जब भी एक ग्रह अपनी स्थिति बदलता है तो अपने साथ नए बदलाव और ऊर्जा लेकर आता है। इसमें मंगल ग्रह भी शामिल हैं। मंगल ग्रह को जोश, हिम्मत और ताकत का प्रतीक माना जाता है। यह ग्रह जब-जब राशि परिवर्तन करता है, तो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि मंगल गोचर 2026 में कब कब होगा और इसका आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा यहां आपके लिए पूरी जानकारी दी गई है। यहां मंगल गोचर 2026 की तारीखों (Mangal Gochar 2026) की पूरी लिस्ट भी दी गई है। इसके माध्यम से आप जान सकते हैं कि मंगल गोचर का ज्योतिषीय महत्व क्या है और यह 12 भावों को कैसे प्रभावित करता है।
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वैदिक ज्योतिष में जब मंगल ग्रह अपनी राशि बदलकर किसी नई राशि में प्रवेश करता है, तो इस प्रक्रिया को मंगल गोचर कहा जाता है। यह राशि परिवर्तन लगभग 45 दिनों में होता है, और हर बार अपने साथ नई ऊर्जा और परिणाम लेकर आता है। मंगल ग्रह को शक्ति, साहस, भूमि, क्रोध, प्रतिस्पर्धा और शारीरिक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। जब यह अपनी स्थिति बदलता है, तो इसका सीधा असर व्यक्ति के जोश, उत्साह, संपत्ति से जुड़े मामलों और संबंधों पर पड़ता है।
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को एक अग्नि तत्व वाला ग्रह माना गया है। यह हमारी हिम्मत, साहस, नेतृत्व क्षमता और महत्वाकांक्षा से जुड़ा होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल मजबूत स्थिति में होता है, वह आत्मविश्वासी, निर्णायक और मेहनती स्वभाव का होता है।
मंगल को भूमि, भाई-बहन, पराक्रम और ऊर्जा का कारक ग्रह कहा गया है। मंगल का संबंध विवाह और मांगलिक दोष से भी माना जाता है। इसलिए इसका गोचर वैवाहिक जीवन और रिश्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिष के अनुसार, मंगल की चाल देखकर शुभ विवाह मुहूर्त, संपत्ति खरीदने का सही समय, और नए कार्यों की शुरुआत के लिए उचित समय का अनुमान लगाया जाता है।
साल 2026 में मंगल ग्रह कुल आठ बार अपनी राशि बदलेगा। हर बार का यह परिवर्तन अलग तरह की ऊर्जा और परिणाम लेकर आएगा। नीचे दी गई सूची में आप जान सकते हैं कि 2026 में मंगल गोचर कब-कब करेगा और उस समय कौन-सी राशि में प्रवेश करेगा।
| मंगल का मकर राशि में गोचर | 16 जनवरी 2026, शुक्रवार को सुबह 04:36 बजे |
| मंगल का कुंभ राशि में गोचर | 23 फरवरी 2026, सोमवार को दोपहर 11:57 बजे |
| मंगल का मीन राशि में गोचर | 02 अप्रैल 2026, गुरुवार को शाम 03:37 बजे |
| मंगल का मेष राशि में गोचर | 11 मई 2026, सोमवार को दोपहर 12:47 बजे |
| मंगल का वृषभ राशि में गोचर | 21 जून 2026, रविवार को रात 12:07 बजे |
| मंगल का मिथुन राशि में गोचर | 02 अगस्त 2026, रविवार को रात 10:59 बजे |
| मंगल का कर्क राशि में गोचर | 18 सितम्बर 2026, शुक्रवार को शाम 04:44 बजे |
| मंगल का सिंह राशि में गोचर | 12 नवम्बर 2026, गुरुवार को रात 08:30 बजे |
जब मंगल ग्रह आपकी कुंडली के 12 भावों से होकर गुजरता है, तो हर भाव में इसका असर अलग दिखाई देता है। हर भाव जीवन के किसी न किसी पहलू का प्रतिनिधित्व करता है जैसे व्यक्तित्व, धन, रिश्ते, करियर या आध्यात्मिकता। चलिए जानते हैं कि मंगल गोचर का 12 भावों पर क्या असर होता है:
लग्न भाव: जब मंगल लग्न भाव में आता है, तो व्यक्ति में जोश और आत्मविश्वास बढ़ जाता है। काम करने की गति तेज़ होती है और नई शुरुआत के मौके मिलते हैं। हालाँकि, इस समय गुस्सा और अधीरता भी बढ़ सकती है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है। संयम रखेंगे तो सफलता पक्की है।
