Mundan Muhurat 2025: जानें 2025 में शुभ मुंडन मुहूर्त, मुंडन तिथि

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Mundan Muhurat 2025: जानें 2025 में शुभ मुंडन मुहूर्त, मुंडन तिथि

Mundan Muhurat for 2025: मुंडन, हिंदू धर्म का एक खास संस्कार है जो छोटे बच्चों के जीवन के एक अहम याद दर्शाता है। इस विशेष दिन पर बच्चे का सिर पारंपरिक तरीके से मुंडवाया जाता है, जो उनकी आत्मा की शुद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक होता है। यह संस्कार भारत में बहुत महत्वपूर्ण है और इसे चूड़ाकरण या मुंडन के नाम से भी जाना जाता है। 2025 में, यह संस्कार विशेष उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाएगा, क्योंकि हर परिवार इस खास मौके को मनाने के लिए एक साथ आएगा।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, बच्चे के जन्म के एक साल या तीन साल बाद उसका मुंडन संस्कार किया जाता है। यह परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है और इसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहा जाता है। यह संस्कार आठवां संस्कार होता है, जिसमें नवजात शिशु के बालों को काटा जाता है, ताकि वे जीवन के नए चरण की शुरुआत कर सकें। जब कोई बच्चा अपनी माता के गर्भ से पैदा होता है तो उसके सिर पर कुछ बाल होते हैं, उन्हें हटाने को मुंडन संस्कार (Mundan Sanskar muhurat 2025) कहा जाता है। यह संस्कार केवल धार्मिक कारणों से नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारणों से भी जुड़ा है। आइए जानते हैं कि 2025 में मुंडन मुहूर्त (Mundan Muhurat 2025) कब-कब हैं?

कब करवाना चाहिए मुंडन संस्कार?

मुंडन संस्कार करवाने का सही समय बच्चे के जन्म के बाद पहले या तीसरे साल में होता है। यह संस्कार ज्यादातर उस समय किया जाता है जब बच्चा स्वस्थ और मज़बूत हो चुका होता है। हालांकि, सही समय का निर्धारण करने के लिए ज्योतिषी से परामर्श लेना भी आम बात है। कुछ परिवार बच्चे की कुंडली के आधार पर मुहूर्त निकालते हैं और उसी अनुसार मुंडन करवाते हैं।

शुभ मुहूर्त: मुंडन संस्कार 2025

आपको बता दें कि नवंबर 2025 में आप महत्वपूर्ण कार्यों के लिए कई शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) चुन सकते हैं। हम आपके लिए हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल 2025 के मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat Mundan 2025) लाए हैं ताकि आपके सभी कार्य उपयुक्त तिथियों पर अच्छे से सम्पन्न हो सकें।

क्या हैं मुंडन संस्कार मुहूर्त 2025 की तिथियां

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल 2025 में मुंडन संस्कार (Mundan sanskar Shubh Muhurat) के काफी सारे शुभ मुहूर्त हैं। तो आइए मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त 2025 पर विस्तार से एक नज़र डालते हैं, जिसमें तिथि, समय, दिन और नक्षत्र आदि शामिल हैं।

जनवरी 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

जनवरी का महीना जैसे नए साल की शुरुआत का प्रतीक होता है, वैसे ही बच्चे के जीवन में भी यह एक नया अनुभव लेकर आता है। इस महीने में किए गए संस्कार जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और नए अध्याय की शुरुआत माने जाते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार, जनवरी 2025 में मुंडन संस्कार के लिए 30 और 31 जनवरी की तिथियां बेहद शुभ मानी गई हैं। इन तिथियों पर किए गए मुंडन संस्कार से बच्चे के जीवन में सुख, समृद्धि और शुभ फल की प्राप्ति होगी। ऐसे शुभ मुहूर्त में यह संस्कार करना जीवन में शांति और उन्नति का प्रतीक माना जाता है। अगर आप विस्तृत शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए मुहूर्त का ध्यान रखें।

जनवरी मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (January Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!

