Guru Pushya Yog 2025: गुरु पुष्य योग को ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ योग माना जाता है। यह योग विशेष रूप से धन, समृद्धि, और जीवन में स्थिरता लाने वाला होता है। इस दिन किए गए कार्यों का फल कई गुना अधिक मिलता है, और इसे नए व्यवसाय, निवेश और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत के लिए अच्छा माना जाता है। गुरु पुष्य योग में किया गया दान, स्नान, पूजा-पाठ और जप-तप का विशेष महत्व होता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार पुष्य नक्षत्र को शुभ और स्थिरता लाने वाला नक्षत्र माना जाता है। जब यह नक्षत्र बृहस्पति (गुरु) के साथ संयोग करता है, तब यह योग और भी विशेष बन जाता है, जिसे गुरु पुष्य योग कहा जाता है। यह योग आपके जीवन में सफलता, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लाने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
साल 2025 में गुरु पुष्य योग तीन बार बनने जा रहा है। ये योग विशेष रूप से शुभ कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं साल 2025 में कब-कब यह योग बनेगा:
तिथि |
प्रारंभ का समय |
समाप्ति का समय |
24 जुलाई 2025, गुरुवार |
शाम 04:43 बजे |
25 जुलाई 2025, सुबह 05:54 बजे |
21 अगस्त 2025, गुरुवार |
सुबह 06:05 बजे |
22 अगस्त 2025, रात 12:08 बजे |
18 सितंबर 2025, गुरुवार |
सुबह 06:14 बजे |
19 सितंबर 2025, सुबह 06:32 बजे |
गुरु पुष्य योग के दौरान किए गए कार्यों को विशेष रूप से शुभ और सफल माना जाता है। इस समय का प्रयोग सोना-चांदी खरीदने, संपत्ति में निवेश करने, और नए व्यवसाय की शुरुआत के लिए किया जा सकता है। गुरु पुष्य योग में किए गए धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य विशेष रूप से फलीभूत होते हैं।
धन और कीमती धातुओं की खरीदारी
गुरु पुष्य योग में सोना, चांदी, या अन्य कीमती धातुओं की खरीदारी अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस समय किए गए निवेश से समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
रियल एस्टेट में निवेश
यदि आप संपत्ति खरीदने या किसी बड़े प्रोजेक्ट में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो गुरु पुष्य योग एक उत्कृष्ट समय होता है। इस समय ग्रहों की स्थिति संपत्ति संबंधी कार्यों के लिए अनुकूल मानी जाती है।
वाहन खरीदें
इस योग के दौरान वाहन खरीदना भी शुभ माना जाता है। चाहे आप कार खरीदने की सोच रहे हों या बाइक, इस समय लिया गया निर्णय भविष्य में आपको लाभ पहुंचा सकता है।
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गुरु पुष्य योग के दौरान ग्रहों और नक्षत्रों की ऊर्जा अनुष्ठानों, मंत्र साधना, और पूजा-पाठ में अत्यंत सकारात्मक प्रभाव डालती है। इस योग में किए गए यंत्र-तंत्र के कार्य भी सफल होते हैं। इस दौरान धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है।
गुरु पुष्य योग के दौरान धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करना और भगवान को प्रसाद अर्पित करना अत्यंत फलदायी होता है। इस योग में गायों को गुड़ और रोटी खिलाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है, और इससे जीवन में स्थिरता और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
गुरु पुष्य योग में सोना-चांदी खरीदना, संपत्ति और वाहन खरीदारी, और अन्य शुभ कार्य करने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है। लेकिन इस समय विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह योग विवाह के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।
इस समय का सदुपयोग करने से जीवन में स्थिरता, सफलता और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। यदि आप जीवन में कोई बड़ा कदम उठाने की योजना बना रहे हैं, तो गुरु पुष्य योग निश्चित रूप से आपके लिए उपयुक्त समय है।