दूसरा भाव: यह भाव धन, वाणी और परिवार से जुड़ा होता है। मंगल यहाँ आकर बातों को थोड़ा तीखा बना सकता है। कमाई के मौके बढ़ेंगे, पर खर्चे भी साथ आ सकते हैं। पैसों और बोलचाल दोनों में समझदारी बरतना ज़रूरी है ताकि परिवार में तालमेल बना रहे।
तीसरा भाव: मंगल तीसरे भाव में साहस, आत्मविश्वास और संचार कौशल को मज़बूत करता है। यह समय नए काम शुरू करने, छोटी यात्राओं या प्रमोशन के लिए अच्छा रहता है। बस जल्दबाज़ी से बचें, क्योंकि अधीरता कभी-कभी नुकसान भी दे सकती है।
चौथा भाव: यह घर सुख, घर-परिवार और मानसिक शांति से जुड़ा होता है। मंगल का यहाँ गोचर घर के माहौल में हलचल ला सकता है, कभी झगड़े, कभी मरम्मत या बदलाव की ज़रूरत। यदि सोच संतुलित रखी जाए तो यह समय संपत्ति या वाहन से जुड़ा लाभ भी दे सकता है।
पांचवा भाव: मंगल यहाँ रचनात्मकता, प्रेम और बच्चों से जुड़ी बातों को प्रभावित करता है। इस समय व्यक्ति में ऊर्जा और प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ती है छात्रों और उद्यमियों के लिए यह फायदेमंद रह सकता है। लेकिन प्रेम संबंधों या बच्चों से जुड़ी बातें थोड़ी चुनौतीपूर्ण रह सकती हैं, इसलिए धैर्य ज़रूरी है।
छठवां भाव: यह भाव संघर्ष, स्वास्थ्य और प्रतियोगिता से जुड़ा होता है। मंगल यहाँ बहुत शुभ प्रभाव देता है, शत्रुओं पर विजय, नौकरी में तरक्की और रोगों से राहत मिल सकती है। बस ज़रूरत से ज़्यादा आक्रामक रवैये से बचें ताकि रिश्तों और कार्यस्थल पर तालमेल बना रहे।
सातवां भाव: यह घर विवाह, साझेदारी और रिश्तों का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल यहाँ जुनून और आकर्षण बढ़ाता है, लेकिन टकराव की संभावना भी बढ़ सकती है। अगर आप शांत और समझदार रहेंगे तो रिश्ते गहराई लेंगे, वरना बहसें अनावश्यक तनाव दे सकती हैं।
आठवां भाव: यह भाव रहस्य, बदलाव, शोध और गूढ़ विषयों से जुड़ा होता है। मंगल यहाँ अचानक परिस्थितियाँ या मानसिक उतार-चढ़ाव ला सकता है। यह समय आत्ममंथन या किसी नए ज्ञान की खोज के लिए अच्छा है, लेकिन सेहत और चोटों से सावधानी रखनी चाहिए।
नौवां भाव: मंगल यहाँ व्यक्ति में यात्रा, धर्म और उच्च शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ाता है। नई जगहों की खोज या नए विषयों को सीखने का अवसर मिलता है। हालाँकि, पिता या गुरु समान व्यक्तियों के साथ विचारों में मतभेद हो सकते हैं इसलिए सम्मान बनाए रखें।
दसवां भाव: यह घर करियर, पद और सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ा है। मंगल का यहाँ आना मेहनत का फल दिला सकता है। नेतृत्व क्षमता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ते हैं। बस ज़रूरत से ज़्यादा दबाव या अहंकार से बचें वरना बॉस या वरिष्ठों से टकराव हो सकता है।
ग्यारहवां भाव: मंगल का ग्यारहवां भाव में गोचर लाभ, नए अवसर और मित्रता के लिए शुभ माना जाता है। नई पहचानें, प्रोजेक्ट्स और सहयोग से लाभ के योग बनते हैं। बस ईर्ष्या या प्रतिस्पर्धा की भावना पर काबू रखें ताकि रिश्ते बिगड़ें नहीं।
बारहवां भाव: यह भाव खर्च, विदेशी संबंध, और आध्यात्मिकता से जुड़ा होता है। मंगल यहाँ रहकर यात्रा, ध्यान या विदेश से जुड़े कार्यों को बढ़ावा देता है। हालाँकि, अनावश्यक खर्च या गुप्त तनाव बढ़ सकता है, इसलिए संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है।