राहु गोचर 2026

राहु गोचर 2026

वैदिक ज्योतिष में राहु एक छाया ग्रह कहलाता है। हालांकि फिर भी जब यह अपनी चाल में परिवर्तन लाता है तो यह बहुत ज्यादा प्रभावशाली हो जाता है। इस ग्रह का गोचर भी एक ऐसी ही समय अवधि है जब कई लोगों के जीवन में बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। साल 2026 में भी राहु का गोचर हो रहा है, जो सभी राशियों को अलग-अलग ढंग से प्रभावित करेगा। ऐसे में अगर आप यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि राहु गोचर 2026 (Rahu Gochar 2026) में कब हो रहा है या किस राशि में हो रहा है तो आपके लिए यहां दी गई जानकारी बहुत महत्वपूर्ण होगी। 

इस पेज पर आपको न सिर्फ राहु गोचर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी मिलेगी बल्कि कुछ आसान और सामान्य उपाय भी मिलेंगे जो आपको शुभ परिणाम प्राप्त करने में मदद करेंगे। 

गिफ्ट करना है कुछ खास? Astroyogi Mall से भेजें ऐसा तोहफा जिसमें प्यार और पॉजिटिविटी दोनों शामिल हों. 

जानें राहु गोचर का सही अर्थ (Rahu Gochar Ka Arth)  

राहु गोचर का मतलब होता है राहु ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में जाना। राहु चंद्रमा की गति से जुड़ा होता है। जब राहु अपनी स्थिति बदलता है, तो यह आपकी जिंदगी के कई पहलुओं को प्रभावित करता है, जैसे करियर, धन, इच्छाएं, प्रसिद्धि और सोचने का तरीका। राहु और केतु दोनों लगभग हर 18 महीने में अपनी राशि बदलते हैं। इसी वजह से राहु गोचर 2026 ज्योतिष के अनुसार एक महत्वपूर्ण समय माना जा रहा है, जो हर राशि के लिए नए अवसर और चुनौतियां लेकर आएगा। 

ज्योतिष में राहु गोचर का विशेष महत्व (Rahu Gochar Significance)

वैदिक ज्योतिष में राहु को एक रहस्यमयी और शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। यह आपकी इच्छाओं, लालसाओं और भौतिक सुखों का प्रतीक है। राहु वहां असर डालता है जहाँ इंसान कुछ पाना चाहता है, चाहे वो नाम हो, पैसा हो या पहचान। इस ग्रह का प्रभाव व्यक्ति को बेहद महत्वाकांक्षी और कल्पनाशील बना सकता है, लेकिन कभी-कभी यही ऊर्जा भ्रम और लालच भी पैदा कर देती है। राहु गोचर की बात करें तो इसका असर हमेशा अचानक और अप्रत्याशित होता है, पर इसके पीछे एक गहरा संदेश छिपा होता है, आपको सिखाने का कि जीवन में हर चीज़ पर पकड़ रखने की बजाय थोड़ा वैराग्य और समझ जरूरी है।  

राहु गोचर 2026 की तिथि और समय (Rahu Gochar 2026 Date & Time)

हर बार जब राहु अपनी राशि बदलता है, तो यह नई परिस्थितियों और बदलावों की शुरुआत का संकेत देता है। इस बार भी 2026 का राहु गोचर लोगों की जिंदगी में नए मोड़ और अनुभव लेकर आने वाला है। अगर आप जानना चाहते हैं कि यह बदलाव कब होगा, तो नीचे दी गई तिथि और समय नोट कर लें

Rahu Gochar 2026 Date & Time
राहु का मकर राशि में गोचर 5 दिसंबर 2026, शनिवार, शाम 07:28 बजे

राहु जब कुंडली के अलग-अलग भावों से गुजरता है, तो हर भाव में इसका असर अलग दिखाई देता है। यह आपके जीवन के कई हिस्सों जैसे करियर, रिश्ते, पैसा, और सोच को प्रभावित करता है। आइए जानते हैं, राहु जब पहले से बारहवें भाव तक यात्रा करता है तो कौन-कौन से बदलाव ला सकता है।
लग्न भाव: जब राहु लग्न में आता है, तो व्यक्ति में आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा बढ़ जाती है। लेकिन कभी-कभी यह ज्यादा सोचने या बेचैनी का कारण भी बन सकता है। नाम और पहचान की चाह बढ़ती है, पर साथ ही स्थिरता भी रह सकती है।

