भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है जिसके स्वामी शुक्र हैं। वृषभ लग्न व लग्नेश शुक्र दोनों को ही स्वभाव से शांत माना जाता है। इसी कारण भारत का स्वभाव भी क्षमाशील है। भारत उग्रता का परिचय बहुत ही अति होने के बाद देता है। इसके विपरीत पाकिस्तान की कुंडली को देखा जाये तो वह मेष लग्न की बनती है जिसके स्वामी मंगल हैं। मेष लग्न व लग्नेश मंगल दोनों की प्रकृति में आक्रामकता नीहित होती है। मंगल ग्रह को युद्ध का कारक माना जाता है। इसलिये उग्रता पाकिस्तान के स्वभाव में ही है और अपने स्वभाव को कोई त्याग नहीं सकता। भारत की नरमी और पाक की गरमी को आप भारत-पाक के संबंधों में शुरुआत से ही देख सकते हैं।
लग्न ही नहीं यदि राशिनुसार भी आकलन किया जाये तो भारत की राशि कर्क है जिसके स्वामी चंद्रमा हैं। चंद्रमा को भी शीतलता व शांति का प्रतीक माना जाता है। भारत तो हमेशा से ही शांतिदूत के रूप में जाना जाता रहा है। वहीं पाकिस्तान की राशि मिथुन है जिसके स्वामी बुध हैं। बुध का स्वयं अपना कोई अस्तित्व नहीं होता वह हमेशा दूसरों पर आश्रित रहता है और उनकी सोच से अपना कार्य करता है। लेकिन चंद्रमा से बुध का संबंध शत्रुवत माना जाता है। हालांकि पौराणिक कथाओं में बुध को चंद्रमा का पुत्र माना जाता है और चूंकि चंद्रमा ने बुध की मां तारा से छल किया इस कारण बुध का उससे शत्रुवत सबंध है। यही कारण है कि भारत से पाकिस्तान का संबंध शत्रुता का रहता है।
इस प्रकार जन्म कुंडली के अनुसार लग्न, लग्नेश, राशि आदि के आकलन से भारत और पाकिस्तान का संबंध आरंभ से ही शत्रुवत रहा है। भारत की राशि से पाकिस्तान की राशि 12वीं होने के कारण आपसी प्यार-प्रेम की कमी लगातार दोनों देशों में बनी रहती है। ग्रहों के बीच मैत्री न होने से भी दोनों देश एक दूसरे को राजनीतिक रूप से हमेशा नीचा दिखाने का प्रयास करते रहते हैं। यदि वर्ष 2019 में ग्रहों की दशानुसार आकलन करें तो भारत-पाकिस्तान के बीच 2019 में किसी बड़े युद्ध की संभावनाएं तो कम हैं लेकिन सीमाओं पर स्थिति तनावपूर्ण व छिटपुट घटनाएं देखने को मिल सकती हैं।
वर्ष का आरंभ कन्या लग्न व तुला राशि में हो रहा है। वर्ष लग्न स्वामी व पाकिस्तान की राशि के स्वामी बुध हैं जो वर्ष लग्न से नव वर्ष आगमन के समय तीसरे स्थान में गुरु के साथ गोचर कर रहे हैं वहीं भारत की कुंडली में लग्न व 2019 की वर्ष राशि स्वामी शुक्र चौथे स्थान में विराजमान हैं। वर्ष की शुरुआत सौहार्दपूर्ण रहने के आसार हैं। हालांकि भारत को लगातार सचेत रहने की आवश्यकता बनी रहेगी। नव वर्ष की शुरुआत खुशहाल हो इसके लिये भारत में कुछ स्थानों पर चौकसी भी बढ़ाई जा सकती है। हालांकि बहुत ज्यादा चिंताजनक स्थिति इस समय नहीं कही जा सकती लेकिन मार्च में राहू भारत की राशि से निकल कर राशि से 12वें स्थान में चले जायेंगें। इस समय अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर माहौल भारत के पक्ष में बन सकता है। रक्षा बजट भी भारत को बढ़ाने की आवश्यकता पड़ेगी। हालांकि इसी समय केतु का शनि के साथ आना रिश्तों में कड़वाहट लायेगा। आपसी द्वंद और बढ़ने के आसार बन सकते हैं। अप्रैल से लेकर अगस्त के बीच बृहस्पति व शनि के वक्री होने के कारण विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता दोनों देशों को होगी। इस समय परिस्थितियां तनावपूर्ण हो सकती हैं। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी घटना को अंजाम देने के प्रयास भी इस समय हो सकते हैं। इसके अलावा समय दोनों देशों में सौहार्द बढ़ाने के लिये प्रयास किये जाने के संकेत कर रहा है।
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