आज का पंचांग जिसे आम भाषा में दैनिक पंचांग (Daily Panchang) भी कहते हैं। आज का पंचांग, हिंदू पंचांग का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसका उपयोग दिन के शुभ मुहूर्त तिथि और समय के बारे में जानकारी पाने के लिए किया जाता है।
आज का पंचांग (today panchang) आपको ग्रह और चंद्रमा की स्तिथि के आधार पर जरूरी कार्यों, जैसे शुभ समारोहों या नए प्रोजेक्ट्स को शुरू करने के लिए उचित समय को देखने में मदद करता है। साथ ही यह उन शुभ मुहूर्तों के बारें में बताता है, जिससे आप अपने जीवन में सद्भाव और समृद्धि पा सकते हैं।
तिथि | शुक्ल त्रयोदशी |
नक्षत्र | भरणी |
करण | कौलव |
पक्ष | शुक्ल पक्ष |
योग | शिव till 11:53:0 |
दिन | शुक्रवार |
सूर्य एवं चन्द्र गणना | ||
---|---|---|
सूर्योदयसूर्यास्त | 6:55:57 17:27:5 | |
चंद्र उदयचन्द्रास्त | 15:28:04:32:49 | |
चंद्र राशि | मेष | |
ऋतु | हेमंत |
हिन्दू मास एवं वर्ष | |
---|---|
शक संवत् | 1946 |
विक्रम संवत् | 2081 |
माह-अमान्ता | मृगशिरा |
माह-पुर्निमान्ता | मृगशिरा |
अशुभ मुहूर्त | |
---|---|
राहु कालं | 10:52:37 to 12:11:31 |
यंमघन्त कालं | 14:49:18 to 16:08:12 |
गुलिकालं | 08:14:50 to 09:33:44 |
शुभ मुहूर्त | |
---|---|
अभिजीत मुहूर्त | 11:50 to 12:32 |
हिंदू संस्कृति में यह माना जाता है कि शुभ मुहूर्त पर कोई नया कार्य शुरू करने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। परिणामस्वरूप, उपयुक्त समय की जांच करना जरुरी होता है, जिसमें अनुकूल स्थितियों में नक्षत्र, सही ग्रहों की चाल आदि शामिल हैं।
आज का पंचांग के लिए जितने भी जरुरी कारक होते हैं उन्हें एस्ट्रोयोगी ने पंचांग बनाते समय ध्यान में रखा है।
आज का पंचांग एक सारणीबद्ध प्रारूप होता है। इसमें किसी दिए गए दिन या आने वाले दिन के लिए सही समय और तारीखों का गहन विश्लेषण लिखा होता है। यह नक्षत्र, चंद्रमा और ग्रहों की स्तिथि की जानकारी प्रदान करता है जो उनके ज्योतिषीय पहलुओं के अलावा इन तिथियों की शुभता का जाँच करने में सहायक होता है।
समय की गणना पूरी तरह से एक निश्चित समय पर ग्रहों स्तिथि पर आधारित होती है। गणना की विधि में किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के एक विशिष्ट नक्षत्र के भीतर चंद्रमा का स्थान की जाँच करना शामिल है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पंचांग मुहूर्त एक ही समय में दो स्थानों पर अलग-अलग हो सकते हैं। एक ही समय और तारीख चुने जाने के बावजूद, पंचांग दिल्ली और पंचांग मुंबई किसी दिए गए वर्ष में समान नहीं हो सकते हैं। भारतीय राज्यों और शहरों या किसी भी स्थान पर एक ही समय में पंचांग में भिन्नता हो सकती है। यह स्थान के अक्षांश और देशांत पर निर्भर भी कर सकता है।
दैनिक पंचांग ज्योतिषियों और हिंदू समाज के लोगों के लिए एक लोकप्रिय रिफ़्रेन्स बुक जैसा है। एस्ट्रोलॉजर त्योहारों, शुभ मुहूर्त तिथियों आदि के लिए शुभ समय निर्धारित करने के लिए उस दिन पर ग्रहों की स्थिति जानने के लिए इसका उपयोग करते हैं।
दैनिक हिंदू कैलेंडर, या आज का पंचांग, ग्रहों की स्थिति पर आधारित है। महत्वपूर्ण ज्योतिषीय डेटा की गणना करके, पंचांग ज्योतिषियों और ज्योतिष का अभ्यास करने वाले किसी भी व्यक्ति को खास जानकारी देता है। यह एक बहुत ही गहन कैलेंडर है जो दिन के खास समय को बताता है।
हिंदू पंचांग का उपयोग समय और अवधि की सटीक गणना करने के लिए किया जाता है। पारंपरिक हिंदू समाज में, अनुष्ठानों को पूरा करने के लिए उचित दिन और समय, या शुभ मुहूर्त निर्धारित करने में दैनिक पंचांग महत्वपूर्ण होता है।