दूसरा भाव: यह स्थिति धन और परिवार से जुड़ी होती है। राहु यहाँ आर्थिक उतार-चढ़ाव ला सकता है या परिवार में मनमुटाव की स्थिति बना सकता है। बोलचाल में भी तीखापन आ सकता है, इसलिए शब्दों पर नियंत्रण रखना जरूरी है।

तीसरा भाव: यह राहु के लिए अच्छा स्थान माना जाता है। साहस, आत्मविश्वास और संवाद क्षमता में सुधार होता है। छोटे-छोटे सफ़र या नए अवसर सामने आते हैं। भाई-बहनों से संबंध मजबूत हो सकते हैं।

चौथा भाव: यहाँ राहु पारिवारिक और मानसिक शांति को प्रभावित कर सकता है। घर-परिवार या संपत्ति से जुड़ी उलझनें बढ़ सकती हैं। माँ के स्वास्थ्य या मन की बेचैनी से संबंधित कुछ तनाव संभव है।

पांचवा भाव: पांचवा भाव रचनात्मकता और प्रेम से जुड़ा होता है। राहु यहाँ कल्पनाशक्ति और बुद्धिमत्ता बढ़ाता है, लेकिन प्रेम संबंधों या बच्चों से जुड़ी चिंताएं भी दे सकता है। शेयर बाजार या निवेश में सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए।

छठवां भाव: यह राहु के लिए अनुकूल स्थिति मानी जाती है। शत्रु और बाधाएं कम होती हैं, स्वास्थ्य में सुधार आता है और काम में प्रतिस्पर्धा में सफलता मिल सकती है। कर्ज या विवाद सुलझने के संकेत भी मिलते हैं।

सातवां भाव: यह भाव विवाह और साझेदारी से जुड़ा है। राहु यहाँ संबंधों में अस्थिरता या भ्रम पैदा कर सकता है। जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर से गलतफहमियाँ हो सकती हैं, इसलिए धैर्य जरूरी है।

आठवां भाव: यह स्थिति चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। अचानक बदलाव, रहस्यमय परिस्थितियाँ या स्वास्थ्य संबंधी चिंता संभव है। कानूनी या गुप्त मामलों में सतर्क रहना बेहतर रहेगा।

नौवां भाव: यहाँ राहु व्यक्ति को विदेश यात्राओं, उच्च शिक्षा या नए अनुभवों की ओर प्रेरित करता है। हालांकि पिता या गुरुजनों से मतभेद हो सकते हैं, इसलिए आदर बनाए रखना जरूरी है।

दसवां भाव: यह भाव करियर और समाज में पहचान से जुड़ा होता है। राहु यहाँ व्यक्ति को ऊंचाई तक ले जा सकता है, पर साथ ही तनाव और नींद की कमी जैसी समस्याएं भी दे सकता है। काम में रणनीति और ईमानदारी बनाए रखना जरूरी है।

ग्यारहवां भाव: यह राहु के लिए शुभ स्थान है। धन लाभ, नए संबंध, और नेटवर्किंग से फायदे के योग बनते हैं। मेहनत का फल मिलता है और नए अवसर सामने आते हैं।

बारहवां भाव: यहाँ राहु खर्चों में वृद्धि और विदेश यात्रा की संभावनाएं बढ़ाता है। ध्यान और आध्यात्मिक झुकाव भी आता है, लेकिन अकेलेपन या अनावश्यक हानि से सावधान रहना चाहिए।

राहु के शुभ प्रभावों के लिए उपाय (Rahu Gochar Upay)

  • हर दिन “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” मंत्र का 108 बार जप करने से मन शांत रहता है और राहु की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।

  • शनिवार के दिन भगवान भैरव या माता दुर्गा को काले तिल और नीले फूल अर्पित करें। यह राहु के दोष को शांत करने में सहायक माना जाता है।

  • काले कुत्तों को रोटी खिलाना, सरसों का तेल या काला कपड़ा दान करना राहु को प्रसन्न करता है। ये उपाय साधारण लगते हैं, पर इनका असर गहरा होता है।

  • राहु भ्रम और लालच बढ़ाता है, इसलिए झूठ, नशा और अनैतिक रास्तों से बचें। मन और विचारों को साफ़ रखना ही राहु शांति का असली उपाय है।

  • राहु गोचर के दिन या अमावस्या पर राहु शांति पूजा करना फलदायक होता है। साथ ही सोमवार को भगवान शिव के मंदिर जाकर अभिषेक करना भी बहुत लाभ देता है, क्योंकि शिव सभी ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करते हैं।

आपकी कुंडली के अनुसार ग्रहों की दशा क्या कहती है, जानें एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों से। अभी परामर्श करें।

एस्ट्रो लेख और देखें
और देखें