प्रेम और विलासिता का ग्रह शुक्र साल 2026 में कई बार अपनी चाल बदलेगा। प्रत्येक शुक्र गोचर के साथ आपको अलग-अलग परिणामों का अनुभव होगा। जब शुक्र ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करेगा तो आपके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे रिश्ते, सोच और भावनाओं में कुछ नया देखने को मिल सकता है। ऐसे में अगर आप जानना चाहते हैं कि साल 2026 में शुक्र गोचर कब-कब होगा और किस राशि में होगा तो यहां दी गई जानकारी आपके लिए सहायक हो सकती है। साथ ही यहां आपको शुक्र गोचर से जुड़ी प्रत्येक महत्वपूर्ण जानकारी भी मिलेगी। इसकी मदद से आप आने वाले अवसरों और चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।
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जब शुक्र ग्रह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उस प्रक्रिया को शुक्र गोचर कहा जाता है। शुक्र गोचर लगभग हर 23 से 26 दिनों में होता है। प्रत्येक शुक्र गोचर अपने साथ जीवन के नए अनुभव लेकर आता है। शुक्र को ज्योतिष में प्रेम, आकर्षण, कला, धन और सुख-सुविधा का ग्रह माना गया है। इसलिए इसका गोचर आपके रिश्तों, सामाजिक जीवन, और आर्थिक स्थिति पर सीधा असर डालता है।
जब शुक्र अपनी राशि बदलता है, तो ये केवल ग्रहों की चाल नहीं होती, ये समय आपके जीवन के कई फैसलों को दिशा देने वाला होता है। शुक्र गोचर के दौरान लोगों के रिश्ते, शादी-ब्याह के योग, आर्थिक स्थिति और रचनात्मकता पर खास असर देखा जाता है।
अगर शुक्र अपनी शुभ स्थिति में होता है, तो यह समय बहुत फलदायी माना जाता है, व्यक्ति को धन, सौभाग्य और रिश्तों में स्थिरता मिलती है। वहीं अगर शुक्र अशुभ प्रभाव में हो, तो रिश्तों में मतभेद, आर्थिक उलझनें या भावनात्मक तनाव जैसी स्थितियां बन सकती हैं। इसलिए शुक्र गोचर की तिथियाँ जानना बहुत उपयोगी होता है।
साल 2026 में शुक्र ग्रह कई बार राशि परिवर्तन करेगा। हर बार यह गोचर आपके जीवन को अलग ढंग से प्रभावित करेगा। शुक्र का गोचर प्रेम, धन, कला और सौंदर्य से जुड़ी ऊर्जाओं को प्रभावित करता है, इसलिए इन तिथियों को जानना उपयोगी माना जाता है।
| शुक्र का मकर राशि में गोचर: | 13 जनवरी 2026, मंगलवार, सुबह 04:02 बजे |
| शुक्र का कुम्भ राशि में गोचर: | 6 फरवरी 2026, शुक्रवार, रात 01:15 बजे |
| शुक्र का मीन राशि में गोचर: | 2 मार्च 2026, सोमवार, रात 01:01 बजे |
| शुक्र का मेष राशि में गोचर: | 26 मार्च 2026, गुरुवार, सुबह 05:13 बजे |
| शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: | 19 अप्रैल 2026, रविवार, दोपहर 03:51 बजे |
| शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: | 14 मई 2026, गुरुवार, सुबह 10:58 बजे |
| शुक्र का कर्क राशि में गोचर: | 8 जून 2026, सोमवार, शाम 05:47 बजे |
| शुक्र का सिंह राशि में गोचर: | 4 जुलाई 2026, शनिवार, शाम 07:18 बजे |
| शुक्र का कन्या राशि में गोचर: | 1 अगस्त 2026, शनिवार, सुबह 09:33 बजे |
| शुक्र का तुला राशि में गोचर: | 2 सितंबर 2026, बुधवार, दोपहर 01:51 बजे |
| शुक्र का तुला राशि में पुनः गोचर: | 22 नवम्बर 2026, रविवार, शाम 05:38 बजे |
जब शुक्र ग्रह कुंडली के अलग-अलग भावों से गुजरता है, तो हर भाव जीवन के किसी न किसी हिस्से को प्रभावित करता है, कभी प्रेम और रिश्ते, तो कभी करियर और धन से जुड़े पहलू। नीचे जानिए कि जब शुक्र लग्न से लेकर बारह भाव तक गोचर करता है, तब यह क्या परिवर्तन लाता है-
पहला भाव: इस स्थिति में शुक्र आपके व्यक्तित्व को निखारता है। आकर्षण बढ़ता है, आत्मविश्वास में सुधार आता है और लोगों के साथ मेलजोल अच्छा होता है। वैवाहिक जीवन में मिठास रहती है और जीवन सुखद महसूस होता है।
दूसरा भाव: इस भाव में शुक्र गोचर आर्थिक स्थिरता और परिवार में अच्छा माहौल लाने वाला होता है। बोलचाल में मधुरता आती है और घर का माहौल खुशहाल रहता है। धन की स्थिति सुधरती है और भौतिक सुखों में वृद्धि होती है।
