साल 2020 का सितंबर माह ग्रहों के गोचर के लिए काफी खास माना जा रहा है, क्योंकि इस माह में 9 में से करीब 5 ग्रह अपनी स्वराशि में हैं। वहीं दूसरी ओर 23 सितंबर 2020 को करीब 18 माह बाद छाया ग्रह राहु और केतु भी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। जहां राहु मिथुन से वृषभ में जा रहा है वहीं केतु धनु से वृ्श्चिक में विराजमान होंगे। दोनों ग्रह करीब 12 अप्रैल 2022 तक इन्हीं राशियों में रहेंगे। हालांकि केतु के राशि परिवर्तन से मानव जीवन पर प्रभाव भी पड़ेगा। ऐसे में एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्य आपको बताएंगे कि केतु के राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों पर कैसा पड़ेगा?
करीब 18 महीनों बाद 23 सितंबर 2020 बुधवार को केतु सुबह 7:38 बजे धनु राशि से वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। केतु भी राहु की तरह सदैव वक्री अवस्था में ही चलता है। केतु गोचर (ketu transit) से देश की राशि के सप्तम भाव में विराजमान हैं। इस समय देश में व्यापारिक वर्ग को थोड़ा मुश्किलों को सामना करना पड़ेगा। इस समय देश को किसी भी अन्य देश के साथ सोच-समझकर व्यापार के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए। सत्ता में आपसी मतभेद और वाद-विवाद की संभावना पैदा हो सकती है। हालांकि एग्रीकल्चर फील्ड और सरकारी क्षेत्रों में नौकरियों को अवसर बढ़ेंगे।
मेष राशि
मेष राशि में केतु अष्टम भाव में विराजमान होंगे। इसके फलस्वरूप परिवार में अत्यधिक खर्च की वजह से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। दुर्घटना से सावधान रहें। कीमती वस्तुओं का ध्यान रखें क्योंकि चोरी या खो जाने के योग बन रहे हैं।
वृषभ राशि
केतु इस राशि में सातवें भाव में विराजमान होंगे। सातवें भाव से विवाह और व्यापार का विचार किया जाता है। जीवनसाथी से अनबन एवं वैचारिक मतभेद बढ़ सकते हैं। जीवनसाथी में क्रोध की अधिकता रहेगी। व्यापार में सावधानी बरतने की जरूरत है। व्यापार में की गई साझेदारी में धोखा मिलने की संभावना है। धनलाभ से ज्यादा हानि होने की संभावना है, इसलिए सोच समझकर धन खर्च करें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि में केतु छठें भाव में विराजमान होंगे। छठें भाव से रोग एवं शत्रुओं का विचार किया जाता है। केतु की यह स्थिति आपके लिए शुभ साबित होगी। आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। लंबे वक्त से चले आ रहे कोर्ट कचहरी के मामले में आपको सफलता प्राप्त होगी। धन के मामले में सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि अधिन धन खर्च से वित्तीय स्थिति गड़बड़ा सकती है।
कर्क राशि
कर्क राशि में केतु पाचवें घर में विराजमान होंगे। पंचम भाव से संतान, प्रेम, कला का विचार किया जाता है। प्रेम संबंध में कड़वाहट एवं दरार पड़ने की संभावना है। गर्भवती महिलाओं के बच्चे सीजेरीयन से ही होने की संभावना अधिक है। इसके अलावा गर्भाधरण करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। कला के क्षेत्र वालों को उचित परिणाम नहीं मिलेंगे।
सिंह राशि
सिंह राशि में केतु चतुर्थ भाव में विराजमान होंगे। चतुर्थ भाव से माता और जमीन जायदाद का विचार किया जाता है। माता की तबीयत का विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा जमीन जायदाद के मामले में आप उलझ सकते हैं। वाहन से दुर्घटना की संभावना है इसलिए वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। साथ ही अत्यधिक धन खर्च से बचें।
कन्या राशि
कन्या राशि में केतु तीसरे भाव में विराजमान होंगे। तीसरा भाव से मीडिया, पराक्रम एवं छोटे भाई-बहन का विचार किया जाता है। यहां पर केतु शुभ फल प्रदान करेगा। आपके पराक्रम में वृद्धि होगी और आप ऊर्जावान बने रहेंगे। आपकी आय के स्त्रोत बढ़ेंगे और धन संबंधी मामलों में सफलता प्राप्त होगी। हालांकि छोटे भाई-बहनों से आपके संबंध अच्छे नहीं रहेंगे।
तुला राशि
तुला राशि में केतु दूसरे भाव में विराजमान होंगे। दूसरे भाव से वाणी, धन और कुटुम्ब का विचार किया जाता है। आपको सलाह दी जाती है कि उधार देने से बचें क्योंकि धनलाभ होने की संभावना नहीं है। जमा की गई पूंजी के भी खत्म होने के आसार हैं इसलिए धन का निवेश करने से पहले सोच-विचार अवश्य कर लें। वाणी पर संयम बनाकर रखें और परिवारिक वाद-विवाद से बचें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि में केतु प्रथम भाव में विराजमान होंगे। प्रथम भाव में होने के कारण व्यक्ति के स्वभाव में गुस्सा अधिक होगा, जिसकी वजह से वाद-विवाद की स्थिति पैदा होगी। दुर्घटना से चोट लगने की संभावना है। लव लाइफ में भी वाद-विवाद और मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को सावधान रहने की विशेष जरूरत है।
धनु राशि
धनु राशि में केतु बारहवें भाव में विराजमान होंगे। बारहवां भाव व्यय का देखा जाता है, इसलिए खर्चों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। आप अनावश्यक धन खर्च कर सकते हैं। जमीन जायदाद बिकने की संभावना है। वाहन को संभालकर चलाएं। विदेश गमन का योग बन रहा है।
मकर राशि
मकर राशि में केतु ग्यारहवें भाव में विराजमान होंगे। आय में वृद्धि होगी और आय के स्त्रोत भी बढ़ेंगे। आपके स्वयं के पराक्रम में वृद्धि होगी। जीवनसाथी से अनबन की स्थिति पैदा हो सकती है इसलिए वाद-विवाद से बचने की सलाह दी जाती है। छोटे भाई-बहनों से मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि में केतु दशवें भाव में विराजमान होंगे। दशवां भाव कर्म का और पिता का माना जाता है। सरकारी मामलों में अड़चने आ सकती हैं। किसी भी सरकारी अधिकारी से उलझने से बचें। पिता से वाद-विवाद हो सकता है। पिता की तबीयत का खास ख्याल रखें। वाणी पर संयम बनाकर रखना जरूरी है। धन की स्थिति खराब होने की संभावना है।
मीन राशि
मीन राशि में केतु नवम भाव में विराजमान होंगे। नवम भाव से भाग्य एवं धर्म का विचार किया जाता है। इस समय आपके भाग्य में वृद्धि होगी और भाग्य आपका पूर्ण साथ देगा। तीर्थ स्थानों के दर्शन और धर्म के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी। ऐसे समय आपको क्रोध से बचने की आवश्यकता है। वाहन संभालकर चलाएं चोट लगने की संभावना है।
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