पंचांग मुख्य रूप से पांच भागों से बना होता है। टुडे पंचांग के पांच अंग हैं तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। टुडे पंचांग, जिसे दैनिक पंचांग के रूप में भी जाना जाता है, इसका उपयोग सप्ताह के किसी विशिष्ट दिन के लिए तिथि, वार, योग, करण और नक्षत्र की गणना करने के लिए किया जाता है।
ये गणनाएँ जरूरी या नए कार्यों जैसे विवाह, गृह प्रवेश, वाहन खरीदारी, नई नौकरी या व्यवसाय शुरू करना, पूजा आदि को पूरा करने के लिए दिन के अनुकूल समय की जानकारी प्रदान कर सकती हैं।
यहां पंचांग के 'पंच' (पांच) 'अंग' (भाग) या प्रमुख तत्व दिए गए हैं, उनके महत्व के बारे में भी बताया गया है।
1. तिथि या दिनांक
तिथि (Dates) से पता चलता है कि सूर्य और चंद्रमा की स्थिति एक दूसरे से कैसे संबंधित हैं। तिथि को चंद्र दिवस भी कहा जाता है और इसका आपकी भावनात्मक स्थिति, निर्णय और सामाजिक संबंधों पर प्रभाव पड़ता है।
हर महीने में तीस तिथियाँ होती हैं, जिन्हें दो पक्षों में विभाजित किया गया है। शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को समाप्त होता है, जबकि कृष्ण पक्ष अमावस्या को समाप्त होता है। पूर्णिमा तिथि (Purnima) और अमावस्या तिथि (Amavasya) हर महीने में एक बार आती हैं। पूर्णिमा को 15वीं तिथि और अमावस्या को 30वीं तिथि माना जाता है। अन्य तिथियाँ महीने में दो बार आती हैं।
तिथियों के नाम: प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और चतुर्दशी
2. नक्षत्र
27 चंद्र भाव हैं जिन्हें नक्षत्र के रूप में जाना जाता है, और प्रत्येक अद्वितीय गुण और प्रतीकवाद वाला होते हैं। दिन का नक्षत्र आपके आंतरिक स्व और जीवन के उद्देश्य के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है।
27 नक्षत्रों के नाम : अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण , धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद, रेवती।
3. वार
वार का अर्थ है "दिन।" सप्ताह में सात दिन होते हैं और वैदिक ज्योतिष के अनुसार ये सातों दिन ग्रहों से जुड़े होते हैं। वार के बारे में जानकारी होने से आपको अपने कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से करने में मदद मिलेगी।
वारों के नाम: सोमवार (चंद्रमा), मंगलवार (मंगल), बुधवार (बुध), गुरुवार (बृहस्पति), शुक्रवार (शुक्र), शनिवार (शनि), और रविवार (सूर्य)।
4. योग
नक्षत्र की तरह योग भी 27 होते हैं। योग सूर्य और चंद्रमा के बीच की दूरी की एक विशेष गणना है। दैनिक पंचांग (dainik panchang) का योग आपको महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए सबसे सही समय को चुनने में मदद कर सकता है।
योगों के नाम: विष्कुंभ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगंड, सुकर्मा, धृति, शूल, गंड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यतिपात, वारियान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्मा, इंद्र और वैधृति।
5. करण
दो करण मिलकर एक तिथि बनाते हैं। एक तिथि के पहले भाग के दिन के दौरान और दूसरा उसके दूसरे भाग के दौरान होता है। करणों को जानने से आपको यह तय करने में मदद मिल सकती है कि क्या कदम उठाना है और क्या नहीं। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में ये सहायक हो सकते हैं।
ऐसे 11 करण हैं जिनके नाम बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पद, नाग और किम्स्तुघ्न हैं। विष्टि करण, जिसे भद्रा भी कहा जाता है, के दौरान शुभ कार्य करना एकदम मना होते हैं।
हिंदू धर्म में आज का पंचांग विशेष स्थान रखता है। हिंदू समाज में, लोग किसी भी शुभ कार्य, जैसे विवाह समारोह, पूजा, व्यापार शुभारंभ, या नया घर या कार खरीदने से पहले पंचांग देखते हैं।
एस्ट्रोयोगी का लक्ष्य आपको विश्वसनीय और सटीक ज्योतिषीय जानकारी देना है। एक्सपर्ट और जानकार शोधकर्ताओं और ज्योतिषियों की हमारी टीम आपको अच्छी सलाह प्रदान करने के लिए पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक समझ के साथ जोड़ती है। दैनिक पंचांग के साथ अपने जीवन की यात्रा के रहस्यों को जानें। पंचांग आपका विश्वसनीय दैनिक साथी बन सकता है।
