गुरु को वैदिक ज्योतिष में आध्यात्म का कारक माना जाता है। गुरु की कृपा से जातक जीवन में उच्च शिक्षा व सम्मान प्राप्त करता है। गुरु के वक्री हो जाने से इसका परिणाम भी बदल जाता है। इसके कुछ परिणाम जातक के लिए नकारात्मक हो जाते हैं। परंतु ज्यादातर यह नुकसान नहीं पहुंचाता है। कुछ परेशानियां पैदा हो जाती हैं। गुरु का वक्री होना खासकर इन राशियों के जातकों के लिए परेशानी वाला हो सकता है, जिसके बारे में हम यहां जानकारी देने वाले हैं। गुरु इस बार 14 मई 2020 को 8 बजकर 01 मिनट पर मकर राशि में वक्री हो रहे हैं और ये 30 जून को वक्री रहते हुए ही धनु राशि में प्रवेश कर करेंगे तथा 13 सितंबर 2020 को ये एक बार फिर सीधी स्थिति यानी की मार्गी हो जाएंगे। इस अवधि के दौरान गुरु का व्यापक प्रभाव हम पर होगा।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए गुरु का मकर राशि में वक्री होना, उन्हें आध्यात्म से दूर कर सकता है। आपको इस समय अपने मन पर काबू रखना होगा। इसके साथ ही आपको मानसिक तनाव भी हो सकता है। वैवाहिक जातकों के लिए यह समय कुछ उतार चढ़ाव भरा रहने वाला है। मेष राशि के जातक जो विद्यार्थी है व शिक्षा क्षेत्र में उन्हें इस अवधि में परिश्रम करना होगा।
वृषभ राशि
मकर राशि में बृहस्पति का वक्र अवस्था में चेलना आप के लिए सामान्य रहने वाला है। परंतु इसका मतलब यह नहीं की आप लापरवाह हो जाएं। इस समय में आपको अपने आध्यात्मिक पहलुओं पर ध्यान देना होगा। इसके साथ ही जो जातक इस समय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं वो अपने पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें। परिवार के लिए भी समय कुछ परेशानी वाला हो सकता है।
मिथुन राशि
गुरु का मकर में वक्री होना मिथुन राशि के जातकों के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता है। इस समय मिथुन जातकों को अपने कार्य के साथ ही सेहत पर भी ध्यान देना होगा। किसी भी तरह की लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है। प्रेमी जातक भी अपने साथी के साथ धैर्य से रहे। इस समय आपको एक दूसरे के ऊपर भरोसा करना होगा। वित्तीय स्थिति में अस्थिरता आ सकती है। समय के साथ सब ठीक हो जाएगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु का मकर राशि में उल्टी दिशा में चलना बेहद अच्छा संकेत दे रहा है। इस समय कर्क जातक अपना कोई भी नया कार्य शुरू करने विचार कर सकते हैं। निवेश से पहले पूरी जानकारी हासिल कर लें। इसके पूर्व आपको अपने सहयोगी व शुभचिंतकों से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए। व्यापार में भी जातकों को इस अवधि में लाभ मिल सकता है। कुल मिलाकर समय आपके हित में रहने का संकेत दे रहा है।
सिंह राशि
गुरु का मकर राशि में वक्री होना सिंह राशि के जातकों के लिए कुछ खास संकेत नहीं दे रहा है। इस समय सिंह राशि के जातकों को धैर्य से काम लेने की आवश्यकता है। आवेश में आकर कोई भी काम न करें। इस दौरान आपको किसी भी तरह की जल्दबाजी करना भारी पड़ सकता है। आपको अपने कार्यों को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। किसी पर भी निर्भर न हों तो बेहतर होगा।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु का मकर राशि में वक्र होना सामान्य रहने वाला है। इस समय आपको कार्य पूर्ण करने के लिए विवेक व योजना के साथ काम करना होगा। इसके साथ ही जो जातक व्यापारी या उच्च पद पर हैं उनके लिए समय थोड़ा तनाव वाला हो सकता है। इस बीच आपको कोई नई ज़िम्मेदारी मिल सकती है। लेकिन इसका तनाव आपको होगा। जो जातक नया जॉब तलाश रहे हैं उनकी यह तलाश खत्म होने में कुछ समय लग सकता है।
तुला राशि
तुला जातकों के लिए गुरु का मकर राशि में वक्री अवस्था में होना कुछ खास नहीं रहने वाला है। आपको हर कार्य को पूर्ण करने के लिए पहले से अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता होगी। किसी भी तरह का आलस करना आपके लिए ठीक नहीं है। जीवन के हर पहलू पर आपको सावधान व धैर्य से काम लेने की जरूरत है। संबंधों में भी आपको ऐसा ही रहना है। जल्दबाजी में कोई भी फैसला न करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु का मकर राशि में वक्री स्थिति में आना सामान्य रहने वाला है। आप सभी जातकों को संवेदनहीनता से बचना होगा। इस समय अपने सेहत पर विशेष ध्यान दे, साथ ही कोई कार्य किसी और के भरोसे न छोड़ें। इससे आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रेमी जातकों के लिए भी समय ठीक नहीं है। संभल कर साथी की भावनाओं का ख्याल रखें। नोक झोंक से बचें।
धनु राशि
गुरु का वक्र अवस्था में मकर राशि में होना आपके लिए सामान्य है। आपके सारे काम बनेंगे। परंतु आपको इसके लिए परिश्रम करना होगा। जिन कार्यों को पूरा करने के लिए आप अथक परिश्रम कर रहे थे वह इस समय पूरा हो सकता है। इसके साथ ही जातकों को व्यापार व धन लाभ होने में कुछ समय लग सकता है। साथी के साथ समय अच्छा बितेगा। परंतु बीच बीच में कुछ उतार चढ़ाव आ सकता है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए गुरु का उनकी ही राशि में वक्री होना सही नहीं हैं। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक मकर में गुरु वक्री होने पर मकर राशि के जातकों के लिए नकारात्मक परिणाम देता है। मकर जातकों को इस समय अपने कार्य को पूरा करने में अपना शत प्रतिशत देना होगा। ऐसा न करने पर आपका काम अटक सकता है। व्यापारियों के लिए भी समय समान रहेगा। हर कार्य को गंभीरता से लें। सेहत पर भी ध्यान दें।
कुंभ राशि
गुरु का मकर राशि में वक्री होना कुंभ राशि के जातकों के लिए ठीक रहने वाला है। जो जातक व्यापारी हैं उनके लिए समय उचित नहीं है। व्यापार में निवेश करने से पहले अपने सलाहकार से बात जरूर करेंं। यह आपके लिए फ़ायदेमंद होगा। करियर के लिहाज से समय आपके हित में है परिश्रम करें सफलता मिल सकती है। इसके साथ ही जो जातक वैवाहिक जीवन में उन्हें भी इस समय अपने साथी के साथ तालमेल बना कर चलना होगा। संयम से काम लें।
मीन राशि
मीन राशि की बात की जाए तो गुरु का वक्री होना आप जातकों के लिए ठीक रहने वाला है। काफी समय से अटका कार्य इस समय पूरा हो सकता है। लेकिन इसके आपको परिश्रम करना होगा। व्यापारी जातकों के लिए समय अच्छा है व्यापार में आपको लाभ हो सकता है। इसके साथ ही जो जातक नौकरीपेशा हैं उन्हें भी करियर में स्थिरता मिल सकती है। साथी के साथ संबंध अच्छे हो सकते हैं इसके लिए आपको पहल करना होगा।
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