चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना जाता है। चंद्रमा ज्योतिष शास्त्र में बहुत अहम स्थान रखते हैं। इनका महत्व इस बात से जाना जा सकता है कि कुंडली में राशि का निर्धारण चंद्रमा के आधार पर ही होता है। जातक के जन्म समय के अनुसार चंद्रमा जिस राशि में मौजूद होते हैं वही जातक की चंद्र राशि बनती है। भारतीय ज्योतिष में भविष्यफल जातक की चंद्र राशि के आधार पर ही किया जाता है। मन के साथ-साथ माता का कारक ग्रह भी इन्हें माना जाता है। चंद्रमा राशि चक्र की चतुर्थ राशि यानि कर्क राशि के स्वामी माने जाते हैं। वृषभ राशि में ये उच्च के होते हैं तो वहीं वृश्चिक राशि में चंद्रमा को नीच का माना जाता है।
चंद्रमा एक राशि में लगभग सवा दो दिन तक रहते हैं। नवग्रहों में चंद्रमा ही हैं जो सबसे ज्यादा गति रखते हैं और तेजी के साथ राशि परिवर्तन करते हैं। पंचांग मास का निर्धारण भी चंद्रमा के आधार पर ही होता है। चंद्रमा ही एक ऐसा ग्रह है जिसमें प्रत्यक्ष रूप से हम हर दिन होने वाले परिवर्तन को देख सकते हैं। माना जाता है कि चंद्रमा की अपनी चमक नहीं है बल्कि वह सूर्य की रोशनी से हमें जगमगाते दिखाई देते हैं। जैसे जैसे चंद्रमा आगे बढ़ता रहता है उसके आकार में परिवर्तन दिखाई देता है असल में आकार तो वैसा ही रहता है लेकिन उस पर पड़ने वाले प्रकाश में अंतर होते रहता है जिसके परिणामस्वरूप एक समय पर चंद्रमा बिल्कुल गायब हो जाता है। इसमें लगभग पंद्रह दिन का समय चंद्रमा लेता है इसे ही कृष्ण पक्ष भी पंचांग में कहते हैं। जब चंद्रमा के दर्शन नहीं होते तो उस तिथि को अमावस्या कहते हैं। इसके पश्चात धीरे धीरे चंद्रमा का आकार बढ़ने लगता है और पंद्रहवें दिन वह अपने पूरे आकार में आ जाता है इस तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है। इस पूरे पक्ष को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। इतना ही नहीं चंद्रमा सभी 27 नक्षत्रों के पति भी माने जाते हैं। इनमें रोहिणी नक्षत्र से इनका विशेष लगाव माना जाता है। पूर्णिमा तिथि तो चंद्रमा जिस नक्षत्र में होते हैं उसी नक्षत्र के आधार पर उक्त चंद्रमास का निर्धारण भी होता है।
अगर नवग्रहों के साथ इनके संबंध की बात करें तो सूर्य और बुध के साथ इनकी मित्रता है। वहीं राहू और केतु के साथ इनकी नहीं बनती। यही कारण है कि राहू चंद्रमा को ग्रहण भी लगाते हैं। मंगल, गुरु, शुक्र व शनि के साथ इनका सम व्यवहार होता है।
कुल मिलाकर कह सकते हैं ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह हैं। ग्रह गोचर के इस सेक्शन में साल में होने वाले ग्रह गोचर की जानकारी देते हैं। जैसा कि हमने ऊपर जानकारी दी है कि चंद्रमा लगभग ढ़ाई दिन में राशि परिवर्तन करता है ऐसे में चंद्रमा के समस्त गोचर की जानकारी यहां देना संभव नहीं है।
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