आज हमारा पंचांग आपके इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए सभी शुभ मुहूर्त समयों की सूची बनाता है। ये गणनाएँ सटीक और निर्णायक हैं। यह आपके लिए पंचांग के बारे में और अधिक जानने का अवसर है।
दैनिक सलाह: नियमित रूप से पंचांग की जाँच करने से आपको अपने दिन को प्रभावित करने वाली विभिन्न ऊर्जाओं के बारे में अधिक जानने में मदद मिल सकती है। इस ज्ञान के साथ, आप सही निर्णय ले सकते हैं और अपना कार्य व्यवस्थित रूप से कर सकते हैं।
विशेष अवसर: दैनिक पंचांग को देखने से विवाह, व्यापार शुभारंभ, या आध्यात्मिक या धार्मिक समारोहों जैसे शुभ कार्यक्रमों के लिए शुभ मुहूर्त तिथियां और समय जानने में मदद मिल सकती है।
पर्सनल विकास: पंचांग की समझ प्राप्त करने से आपको अपने जीवन के उद्देश्य को समझने, व्यक्तिगत रूप से आगे बढ़ने और अधिक आत्म-जागरूक बनने के लिए ग्रहों की ऊर्जाओं से जुड़ने में मार्गदर्शन मिल सकता है।
कुल मिलाकर, ज्योतिष आपको भविष्य के बारे में जानकारी प्रदान करके सफल निर्णय लेने में मदद करता है। आज के पंचांग के अनुसार, अच्छे परिणामों के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम जैसे शादी, नए व्यवसाय का उद्घाटन और अन्य उत्सव शुभ दिन पर किए जाने चाहिए।
तो, आप क्या सोच रहे हैं? आज के लिए अपने पंचांग की जानकारी प्राप्त करने के लिए एस्ट्रोयोगी के दैनिक पंचांग कैलकुलेटर का उपयोग करें।
यदि आपको अपने पंचांग की जानकारी को समझने में किसी अन्य सहायता की आवश्यकता है, तो तुरंत एस्ट्रोयोगी के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर से बात करने के लिए यहां क्लिक करें।
आज का पंचांग पढ़ना बहुत आसान काम है। आपको बस यह सुनिश्चित करना है कि आने वाले महत्वपूर्ण दिनों के बारे में जागरूक रहने के लिए आप इसे बार-बार पढ़ें। शुक्ल पक्ष, कृष्ण पक्ष, मास, वार, तिथि आदि के बारे में जानें। किसी व्यक्ति के लिए यह सीखना हमेशा फायदेमंद होता है कि कैलेंडर कैसे काम करता है और साथ ही इसके हर विवरण को समझें।
आज के पंचांग को समझना दैनिक मार्गदर्शन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। शुभ दिनों और समय पर अपने कार्यों की योजना बनाने से आपको सकारात्मक और सफल परिणाम प्राप्त करने में मदद मिल सकती है, जो अंततः आपको व्यक्तिगत विकास की ओर ले जाएगा।
कई ऐसे दिन होते हैं जब अनुष्ठान, धार्मिक गतिविधियाँ और अन्य महत्वपूर्ण कार्य किए जाने चाहिए। हमारा दैनिक पंचांग आपको हिंदू कैलेंडर के सभी महत्वपूर्ण शुभ दिनों के बारे में अपडेट रखेगा। दिन की महत्वपूर्ण ज्योतिषीय विशेषताओं से अपडेट रहने के लिए इसे अपना जरुरी और जागरूक मित्र समझें।
आज के पंचांग में कुछ अशुभ समय बताए गए हैं, जिन्हें अशुभ मुहूर्त कहा जाता है, आपको राहु काल, यमगंडा और गुलिका काल में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से बचना चाहिए। इन अशुभ समय के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। वहीं अभिजित मुहूर्त दैनिक पंचांग में एक अनुकूल समय होता है।
अब एस्ट्रोयोगी पर वैदिक ज्योतिष, टेरो, न्यूमेरोलॉजी एवं वास्तु से जुड़ी देश भर की जानी-मानी हस्तियों से परामर्श करें।
और पढ़ें...राशिफल (Rashifal) या जन्म-कुंडली ज्योतिषीय घटनाओं पर आधारित...
और पढ़ें...त्यौहार हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं, त्यौहारों में हमारी संस्कृति की महकती है। त्यौहार जीवन का उल्लास हैं त्यौहार...
और पढ़ें...वैदिक ज्योतिष में राशि का विशेष स्थान है ही साथ ही हमारे जीवन में भी राशि महत्वपूर्ण स्थान रखती है। ज्योतिष...
और पढ़ें...