इन दिनों भारत के अलावा विश्वभर में आर्थिक मंदी का दौर जारी है। ऐसे में ऑटो सेक्टर समेत इकोनॉमी का लगभग प्रत्येक सेक्टर बेरोजगारी की समस्या से हलकान है। इन दिनों भारी मंदी के वजह से कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। ऐसे में बेरोजगारी दर के बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है।वहीं ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन जातकों की कुंडली के एकादश भाव में सूर्य के साथ राहु विराजित है उनके लिए नौकरी से निकाल दिए जाने की संभावना बन रही हैं। तो चलिए आज हम आपको ज्योतिष की दृष्टि से जॉब छूटने और तरक्की पाने के बारे में विस्तार से बताएंगे।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, जातक की कुंडली और ग्रहों की चाल का प्रभाव भी हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। ऐसे में जॉब पाना और जॉब का छूट जाना भी ग्रहों की बदलती चाल पर भी कहीं न कहीं निर्भर करता है। ज्योतिष के मुताबिक, कुंडली का दसवां भाव जातक के करियर का नेतृत्व करता है यानि कि आपको कैसी जॉब मिलेगी, आपको पदोन्नति कब मिलेगी आदि के बारे में जानकारी मिल सकती है।
कुंडली में शनि ग्रह का प्रभाव
कुंडली के अनुसार, किसी भी जातक को करियर में मिल रही सफलता और असफलता का कारण शऩि ग्रह की स्थिति को माना जाता है। यदि शनि आपकी कुंडली में अशुभ स्थान पर बैठे हैं तो आपको जॉब में दिक्कत आ सकती है। वहीं जिनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अंतर्दशा चल रही है तो आपको नौकरी संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
कई बार आपको जॉब तो आसानी से मिल जाती है लेकिन थोड़े वक्त के बाद आपको जॉब से हाथ धोना पड़ जाता है इसका कारण है आपकी कुंडली के दशम भाव में पाप योग का बनना। इसके अलावा अगर दशम भाव में नीच ग्रह यानि राहु या केतु आकर बैठ जाते हैं तो नौकरी स्थायी नहीं रहती है। ऐसे में अक्सर जातक अपनी जॉब बदलते रहते हैं और क्रेडिबिलिटी भी नहीं बना पाते हैं। ऐसे में आपको किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से अपनी कुंडली का आकलन करवाना चाहिए। कुंडली का सही आकलन कराने के लिए आप एस्ट्रोयोगी पर अनुभवी ज्योतिषियों से परामर्श ले सकते हैं। अभी बात करने के लिए यहां पर क्लिक करें।
ज्योतिष के अनुसार, शनि ग्रह अगर अपने से बीच राशि में हो या उसकी युति मंगल, केतु या सूर्य के साथ हो तो ऐसे में भी व्यक्ति अपनी जॉब को लेकर परेशान रहता है। इसके अलावा शनि अपने भाव में ना रहकर यदि छठें, आठवें या 12वें भाव में विराजनमान रहता है तो भी जॉब में अड़चने आती रहती हैं।
कुंडली के दशम भाव में यदि कोई शुभ ग्रह ना हो और राहु-शनि संबंध बना रहें हो तो आप बॉस से झगड़ा करके जॉब छोड़ सकते हैं।
जिस जातक की कुंडली में गुरु और सूर्य शुभ स्थिति में उच्च के होते हैं तो उनका जॉब स्थायी होता है। वो अपना काम बहुत संभलकर करते हैं और उन्हें नौकरी में तरक्की भी मिलती है।
ज्योतिष के अनुसार कुंडली का दशम भाव कर्म स्थान होता है। यदि आपके दशम भाव में बृहस्पति या सूर्य विराजमान रहता है तो जातक कड़ी मेहनत के दम पर पदोन्नति प्राप्त कर सकता है। वहीं यदि 10वें भाव में सूर्य विराजित है तो आपको नौकरियां तो काफी मिलती हैं लेकिन आप अपनी शर्तों के अनुसार काम करना पसंद करते हैं जिस वजह से आपको कई बार नौकरी छोड़नी भी पड़ती है।
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