  • 30 जनवरी 2025, गुरुवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: शाम 04:13 बजे से 31 जनवरी 2025, सुबह 07:10 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण।

  • 31 जनवरी 2025, शुक्रवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 07:10 बजे से 01 फरवरी 2025, सुबह 04:15 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा.

फरवरी 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

फरवरी का महीना प्यार और नए शुरुआतों का प्रतीक होता है। यह माह जीवन में नई उमंगें और खुशियां लेकर आता है, और इस दौरान किए गए संस्कारों का विशेष महत्व होता है। हिन्दू पंचाग के अनुसार, फरवरी 2025 में, 4, 7, 10, 17 और 26 तारीखें मुंडन संस्कार के लिए बेहद शुभ मानी जा रही हैं। इन तिथियों पर मुंडन संस्कार कराने से बच्चे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली आती है। अगर आप विस्तृत शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए मुहूर्त का ध्यान रखें।

फरवरी मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (February Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!

  • 4 फरवरी 2025, मंगलवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 04:37 बजे से सुबह 06:38 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी.

  • 7 फरवरी 2025, शुक्रवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: शाम 06:41 बजे से 08 फरवरी 2025, सुबह 07:06 बजे तक, नक्षत्र: रोहिणी।

  • 10 फरवरी 2025, सोमवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 07:03 बजे से शाम 07:00 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु।

  • 17 फरवरी 2025, सोमवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 06:58 बजे से 18 फरवरी 2025, सुबह 04:56 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा.

  • 26 फरवरी 2025, बुधवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 06:49 बजे से 11:11 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण।

मार्च 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

मार्च का महीना ठंड से गर्मी की ओर बढ़ते हुए मौसम के बदलाव का प्रतीक है। यह समय नए अवसरों और शुरुआतों के लिए उपयुक्त माना जाता है। मार्च 2025 में मुंडन संस्कार के लिए 3, 17, 21, 27 और 31 मार्च को शुभ तिथियां मानी गई हैं। इन तिथियों पर मुंडन संस्कार कराने से बच्चे के जीवन में उन्नति, स्वास्थ्य और सकारात्मकता का आगमन होता है। अगर आप विस्तृत शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए मुहूर्त का ध्यान रखें।

मार्च मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (March Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!

  • 3 मार्च 2025, सोमवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: शाम 06:04 बजे से 04 मार्च 2025, सुबह 04:30 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी।

  • 17 मार्च 2025, सोमवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 06:29 बजे से शाम 07:36 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा।

  • 21 मार्च 2025, शुक्रवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 06:24 बजे से 22 मार्च 2025, सुबह 01:46 बजे तक, नक्षत्र: ज्येष्ठा.

  • 27 मार्च 2025, गुरुवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 06:17 बजे से रात 11:06 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा।

  • 31 मार्च 2025, सोमवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 06:13 बजे से दोपहर 01:45 बजे तक, नक्षत्र: अश्विनी.

अप्रैल 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

अप्रैल चंचल हवा की तरह अपने मनमौजी स्वभाव के लिए जाना जाता है। चूँकि बारिश इस महीने छिटपुट रूप से पृथ्वी पर डांस करती है। इस माह प्रकृति अपनी नींद से जागती है। अप्रैल में अगर आप मुंडन संस्कार करना चाहते हैं तो आप 14, 17, 23 और 24 अप्रैल की तारीख चुन सकते हैं। अगर आप विस्तृत शुभ मुहूर्त जानना चाहते है तो नीचे दिए मुहूर्त का उपयोग करें।

अप्रैल मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (April Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!

  • 14 अप्रैल 2025, सोमवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 08:27 बजे से रात 11:59 बजे तक, नक्षत्र: स्वाति।

  • 17 अप्रैल 2025, गुरुवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: दोपहर 03:26 बजे से 18 अप्रैल 2025, सुबह 05:54 बजे तक, नक्षत्र: ज्येष्ठा.

