कंस बहुत ही अत्याचारी और क्रूर था यह तो सभी जानते हैं। यह भी जानते हैं कि उसने सिंहासन पाने की खातिर अपने पिता तक को नहीं बख्शा। जिस बहन को वह अपने प्राणों से भी ज्यादा प्यार करता था उसी बहन को उसने आकाशवाणी के बाद (जिसमें देवकी की आठवीं संतान को उसकी मौत का कारण बताया था) जेल में डाल दिया था। वही कंस जिसके दुराचारों से मथुरा निवासियों को मुक्ति दिलाने के लिये स्वंय भगवान ने श्री कृष्ण का अवतार लिया और कंस का वध कर संसार को कंस के अत्याचार से मुक्त करवाया। क्या आप सोच सकते हैं कि ऐसे दुराचारी, पापी, अत्याचारी शासक की कोई पूजा कर सकता है। लेकिन आप यह देखकर हैरान हो जायेंगें कि ऐसी भी जगहें हैं जहां कंस की भी पूजा की जाती है। यह जानते हुए भी कि वह अन्यायी शासक था लोग सदियों से अपने पूर्वज़ों की परंपरा के अनुसार कंस की पूजा करते आ रहे हैं।
यह जगह कहीं और नहीं बल्कि अपने भारत में ही है। लखनऊ से हरदोई की ओर जाने वाले मार्ग पर एक गांव में दूर से ही आपको एक बड़ी मूर्ति दिखाई देगी। जब आप इसके नजदीक पंहुचते हैं तो आप यह देखकर हैरान हो सकते हैं कि यह मूर्ति किसी और की नहीं बल्कि भगवान श्री कृष्ण के अत्याचारी मामा कंस की है।
स्थानीय लोगों के अनुसार कई पीढ़ियों से उनके पूर्वज़ इस मूर्ति की पूजा करते आये हैं। उन्होंने कब कैसे इस परंपरा की शुरुआत की इसका कुछ भी वर्तमान पीढ़ी के लोगों को मालूम नहीं है। लेकिन अब अपने पूर्वज़ों की परंपरा को अपना फ़र्ज मानकर निभाते हैं।
हालांकि किसी दुराचारी, असुर या राक्षस या शासक की पूजा करने वाला यह अकेला गांव नहीं है कुछ स्थानों पर रामायण के खलनायक और वेदशास्त्रों के ज्ञाता माने जाने वाले महापंडित रावण की पूजा भी होती है। दुर्गा पूजा के दिनों में ही कुछ इलाकों में महिषासुर की पूजा भी की जाती है। इसलिये यह कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिये लोक परंपराओं में कई बार खलनायक भी नायक की तरह पूजे जाते हैं।
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