Budh Gochar 2026: जीवन में ग्रहों की चाल का बहुत महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। हर ग्रह जब अपनी चाल बदलता है तो कुछ न कुछ नया लेकर आता है। आज इस पेज पर आप बुध के राशि परिवर्तन यानि बुध गोचर के बारे में जानेंगे। बुध गोचर आपके लिए कई अवसर और बदलाव लेकर आता है जो जीवन की दिशा तय कर सकते हैं। तो चलिए आगे जानते हैं कि बुध ग्रह का गोचर क्या होता, साल 2026 में बुध कब-कब राशि बदलेगा और इसका कुंडली के सभी 12 भावों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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वैदिक ज्योतिष के अनुसार, “ग्रह गोचर” का मतलब किसी ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में जाना होता है। इस प्रकार जब बुध ग्रह अपनी स्थिति बदलता है, तो इसे बुध गोचर कहा जाता है। बुध को सबसे तेज़ चलने वाले ग्रहों में से एक माना गया है। यह लगभग हर 23 दिन में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है।
ज्योतिष में बुध ग्रह को ग्रहों का युवराज माना जाता है. बुध ग्रह आपके सोच, फैसले लेने की क्षमता, बातचीत, शिक्षा और व्यापारिक समझ से जुड़ा होता है। इसलिए जब यह अपनी चाल बदलता है, तो आपके सोचने और संवाद करने के तरीके में भी बदलाव आता है।
हर बार जब बुध गोचर होता है, तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर अलग-अलग रूप में दिखाई देता है। कुछ लोगों के लिए यह समय नई शुरुआत और सफलता लेकर आता है, जबकि कुछ को थोड़ा सतर्क रहने की ज़रूरत होती है। खास तौर पर जो लोग शिक्षण, लेखन, मीडिया, व्यापार या कम्युनिकेशन के क्षेत्र में हैं, वे बुध गोचर के असर को सबसे ज़्यादा महसूस करते हैं।
2026 में बुध ग्रह कई बार अपनी राशि बदलने वाला है। बुध गोचर 2026 अलग तरह की ऊर्जा और परिणाम लेकर आएगा। नीचे दी गई सूची में आप जान सकते हैं कि बुध 2026 में कब-कब राशि बदलेगा और उस समय किन बातों पर ध्यान देना ज़रूरी होगा।
| बुध का मकर राशि में गोचर: | 17 जनवरी 2026, सुबह 10:27 बजे |
| बुध का कुंभ राशि में गोचर: | 03 फरवरी 2026, रात 09:54 बजे |
| बुध का मीन राशि में गोचर: | 11 अप्रैल 2026, रात 01:20 बजे |
| बुध का मेष राशि में गोचर: | 30 अप्रैल 2026, सुबह 06:55 बजे |
| बुध का वृषभ राशि में गोचर: | 15 मई 2026, रात 12:34 बजे |
| बुध का मिथुन राशि में गोचर: | 29 मई 2026, सुबह 11:14 बजे |
| बुध का कर्क राशि में गोचर: | 22 जून 2026, दोपहर 03:41 बजे |
| बुध का कर्क राशि में गोचर: | 05 अगस्त 2026, शाम 07:58 बजे |
| बुध का सिंह राशि में गोचर: | 22 अगस्त 2026, शाम 07:33 बजे |
| बुध का कन्या राशि में गोचर: | 07 सितंबर 2026, दोपहर 01:37 बजे |
| बुध का तुला राशि में गोचर: | 26 सितम्बर 2026, दोपहर 12:41 बजे |
| बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: | 2 दिसंबर 2026, शाम 05:30 बजे |
| बुध का धनु राशि में गोचर: | 22 दिसंबर 2026, सुबह 07:42 बजे |
जन्म कुंडली के हर भाव जीवन के किसी न किसी हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। जब इन भावों से होकर बुध गोचर करता है, तो यह आपके जीवन पर खास असर डालता है। चलिए जानते हैं-
लग्न भाव: जब बुध लग्न भाव में आता है, तो व्यक्ति की बुद्धि, समझ और अभिव्यक्ति में निखार आता है। आत्मविश्वास बढ़ता है और बोलचाल में प्रभावशीलता दिखाई देती है। हालांकि, कभी-कभी बेचैनी या ज़रूरत से ज़्यादा सोचने की प्रवृत्ति भी बढ़ सकती है।
दूसरा भाव: यह स्थिति वाणी, धन और पारिवारिक मामलों पर असर डालती है। व्यक्ति समझदारी से बोलता है और आर्थिक मामलों में अधिक कुशल बनता है। व्यापार से जुड़े लोग अच्छे मुनाफ़े कमा सकते हैं, लेकिन भौतिक चीज़ों पर ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान देने से रिश्तों में दूरी आ सकती है।