  • 23 अप्रैल 2025, बुधवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:48 बजे से 24 अप्रैल 2025, सुबह 05:48 बजे तक, नक्षत्र: धनिष्ठा.

  • 24 अप्रैल 2025, गुरुवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:47 बजे से सुबह 10:50 बजे तक, नक्षत्र: शतभिषा।

मई 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

मई का महीना गर्मियों की छुट्टियों का आनंद और परिवारिक एकजुटता का समय होता है। यह समय न केवल रिश्तों को मजबूत करता है बल्कि बच्चों के लिए विशेष संस्कार जैसे मुंडन करने के लिए भी आदर्श माना जाता है। मई 2025 में मुंडन संस्कार के लिए 14, 15, 19, 28, 29 और 30 मई की तिथियां शुभ मानी गई हैं। इन तिथियों पर किए गए मुंडन से बच्चे के जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। विस्तृत शुभ मुहूर्त जानने के लिए नीचे दिए गए मुहूर्त का उपयोग करें।

मई मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (May Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!

  • 14 मई 2025, बुधवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 11:47 बजे से 15 मई 2025, सुबह 05:31 बजे तक, नक्षत्र: अनुराधा।

  • 15 मई 2025, गुरुवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:30 बजे से दोपहर 02:08 बजे तक, नक्षत्र: ज्येष्ठा।

  • 19 मई 2025, सोमवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 06:14 बजे से 20 मई 2025, सुबह 05:28 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण।

  • 28 मई 2025, बुधवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:24 बजे से 29 मई 2025, दोपहर 12:30 बजे तक, नक्षत्र: मृगशीर्ष

  • 29 मई 2025, गुरुवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: रात 10:38 बजे से रात 11:18 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु।

  • 30 मई 2025, शुक्रवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: रात 09:23 बजे से 31 मई 2025, सुबह 05:45 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु.

जून 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

मुंडन संस्कार के संदर्भ में जून का महीना विशेष महत्व रखता है, खासकर 2025 में। जिस तरह जून की गर्मी जीवन में जोश और ऊर्जा लाती है, उसी तरह इस महीने में किए गए संस्कार से बच्चे को आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जून 2025 में 6, 11, 16, 26 और 27 जून की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी जाती हैं।

जून मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (June Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!

  • 6 जून 2025, शुक्रवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 06:34 बजे से 07 जून 2025, सुबह 04:50 बजे तक, नक्षत्र: हस्त.

  • 11 जून 2025, बुधवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:22 बजे से दोपहर 01:15 बजे तक, नक्षत्र: ज्येष्ठा.

  • 16 जून 2025, सोमवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:22 बजे से दोपहर 03:34 बजे तक, नक्षत्र: धनिष्ठा।

  • 26 जून 2025, गुरुवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: दोपहर 01:27 बजे से 27 जून 2025, सुबह 05:24 बजे तक, नक्षत्र: आर्द्रा।

  • 27 जून 2025, शुक्रवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 05:25 बजे से 28 जून 2025, सुबह 05:25 बजे तक, नक्षत्र: पुनर्वसु.

जुलाई 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

जुलाई का महीना गर्मियों की चमक और लम्बे दिनों के साथ आता है, जब छायादार पेड़ों के नीचे बैठकर परिवार के साथ पिकनिक का आनंद लिया जाता है। इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है, और ऐसे में मुंडन संस्कार कराने का भी विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 2 और 4 जुलाई 2025 की तिथियां मुंडन संस्कार के लिए शुभ मानी गई हैं। इन तिथियों पर संस्कार करने से बच्चे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भविष्य में उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। विस्तृत शुभ मुहूर्त जानने के लिए नीचे दिए गए मुहूर्त का पालन करें।

जुलाई मुंडन संस्कार शुभ मुहूर्त (July Mundan sanskar Shubh Muhurat) यहाँ देखें!