तीसरा भाव: शुक्र यहाँ आपकी रचनात्मकता और अभिव्यक्ति को मजबूत करता है। लेखन, कला, मीडिया या संचार से जुड़े कार्यों में सफलता मिलती है। भाई-बहनों के साथ संबंध अच्छे रहते हैं, लेकिन छोटी गलतफहमियों से बचने की जरूरत होती है।
चौथा भाव: शुक्र गोचर के प्रभाव घरेलू सुख, वाहन और संपत्ति से जुड़ी खुशियाँ बढ़ती हैं। घर को सजाने-संवारने का मन करता है और परिवार के साथ भावनात्मक जुड़ाव गहराता है। यह समय नया घर या गाड़ी लेने के लिए भी अनुकूल होता है।
पांचवा भाव: प्रेम जीवन में नई ऊर्जा आती है। रोमांस, आकर्षण और रचनात्मकता चरम पर रहती है। बच्चों से जुड़ी खुशखबरी मिल सकती है और कला या मनोरंजन के क्षेत्र में अच्छा समय साबित होता है।
छठवां भाव: इस भाव में शुक्र थोड़ा मिश्रित परिणाम देता है। स्वास्थ्य पर थोड़ा ध्यान देने की ज़रूरत होती है, पर विवाद या कानूनी मामलों में जीत मिलने की संभावना रहती है। कार्यस्थल पर तालमेल बेहतर होता है और पुराने मतभेद खत्म हो सकते हैं।
सातवां भाव: ये गोचर विवाह, साझेदारी और रिश्तों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। शादी के योग बन सकते हैं, या रिश्तों में स्थिरता आती है। बिज़नेस पार्टनरशिप के लिए भी समय अनुकूल रहता है और सामाजिक पहचान में वृद्धि होती है।
आठवां भाव: यह समय भावनाओं को गहराई से महसूस करने का होता है। रहस्यमय अनुभव, अचानक परिवर्तन या छिपे हुए रिश्ते सामने आ सकते हैं। खर्चे बढ़ सकते हैं, लेकिन आत्म-चिंतन और परिवर्तन के लिए यह अच्छा समय है।
नौवां भाव: भाग्य प्रबल होता है। लंबी यात्राओं, उच्च शिक्षा और आध्यात्मिक प्रगति के लिए यह स्थिति शुभ रहती है। जीवन में सकारात्मक सोच आती है और धर्म या दर्शन में रुचि बढ़ती है।
दसवां भाव: करियर में प्रगति, मान-सम्मान और सार्वजनिक पहचान मिलती है। अगर आप कला, डिजाइन, या लग्ज़री से जुड़े क्षेत्र में हैं, तो शुक्र का यह गोचर सफलता का दौर ला सकता है। उच्च पद या पुरस्कार की संभावना रहती है।
ग्यारहवां भाव: दोस्तों, सोशल सर्कल और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के लिए यह गोचर बहुत अच्छा माना जाता है। आर्थिक लाभ, निवेश से कमाई और मनोकामनाओं की पूर्ति संभव होती है। नई पहचान और सहयोग से लाभ मिलता है।
बारहवां भाव: यह समय आत्म-चिंतन, अध्यात्म और सुकून पाने का होता है। हालांकि खर्चे बढ़ सकते हैं, पर मन को शांति और रचनात्मक प्रेरणा भी मिलती है। विदेश यात्रा या दान-पुण्य के कार्यों के लिए यह गोचर शुभ है।
शुक्र के प्रभाव को मजबूत करने के लिए रोज़ाना या शुक्रवार के दिन इसका बीज मंत्र “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” श्रद्धा से जपें। इससे मानसिक शांति मिलती है और शुभ परिणाम बढ़ते हैं।
शुक्र की कृपा पाने के लिए माता लक्ष्मी की आराधना अत्यंत शुभ मानी जाती है। शिवजी की पूजा करने से भी जीवन में संतुलन और सौहार्द बढ़ता है। शुक्रवार के दिन दीपक जलाकर प्रार्थना करें और मन से कृतज्ञता व्यक्त करें।
शुक्र से जुड़े शुभ दान में सफेद वस्त्र, चावल, दही, चांदी या सुगंधित फूल शामिल हैं। इन्हें शुक्रवार के दिन किसी जरूरतमंद को दान करने से ग्रह का नकारात्मक प्रभाव कम होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
शुक्र को सुंदरता और सुगंध बहुत प्रिय होती है। इसलिए अपने घर को साफ-सुथरा रखें और रोज़ ताजे फूल जैसे चमेली, मोगरा या गुलाब सजाएँ। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और मन भी प्रसन्न रहता है।
प्रतिदिन या शुक्रवार को आप श्री सूक्त या लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें। यह उपाय शुक्र ग्रह को मजबूती प्रदान करता है।
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