Dussehra 2023 Date and Vijyadashami Muhurat:दशहरा, भारत के सबसे भव्य रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। हिन्दू धर्म में इस त्योहार का बहुत महत्व है क्योंकि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दशहरा को हिंदू धर्म में विजयादशमी (vijayadashami 2023) भी कहा जाता है। इस त्योहार को पूरे देश में बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, दशहरा हर साल अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। साल 2023 में शारदीय नवरात्रे 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं और शारदीय नवरात्रे की दशमी तिथि पर ही दशहरा (Dussehra 2023) मनाया जाता है। इस साल विजयादशमी पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं जो आपके जीवन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेंगे। तो आइए जानते हैं कि इस साल दशहरा 2023 कब मनाया जाएगा और कौन-से दो शुभ योग इस त्योहार को खास बनाएंगे।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, दशहरा प्रत्येक वर्ष अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 24 अक्टूबर 2023, मंगलवार को मनाया जाएगा।
दशमी तिथि प्रारम्भ - 23 अक्टूबर 2023 को शाम 05:44 बजे
दशमी तिथि समाप्त - 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 03:14 बजे
दशहरा के दिन रावण दहन की परंपरा सालों चली आ रही है। इस दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों को तैयार करने के बाद उन्हें शुभ मुहूर्त के तहत जलाया जाता है। साल 2023 में रावण दहन का समय शाम 05 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर अगले ढाई घंटे तक रहेगा।
साल 2023 में दशहरा पर दो ऐसे शुभ योग बन रहे हैं जो इस दिन को और भी खास बना देंगे। इस दिन पर सुबह 06 बजकर 27 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 38 मिनट तक रवि योग रहेगा। दूसरी ओर दशहरा की दोपहर को 03 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर पूरी रात तक वृद्धि योग रहेगा।
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दशहरा का पर्व बहुत शुभ माना जाता है इस दिन किया गया कोई भी कार्य अच्छे परिणाम देता है। इसलिए इस दिन सभी महत्वपूर्ण कार्यों को किया जाना बहुत शुभ माना जाता है। विजयादशमी की तिथि एक अबूझ मुहूर्त होती है, अर्थात आपको इस दिन कोई भी शुभ मुहूर्त तलाशने की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे में अगर आप दशहरा के दिन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, उपनयन संस्कार और भूमि पूजन आदि करना चाहते हैं तो यह अवसर आपके लिए बिलकुल उचित रहेगा।
दशहरा यानी विजयादशमी पर पूजा करने का विशेष महत्व होता है। हम आपको यहां दशहरा की पूजा विधि बता रहे हैं, इसका पालन करने से आप इस त्योहार की शुभता का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकते हैं।
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दशहरा 2023 का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है की जब लंकापति रावण ने माता सीता का हरण कर लिए था तो भगवान श्री राम ने दस दिनों तक उससे युद्ध किया था और दसवें दिन उन्होंने रावण का वध कर दिया था। तब से आज तक सभी लोग इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाते हैं। भगवान राम की रावण पर विजय, अच्छे कर्म करते रहने और बुराई से दूर रहने के लिए प्रेरित करती है। यह त्योहार सभी को सन्देश देता है कि अंत में हमेशा बुराई या दुष्टता का ही नाश होता है।
इसलिए हर साल लोग इस दिन पर रावण के पुतले को जलाकर दहन करने की परंपरा को पूरा करते हैं, और अपने भीतर की बुराई को समाप्त करते हैं। इसके साथ ही, इस पवित्र मौके पर लोग मिलकर खुशियां भी मनाते हैं और अच्छे कामों की शुरुआत करते हैं।
तो आइए, दशहरे के इस त्योहार को खुशी और उत्साह के साथ मनाएं और अपने भीतर की बुराइयों पर विजय प्राप्त करें।
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