  • 2 जुलाई 2025, बुधवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: सुबह 11:07 बजे से सुबह 11:59 बजे तक, नक्षत्र: हस्त।

  • 4 जुलाई 2025, शुक्रवार, शुभ मुंडन मुहूर्त: शाम 04:33 बजे से 05 जुलाई 2025, सुबह 05:27 बजे तक, नक्षत्र: चित्रा।

अगस्त, सितंबर अक्टूबर नवंबर और दिसंबर 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त

धार्मिक मान्यताओं में जब ग्रहों की अनुकूल स्तिथि न हो तब मुंडन का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। साल 2025 में इन महीनों में नक्षत्रों की सही स्तिथि न होने के कारण कोई मुंडन संस्कार करने के लिए कोई मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।

क्यों करते हैं मुंडन संस्कार?

मुंडन संस्कार हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसे जीवन के प्रारंभिक वर्षों में बच्चे के पहले बालों को हटाने के रूप में किया जाता है। यह संस्कार बच्चे की शुद्धि और शुभ शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि जन्म के समय बच्चे के बाल गर्भ में रहते हुए इकट्ठे हुए अशुद्धियों का प्रतीक होते हैं, इसलिए इन्हें हटाकर शरीर और आत्मा की शुद्धि की जाती है। इसके अलावा, इस संस्कार से बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार और बालों की बेहतर वृद्धि होने की भी मान्यता है। मुंडन संस्कार ज्यादातर मंदिरों या तीर्थ स्थलों पर विधिपूर्वक किया जाता है। इस परंपरा का उद्देश्य बच्चे के जीवन में सकारात्मकता और शुभता का स्वागत करना होता है। यह संस्कार परिवार के लिए भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव होता है, जिसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।

मुंडन संस्कार से होने वाले लाभ

मुंडन संस्कार से कई लाभ होते हैं, जो धार्मिक और शारीरिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सबसे पहले, यह संस्कार बच्चे की शारीरिक शुद्धि के लिए किया जाता है। माना जाता है कि जन्म के समय जो बाल होते हैं, वे गर्भ में संचित अशुद्धियों का प्रतीक होते हैं। मुंडन के माध्यम से इन बालों को हटाकर शरीर और आत्मा की शुद्धि की जाती है। इसके अलावा, एक और प्रमुख लाभ यह है कि मुंडन के बाद बालों की वृद्धि में सुधार होता है। मान्यता है कि इस प्रक्रिया से नए बाल घने, मजबूत और स्वस्थ होते हैं। मुंडन संस्कार बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराने वाला माना जाता है। इस प्रकार, यह संस्कार धार्मिक परंपरा के साथ-साथ स्वास्थ्य और शुभता से जुड़ा हुआ है।

मुंडन मुहूर्त के चयन के समय ध्यान रखने योग्य नियम

मुंडन संस्कार के लिए सही मुहूर्त का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसे शुभ समय पर करने से बच्चे के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश माना जाता है। मुहूर्त चयन के समय निम्नलिखित नियमों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. शुभ तिथि और नक्षत्र: मुंडन संस्कार के लिए शुभ तिथियां और नक्षत्रों का ध्यान रखा जाता है। ज्यादातर इस संस्कार के लिए चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ और माघ महीनों को उत्तम माना जाता है। वहीं, पुष्य, मृगशिरा और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र शुभ माने जाते हैं।

  2. गोचर ग्रहों की स्थिति: ग्रहों की शुभ स्थिति भी मुंडन के लिए आवश्यक होती है। मुंडन के समय गुरु और चंद्रमा की स्थिति शुभ मानी जाती है, जिससे बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

  3. राशि और जातक की उम्र: बच्चे की राशि और उम्र को ध्यान में रखते हुए मुंडन का समय निर्धारित किया जाता है। 1 से 3 वर्ष के बीच का समय आदर्श माना जाता है।

  4. मंगलवार और शनिवार से बचें: मंगलवार और शनिवार को अशुभ माना जाता है, इसलिए इन दिनों मुंडन संस्कार करने से बचना चाहिए।

इन नियमों का पालन करने से मुंडन संस्कार शुभ और सफल होता है।

मुंडन संस्कार की सही विधि?