तीसरा भाव: बुध का तीसरे भाव में गोचर संचार, लेखन, शिक्षण और छोटे यात्राओं के लिए शुभ माना जाता है। भाई-बहनों के साथ संबंध मज़बूत होते हैं और नए कौशल सीखने का अवसर मिलता है। निर्णय लेने की क्षमता भी तेज़ होती है।
चौथा भाव: यह गोचर घर, माता और संपत्ति से जुड़े मामलों को प्रभावित करता है। परिवार में संवाद बढ़ता है और पढ़ाई या रियल एस्टेट से जुड़े कामों में लाभ मिल सकता है। लेकिन अगर बुध कमजोर हो, तो परिवार में गलतफहमी की स्थिति बन सकती है।
पांचवा भाव: बुध के पाँचवें भाव में आने से रचनात्मक सोच, शिक्षा और प्रेम जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। विद्यार्थियों के लिए यह समय विशेष लाभदायक रहता है। बच्चे और शिक्षण से जुड़ी गतिविधियाँ सफल रहती हैं। निवेश या शेयर बाज़ार से भी लाभ संभव है।
छठवां भाव: इस स्थिति में बुध तर्कशक्ति और समस्या सुलझाने की क्षमता बढ़ाता है। नौकरी, प्रतियोगिता और स्वास्थ्य मामलों में सुधार होता है। हालाँकि, वाणी के कारण किसी के साथ वाद-विवाद की स्थिति बन सकती है, इसलिए बोलने में सावधानी रखें।
सातवां भाव: यह गोचर रिश्तों और साझेदारी पर असर डालता है। संवाद की कमी या गलतफहमी से तनाव संभव है। दांपत्य जीवन में सामंजस्य बनाए रखने के लिए खुले दिल से बातचीत ज़रूरी है। व्यापारिक साझेदारी में भी स्पष्टता रखें।
आठवां भाव: जब बुध आठवें भाव में आता है, तो व्यक्ति की खोजी और विश्लेषण क्षमता बढ़ती है। शोध, रहस्यमय विषयों या ज्योतिष में रुचि बढ़ सकती है। बीमा, विरासत या रिसर्च से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है।
नौवां भाव: बुध का नौवें भाव में गोचर उच्च शिक्षा, दर्शन, लंबी यात्राएँ और धार्मिक रुचियों के लिए अनुकूल रहता है। यह समय ज्ञान बढ़ाने और नए अनुभव प्राप्त करने का होता है। अध्यापन, लेखन या कानून से जुड़े लोगों को विशेष लाभ हो सकता है।
दसवां भाव: यह गोचर करियर, प्रतिष्ठा और सार्वजनिक जीवन को प्रभावित करता है। बुध यहाँ आपकी योजना बनाने और लोगों से जुड़ने की क्षमता को मज़बूत करता है। व्यापारियों और प्रोफेशनल्स के लिए यह समय बहुत फलदायी साबित हो सकता है।
ग्यारहवां भाव: बुध का ग्यारहवें भाव में आना लाभ, मित्रता और नए अवसरों का संकेत देता है। नेटवर्किंग, व्यापार विस्तार और लाभदायक डील्स के लिए यह समय शुभ होता है। इच्छाएँ पूरी होने के अवसर मिल सकते हैं।
बारहवां भाव: यह स्थिति व्यक्ति को अंतरमुखी और विचारशील बनाती है। विदेश से जुड़े कार्यों या रचनात्मक कामों में सफलता मिल सकती है। ध्यान और आध्यात्मिकता की ओर झुकाव बढ़ता है, लेकिन ओवरथिंकिंग या अकेलेपन से बचना चाहिए।
बुध का रंग हरा माना गया है। बुधवार के दिन हरे कपड़े पहनने से बुध की सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है। यह उपाय मानसिक संतुलन और तर्कशक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र का जाप करें। रोज़ाना या कम से कम बुधवार के दिन 108 बार इसका जाप करें। इससे सोचने की शक्ति, एकाग्रता और बोलचाल में सुधार होता है।
बुध को प्रसन्न करने के लिए बुधवार को हरी मूंग दाल, हरी सब्जियाँ, या हरे कपड़े दान करना शुभ माना जाता है। जरूरतमंदों को दान देने से बुध से जुड़ी रुकावटें धीरे-धीरे कम होती हैं।
बुध ग्रह भगवान विष्णु और गणेश जी से जुड़ा है। बुधवार को दुर्वा घास या तुलसी चढ़ाकर पूजा करें। यह उपाय बुध की कृपा प्राप्त करने और भ्रम या गलतफहमियों को दूर करने में सहायक है।
परिवार में संवाद बनाए रखना, मनमुटाव दूर करना और सहयोग की भावना रखना बुध को मज़बूत बनाता है। यह न सिर्फ रिश्तों में मिठास लाता है, बल्कि आपके भाग्य और मानसिक शांति को भी बढ़ाता है।
हर व्यक्ति की कुंडली अलग होती है, इसलिए बुध गोचर का प्रभाव भी अलग-अलग रूप में दिखाई देता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि बुध गोचर 2026 आपके लिए कैसा रहेगा, तो अपने व्यक्तिगत जन्म विवरण के आधार पर ज्योतिष सलाह लेना सबसे बेहतर रहेगा।