
Karwa Chauth Chand Time 2025- भारतीय परंपरा में करवा चौथ का व्रत बहुत खास माना जाता है। इस विशेष अवसर पर सभी सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चाँद निकलने तक व्रत रखते हैं। यह व्रत सभी महिलाएं निर्जला रहकर अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख की कामना के लिए करती हैं। इस व्रत को खोलने का एक खास नियम होता है। जब तक आसमान में चांद नज़र नहीं आता तब तक व्रत को पूरा नहीं माना जाता। यही कारण है कि करवा चौथ की रात में हर किसी की नज़रें सिर्फ़ इसी पर टिकी होती हैं कि आखिरकार चाँद कब निकलेगा?
इस व्रत में चांद निकलना सबसे खास पल होता है, क्योंकि चांद देखने के बाद ही उपवास टूटता है और घर में उत्सव जैसा माहौल बन जाता है। इसलिए करवा चौथ पर चांद निकलने के सही समय को जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है। तो चलिए आगे जानते हैं कि करवा चौथ 2025 पर चाँद निकलने का सही समय क्या है।
“करवा चौथ” नाम अपने आप में बहुत गहरा महत्व रखता है। इसमें “करवा” का अर्थ होता है मिट्टी का घड़ा, जबकि “चौथ” का मतलब है कार्तिक मास की पूर्णिमा के बाद आने वाली चौथी तिथि। प्राचीन समय में ये मिट्टी के घड़े, जिन्हें करवा कहा जाता था, खेती-किसानी के काम में बेहद उपयोगी माने जाते थे। खासकर जब गेहूँ बोने का समय आता था, तब बड़े-बड़े करवे अनाज को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।
यानी इस त्योहार का नाम केवल धार्मिक परंपरा से ही नहीं, बल्कि कृषि और ग्रामीण जीवन से भी जुड़ा हुआ है। धीरे-धीरे यह रीति-रिवाज़ दांपत्य जीवन और सुहागिनों के लिए आस्था का प्रतीक बन गया, लेकिन इसके पीछे छिपी यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ें इसे और भी खास बना देती हैं।
चाँद निकलने का समय ज्योतिष और पंचांग के अनुसार निर्धारित किया जाता है, ताकि महिलाएँ अपने व्रत को सही समय पर पूरा कर सकें।
भारत में 10 अक्टूबर 2025 को करवा चौथ के दिन चाँद लगभग शाम 8:13 बजे से 8:36 बजे के बीच उदय होने की संभावना है, जो आपके शहर पर निर्भर करता है। करवा चौथ पर पूजा का समय शाम 05:57 बजे से 07:11 बजे तक रहेगा।
चाँद का उदय हर साल चंद्र कैलेंडर और आपकी भौगोलिक स्थिति के अनुसार बदलता रहता है। इसका मतलब है कि दिल्ली और मुंबई में चाँद निकलने का समय अलग हो सकता है, और यही वजह है कि सही समय जानना बेहद जरूरी होता है। तो चलिए जानते हैं प्रत्येक शहर के अनुसार चंद्रोदय समय और पूजा मुहूर्त (karwa chauth moon time or karwa chauth puja time) क्या है?