मुंडन संस्कार, जिसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो बच्चे के जीवन में पहली बार बालों को काटने के रूप में मनाया जाता है। इसे सही तरीके से करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना चाहिए:

  1. पूजा और हवन: मुंडन संस्कार से पहले पूजा और हवन किया जाता है। इसमें भगवान गणेश, कुलदेवता और परिवार के ईष्ट देवताओं का आह्वान कर आशीर्वाद लिया जाता है। इस पूजा के लिए विशेष सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, जैसे नारियल, फूल, धूप, चावल, पान आदि।

  2. मुंडन के लिए सही स्थान: मुंडन अक्सर तीर्थ स्थलों या मंदिरों में किया जाता है, जैसे काशी, हरिद्वार, या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर। हालाँकि, इसे घर पर भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है।

  3. बाल काटने की प्रक्रिया: पूजा के बाद बच्चे के सिर पर जल या गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण किया जाता है। इसके बाद एक अनुभवी व्यक्ति या नाई बच्चे के बाल काटता है। बाल काटते समय मंत्रोच्चार किया जाता है, जो संस्कार की पवित्रता को बनाए रखता है।

  4. बालों का विसर्जन: कटे हुए बालों को नदी या जलाशय में प्रवाहित करना शुभ माना जाता है। अगर नदी पास न हो, तो बालों को किसी पवित्र स्थान पर दफनाया भी जा सकता है।

  5. आशीर्वाद और भोज: मुंडन संस्कार के बाद परिवार और दोस्तों से बच्चे को आशीर्वाद दिलवाया जाता है। इसके बाद भोज का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी को प्रसाद या भोजन कराया जाता है।

इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य बच्चे के जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराना होता है।

मुंडन संस्कार का धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व

मुंडन संस्कार का धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान है। इसे सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक शुद्धि से भी जोड़ा जाता है।

धार्मिक महत्व:

धार्मिक दृष्टिकोण से, मुंडन संस्कार बच्चे के जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि जन्म के समय बच्चे के बाल गर्भ के अशुद्धियों को दर्शाते हैं। मुंडन के माध्यम से इन अशुद्धियों को हटाकर आत्मा और शरीर की शुद्धि की जाती है। यह संस्कार भगवान का आशीर्वाद पाने और बच्चे के जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए किया जाता है। धार्मिक दृष्टि से, यह संस्कार बच्चे की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए शुभ माना जाता है।

वैज्ञानिक महत्व:

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, मुंडन संस्कार के पीछे कुछ शारीरिक फायदे भी होते हैं। मुंडन से बच्चे की खोपड़ी की त्वचा साफ होती है, जिससे बालों की जड़ों में मौजूद मृत कोशिकाओं और धूल-मिट्टी को हटाया जा सकता है। इससे बालों की बेहतर वृद्धि होती है और नए बाल घने, स्वस्थ और मजबूत होते हैं। इसके अलावा, मुंडन के बाद सिर पर मालिश करने से खोपड़ी की त्वचा को आराम मिलता है और रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे मानसिक विकास में भी मदद मिलती है।

इस प्रकार, मुंडन संस्कार का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से विशेष महत्व है, जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए लाभकारी होता है।

कहां कर सकते हैं मुंडन संस्कार?

कुछ लोग इसे खास त्योहारों या शुभ दिनों जैसे अक्षय तृतीया, विजयदशमी, या मकर संक्रांति के दिन भी करवाना पसंद करते हैं, क्योंकि यह दिनों को बहुत शुभ माना जाता है। मुंडन के लिए मंदिरों, तीर्थ स्थलों, या गंगा के किनारे जाने की भी परंपरा है, जिससे संस्कार और भी आध्यात्मिक हो जाता है।

अगर आप 2025 में शुभ मुंडन मुहूर्त से जुड़ी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप एस्ट्रोयोगी के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर्स से बात कर सकते हैं।

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