक प्रतिष्ठा पर भी पड़ता है।
तो अगर आपको भी लग रहा है कि लाख मेहनत के बाद भी तरक्की की राह रुकी हुई है, तो जरूरी है कि आप अपने गुरु ग्रह की स्थिति की जांच करवाएं और नीचे बताए गए उपाय करें।
इसलिए इस आर्टिकल में हम बृहस्पति से जुड़ी जानकारी के बारें में जानेंगे। इसके कमजोर होने के कारण और उसके उपाय भी जानेंगे।
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में बृहस्पति के कमजोर होने के लक्षणों के बारें में बताया गया है कि जब बृहस्पति कमजोर होता है तो अचानक असफलता मिलती है। साथ ही धन की कमी होने लगती है। कुंडली में बृहस्पति का गलत स्थान पर होना इसको कमजोर बनाता है। साथ ही इसका आपकी राशि के अंकुल राशि में गोचर करना भी इसको कमजोर बनाता है। इसलिए हिन्दू धर्म में मान्यताएं हैं कि गुरुवार के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए, और न ही किसी को धन देना चाहिए। और शुभ कार्य करने से भी बचना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार गुरु ग्रह व्यक्ति के जीवन में निम्न चीजों का प्रतिनिधित्व करता है:
शिक्षा और ज्ञान
भाग्य और धर्म
धन और वैभव
संतान और विवाह
गुरु-शिष्य संबंध
नैतिकता और धार्मिकता
अगर ये सारे पहलू किसी के जीवन में संघर्षपूर्ण हो रहे हों, तो समझ लेना चाहिए कि गुरु ग्रह अनुकूल स्थिति में नहीं है।
बार-बार जॉब में प्रमोशन टलना।
मेहनत के बावजूद मनचाहा रिजल्ट न मिलना।
शादी में अवरोध या देरी।
संतान सुख में बाधा।
शारीरिक समस्याएं जैसे लीवर, फैट, डायजेशन, कान और नाक से संबंधित रोग।
धार्मिक कार्यों से दूरी या गुरुओं के प्रति सम्मान में कमी।
सपनों में बार-बार सांप दिखाई देना।
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गुरुवार का व्रत रखने से गुरु ग्रह शांत होता है और उसका दोष भी कम होता है। खासतौर पर अविवाहित कन्याओं के लिए यह व्रत विवाह की बाधा दूर करता है।
गुरुवार के दिन “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” मंत्र का 3, 5 या 16 माला जाप करें।
साथ ही “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप भी शुभ फल देता है। इससे गुरु का प्रभाव बढ़ता है।
गुरुवार के दिन पीले वस्त्र पहनें और नहाने के पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाएं। यह उपाय गुरु को प्रसन्न करता है।
गुरुवार को केले का पौधा लगाएं और उसमें जल अर्पित करें। इससे गुरु ग्रह मजबूत होता है और धन-वैभव में वृद्धि होती है।
हल्दी, चना दाल, बेसन, केसर, पीले वस्त्र और पीतल के बर्तन किसी गरीब ब्राह्मण को दान करें। इससे शुभता बढ़ती है।
ज्योतिष सलाह से पुखराज रत्न या उसका उपरत्न सुनेला या सोनल धारण करें। ये रत्न गुरु की ऊर्जा को सक्रिय करते हैं। ध्यान रहे कि रत्न हमेशा योग्य एस्ट्रोलॉजर की सलाह से ही पहनें।
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति की पूजा करें। विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा या बृहस्पति चालीसा का पाठ विशेष फलदायी होता है।
गुरु ग्रह बड़ों का कारक है, अतः माता-पिता, गुरु और बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने से कुंडली का गुरु बलवान होता है।
इस दिन व्रत के साथ-साथ भोजन में नमक न लेने की परंपरा है। यह संयम गुरु ग्रह को शांत करता है।
अगर आपकी कुंडली में गुरु बेहद कमजोर है तो एस्ट्रोलॉजर की सलाह से तर्जनी अंगुली में सोने की अंगूठी पहनें। यह उपाय भी गुरु दोष शमन में सहायक होता है।
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ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः
ॐ बृं बृहस्पतये नमः
ॐ बृहस्पतये नमः
इन मंत्रों का नियमित जाप गुरुवार के दिन तुलसी या हल्दी की माला से करें।
हर गुरुवार गरीब बच्चों को शिक्षा सामग्री जैसे किताबें, पेन, कॉपी दान करें।
गुरुवार को किसी मंदिर में पीली मिठाई जैसे बेसन के लड्डू चढ़ाएं।
गुरुवार के दिन किसी विद्यार्थी या ब्राह्मण को भोजन करवाएं।
तीर्थ यात्रा या धार्मिक स्थानों पर जाकर पीले फूलों से भगवान विष्णु की पूजा करें।
गलत संगति और बड़ों का अपमान
धर्म और सत्य के मार्ग से भटकाव
शिक्षक या गुरु का अपमान
पीले रंग या बृहस्पति से संबंधित वस्तुओं का तिरस्कार
जीवन में नियमहीनता और आलस्य
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गुरु ग्रह के उपाय न केवल ज्योतिषीय दृष्टिकोण से उपयोगी हैं, बल्कि ये व्यक्ति के जीवन में अनुशासन, धर्म और श्रद्धा भी लाते हैं। जब गुरु प्रसन्न होता है, तो व्यक्ति का भाग्य उसका साथ देता है। शिक्षा, करियर, विवाह, और स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है।
इसलिए, अगर आप भी जीवन में परेशानियों से जूझ रहे हैं और तरक्की का रास्ता अवरुद्ध लग रहा है, तो एक बार कुंडली में गुरु की स्थिति जरूर जांचें और उपयुक्त उपाय अपनाएं। गुरु की कृपा से सब संभव है।
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