दिल्ली
पूजा मुहूर्त: शाम 05:57 बजे से 07:11बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:19 बजे से रात 08:13 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:13 बजे
ग्रेटर नोएडा
पूजा मुहूर्त: शाम 05:56 बजे से 07:10 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:18 बजे से रात 08:12 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:12 बजे
जयपुर
पूजा मुहूर्त: शाम 06:04 बजे से 07:18 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:24 बजे से रात 08:23 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:23 बजे
अहमदाबाद
पूजा मुहूर्त: शाम 06:19 बजे से 07:32 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:34 बजे से रात 08:47 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:47 बजे
कोलकाता
पूजा मुहूर्त: शाम 05:16 बजे बजे से 06:29 बजे तक
उपवास समय: सुबह 05:31 बजे से रात 07:42 बजे तक
चंद्रोदय: रात 07:42 बजे
मुंबई
पूजा मुहूर्त: शाम 06:19 बजे से 07:33 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:31 बजे से रात 08:55 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:55 बजे
बेंगलुरु
पूजा मुहूर्त: शाम 06:04 बजे से 07:16 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:09 बजे से रात 08:49 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:49 बजे
चेन्नई
पूजा मुहूर्त: शाम 05:53 बजे से 07:06 बजे तक
उपवास समय: सुबह 05:59 बजे से रात 08:38 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:38 बजे
वडोदरा
पूजा मुहूर्त: शाम 06:16 बजे से 07:30 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:32 बजे से रात 08:46 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:46 बजे
हैदराबाद
पूजा मुहूर्त: शाम 05:58 बजे से 07:11 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:08 बजे से रात 08:36 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:36 बजे
सूरत
पूजा मुहूर्त: शाम 06:18 बजे से 07:32 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:32 बजे से रात 08:50 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:50 बजे
पुणे
पूजा मुहूर्त: शाम 06:16 बजे से 07:29 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:27 बजे से रात 08:52 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:52 बजे
लखनऊ
पूजा मुहूर्त: शाम 05:43 बजे से 06:57 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:03 बजे से रात 08:02 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:02 बजे
कानपुर
पूजा मुहूर्त: शाम 05:46 बजे से 07:00 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:05 बजे से रात 08:06 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:06 बजे
नागपुर
पूजा मुहूर्त: शाम 05:53 बजे से 07:07 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:07 बजे से रात 08:24 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:24 बजे
इंदौर
पूजा मुहूर्त: शाम 06:06 बजे से 07:19 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:21 बजे से रात 08:34 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:34 बजे
पटना
पूजा मुहूर्त: शाम 05:27 बजे से 06:41 बजे तक
उपवास समय: सुबह 05:46 बजे से रात 07:48 बजे तक
चंद्रोदय: रात 07:48 बजे
नासिक
पूजा मुहूर्त: शाम 06:15 बजे से 07:29 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:28 बजे से रात 08:49 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:49 बजे
आगरा
पूजा मुहूर्त: शाम 05:54 बजे से 07:09 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:15 बजे से रात 08:13 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:13 बजे
लुधियाना
पूजा मुहूर्त: शाम 06:01 बजे से 07:15 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:26 बजे से रात 08:12 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:12 बजे
भोपाल
पूजा मुहूर्त: शाम 05:59 बजे से 07:13 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:15 बजे से रात 08:26 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:26 बजे
राजकोट
पूजा मुहूर्त: शाम 06:26 बजे से 07:40 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:41 बजे से रात 08:56 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:56 बजे
मेरठ
पूजा मुहूर्त: शाम 05:55 बजे से 07:09 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:17 बजे से रात 08:10 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:10 बजे
वसई–विरार
पूजा मुहूर्त: शाम 06:19 बजे से 07:33 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:32 बजे से रात 08:54 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:54 बजे
श्रीनगर
पूजा मुहूर्त: शाम 06:03 बजे से 07:18 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:32 बजे से रात 08:07 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:07 बजे
धनबाद
पूजा मुहूर्त: शाम 05:23 बजे से 06:36 बजे तक
उपवास समय: सुबह 05:39 बजे से रात 07:47 बजे तक
चंद्रोदय: रात 07:47 बजे
