
International Yoga Day 2025: हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के करोड़ों लोगों के लिए खास होता है। योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और मानसिक अनुशासन है जो शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है। वर्ष 2025 में यह योग दिवस का 11वां संस्करण होगा और इसकी थीम पहले से भी ज्यादा गूंजदार और प्रभावशाली रखी गई है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं योग दिवस का इतिहास, महत्व, इस साल की थीम और 21 जून की खासियत।
योग प्राचीन भारत की एक अनमोल देन है, जो आज पूरी दुनिया को एक स्वस्थ जीवन जीने का मार्ग दिखा रही है। इसकी महत्ता को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में एक प्रस्ताव रखा कि योग को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलनी चाहिए। इस प्रस्ताव को रिकॉर्ड समय में 177 देशों ने समर्थन दिया, जो संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था।
11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया और इसके बाद पहली बार 2015 में यह दिन वैश्विक स्तर पर मनाया गया। भारत में इसकी शुरुआत राजपथ, दिल्ली पर प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में 35,000 लोगों के साथ सामूहिक योगाभ्यास से हुई थी।
यह सवाल हर किसी के मन में आता है कि आखिर 21 जून की तारीख ही क्यों चुनी गई? इसका उत्तर प्रकृति और आध्यात्म से जुड़ा हुआ है।
ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice): 21 जून को पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध सूर्य के सबसे करीब होता है और यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। इसे अध्यात्मिक रूप से ऊर्जा का दिन माना जाता है।
प्राचीन भारत में इसे सूर्य उपासना और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना गया है। इसलिए इस दिन योग को समर्पित करना बेहद सार्थक और प्रभावशाली निर्णय था।
योग दिवस का मुख्य उद्देश्य केवल एक दिन योग करना नहीं है, बल्कि यह है कि लोग अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करें और एक स्वस्थ, संतुलित और तनावमुक्त जीवन जी सकें। इसके साथ ही, यह दिवस लोगों को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त करने का संदेश देता है।
इसके मुख्य उद्देश्य:
योग के प्रति लोगों को जागरूक बनाना
एकता और शांति का संदेश फैलाना
स्वास्थ्य में सुधार के लिए योग को जीवन का हिस्सा बनाना
वैश्विक स्वास्थ्य संकटों के बीच एक सशक्त उपाय के रूप में योग को बढ़ावा देना
हर साल योग दिवस की एक खास थीम रखी जाती है, ताकि उस वर्ष वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लोगों को योग से जोड़ने का प्रयास किया जा सके। 2025 में थीम है – ‘Yoga for One Earth, One Health’ यानी ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’।
इस थीम के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि:
एक स्वस्थ जीवन केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामूहिक ज़िम्मेदारी है।
हमारी पृथ्वी और हमारे स्वास्थ्य का सीधा संबंध है।
यदि हम योग को अपनाएं, तो न केवल हम स्वयं स्वस्थ रहेंगे बल्कि पर्यावरण, समाज और समग्र पृथ्वी की भलाई में भी योगदान देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान इस थीम की घोषणा करते हुए कहा कि “योग केवल आत्मिक साधना नहीं, बल्कि वैश्विक कल्याण की दिशा में एक कदम है।”
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योग को अपने जीवन में शामिल करने से आप न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनते हैं। यहां जानिए योग के कुछ प्रमुख फायदे:
1. शारीरिक लाभ:
शरीर में लचीलापन बढ़ता है
वजन नियंत्रित रहता है
मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं
डायबिटीज़, हाई बीपी, थायराइड जैसी बीमारियों से राहत मिलती है
2. मानसिक लाभ:
तनाव और चिंता कम होती है
फोकस और एकाग्रता बढ़ती है
नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है
डिप्रेशन से लड़ने में मदद मिलती है
3. आध्यात्मिक लाभ:
आत्मा और शरीर में तालमेल बैठता है
ध्यान की शक्ति बढ़ती है
जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनता है
1. सामूहिक योग कार्यक्रम में भाग लें:
अपने शहर या कस्बे में आयोजित होने वाले सामूहिक योग कार्यक्रमों में भाग लें। सरकार और स्थानीय संस्थाएं बड़े स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित करती हैं।
2. ऑनलाइन योग सेशन:
अगर आप कहीं बाहर नहीं जा सकते, तो आप YouTube या Zoom पर लाइव योग सेशन जॉइन कर सकते हैं।
3. परिवार के साथ योग करें:
घर पर ही अपने परिवार के साथ मिलकर योग अभ्यास करें। इससे बच्चों को भी योग के प्रति रुचि बढ़ेगी।
4. योग पर जागरूकता फैलाएं:
सोशल मीडिया के जरिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को योग के लाभ बताएं। इससे ज्यादा लोग प्रेरित होंगे।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बच्चों और युवाओं पर भी तनाव और मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है। पढ़ाई, करियर और सोशल मीडिया के प्रेशर के कारण मेंटल हेल्थ पर असर होता है। ऐसे में योग उनके लिए वरदान है।
एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है
स्मार्टफोन एडिक्शन से राहत मिलती है
शारीरिक रूप से एक्टिव रहते हैं
आत्मविश्वास में वृद्धि होती है
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साल 2025 की थीम “One Earth, One Health” इस बात को रेखांकित करती है कि यदि हम पृथ्वी को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो हमें खुद भी स्वस्थ रहना होगा। योग के अभ्यास से हम पर्यावरण के प्रति जागरूक होते हैं:
प्रकृति के साथ जुड़ाव बढ़ता है
जरूरत से ज्यादा संसाधनों की खपत से बचते हैं
आत्म-अनुशासन से हम पर्यावरण के लिए बेहतर निर्णय लेते हैं
International Yoga Day 2025 सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक संकल्प है – अपने और अपनी पृथ्वी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए। योग का अभ्यास हमें न केवल फिट बनाता है, बल्कि विचारों को भी शुद्ध करता है। 21 जून को योग दिवस मनाकर हम न केवल अपनी संस्कृति का सम्मान करते हैं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य और शांति की दिशा में भी योगदान देते हैं।
तो इस साल योग दिवस की थीम ‘Yoga for One Earth, One Health’ को अपनाइए और योग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाइए। याद रखिए, स्वस्थ जीवन ही सच्चा जीवन है।
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