अमृतसर
पूजा मुहूर्त: शाम 06:04 बजे से 07:19 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:30 बजे से रात 08:14 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:14 बजे
रांची
पूजा मुहूर्त: शाम 05:27 बजे से 06:41 बजे तक
उपवास समय: सुबह 05:44 बजे से रात 07:53 बजे तक
चंद्रोदय: रात 07:53 बजे
विजयवाड़ा
पूजा मुहूर्त: शाम 05:50 बजे से 07:03 बजे तक
उपवास समय: सुबह 05:59 बजे से रात 08:29 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:29 बजे
जबलपुर
पूजा मुहूर्त: शाम 05:49 बजे से 07:03 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:05 बजे से रात 08:16 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:16 बजे
ग्वालियर
पूजा मुहूर्त: शाम 05:54 बजे से 07:08 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:14 बजे से रात 08:15 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:15 बजे
कोयम्बटूर
पूजा मुहूर्त: शाम 06:07 बजे से 07:19 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:11 बजे से रात 08:56 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:56 बजे
जोधपुर
पूजा मुहूर्त: शाम 06:15 बजे से 07:29 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:34 बजे से रात 08:37 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:37 बजे
मदुरै
पूजा मुहूर्त: शाम 06:03 बजे से 07:15 बजे तक
उपवास समय: सुबह 06:06 बजे से रात 08:54 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:54 बजे
रायपुर
पूजा मुहूर्त: शाम 05:36 बजे से 06:49 बजे तक
उपवास समय: सुबह 05:52 बजे से रात 08:01 बजे तक
चंद्रोदय: रात 08:01 बजे
करवा चौथ का व्रत दिन भर बिना अन्न और पानी के रखा जाता है, जिसे निर्जला उपवास कहा जाता है। सुबह सूर्योदय से शुरू हुआ यह व्रत तब तक चलता है जब तक रात को चाँद आसमान में दिखाई न दे।
जैसे ही चाँद उदित होता है, महिलाएँ पूजा की थाली लेकर आँगन या छत पर जाती हैं।
परंपरा के अनुसार, वे छलनी या कभी-कभी पानी के गिलास से चाँद को देखते हुए उसकी पूजा करती हैं।
इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किया जाता है जिसमें पानी, फूल और कई बार मिठाई भी शामिल होती है।
यह प्रक्रिया सिर्फ़ धार्मिक आस्था का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसमें उस भावना की झलक भी होती है जिसमें महिलाएँ चाँद को अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली का प्रतीक मानती हैं।
इसके बाद महिलाएँ छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं और पति अपनी पत्नी को पहला घूँट पानी और भोजन कराकर उपवास तुड़वाते हैं।
यही वह पल होता है, जब पूरे दिन का इंतज़ार एक मीठे अनुभव में बदल जाता है और घर-परिवार में खुशी और उल्लास का वातावरण बन जाता है।
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करवा चौथ के व्रत में चाँद का उदय सबसे अहम क्षण माना जाता है। हिंदू संस्कृति में चंद्रमा को दीर्घायु, शांति और पूर्णता का प्रतीक कहा गया है। इसी कारण इस दिन महिलाएं विशेष रूप से चंद्र देव की पूजा करती हैं और उनकी कृपा से अपने वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और स्थिरता की कामना करती हैं।
मान्यता है कि चाँद की रोशनी न सिर्फ़ जीवन में उजाला लाती है, बल्कि रिश्तों में भी मिठास और सामंजस्य स्थापित करती है। इसलिए करवा चौथ की रात जब महिलाएँ छलनी से चाँद को देखती हैं और अर्घ्य अर्पित करती हैं, तो वह केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं होता, बल्कि उसमें भावनाओं और आशीर्वाद की गहराई छिपी होती है।
पुराणों और लोककथाओं में भी उल्लेख मिलता है कि चंद्र देव का आशीर्वाद वैवाहिक बंधन को मजबूत बनाने और दांपत्य जीवन में खुशियाँ बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यही वजह है कि इस रात का इंतज़ार हर सुहागिन महिला के लिए बेहद खास और भावनात्मक अनुभव बन जाता है।
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करवा चौथ सिर्फ़ एक उपवास भर नहीं है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वास, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन विवाहित महिलाएँ सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं और पूरे दिन बिना पानी पिए उपवास रखती हैं। यह व्रत पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है।
शास्त्रों के अनुसार, करवा चौथ का पालन करने से दांपत्य जीवन में आपसी समझ और प्रेम और गहरा होता है। पुराने समय में जब पति लंबे समय तक घर से बाहर युद्ध या व्यापार यात्राओं पर जाते थे, तब उनकी कुशलता और लंबी उम्र की कामना के लिए पत्नियाँ यह व्रत रखती थीं। धीरे-धीरे यह परंपरा एक उत्सव का रूप ले चुकी है, जिसमें व्रत के साथ-साथ सजना-सँवरना, पूजा की थाली सजाना और परिवार-समाज के साथ मिलकर रस्में निभाना शामिल है।
आज भी यह दिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। सजधज कर वे शाम को करवा माता की पूजा करती हैं और रात को चाँद निकलने का बेसब्री से इंतज़ार करती हैं। यही इंतज़ार इस व्रत की आत्मा है, जो इसे और भी पावन और यादगार बना देता है।
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