सरकारी नौकरी देश में लाखों लोगों के लिए आकर्षक है। सरकारी नौकरी में सुरक्षा, सुविधाएं और अन्य लाभ होते हैं जो एक व्यक्ति को उनके अन्य विकल्पों से अलग करते हैं। हालांकि, इसे प्राप्त करना कठिन हो सकता है, और इसे प्रभावित करने वाले कई तत्व हो सकते हैं, जिनमें एक ऐसा मान्यता भी है कि कुंडली भी शामिल है।
कुंडली, जो ज्योतिष विज्ञान में उपयोग की जाती है, एक व्यक्ति के जन्म के समय के आधार पर उत्पन्न ग्रहों, नक्षत्रों, राशियों और दृष्टियों का एक चार्ट होता है। कुंडली में व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं की पूर्वानुमानी और विश्लेषण की जाती है। यह एक व्यक्ति के जीवन, करियर, स्वास्थ्य, विवाह, आर्थिक स्थिति और अन्य क्षेत्रों में उनके भाग्य के बारे में अद्भुत ज्ञान प्रदान करने का दावा करती है।
कई लोग मानते हैं कि कुंडली में व्यक्ति की सरकारी नौकरी प्राप्ति पर भी प्रभाव डाल सकती है। वे यह मानते हैं कि कुंडली में उल्लिखित ग्रह और योग सरकारी नौकरी में सफलता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, कई लोग अपनी कुंडली के आधार पर नौकरी का चयन करने और उसमें सफलता प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
हालांकि, क्या सरकारी नौकरी के लिए कुंडली वास्तव में मायने रखती है? इस सवाल का जवाब व्यक्ति के धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर निर्भर करेगा।
आध्यात्मिक और ज्योतिष विश्वासयों के अनुसार, कुंडली व्यक्ति के जीवन के अभिप्रेत संकेत को दर्शाती है। यह उनके कर्म, भाग्य और ग्रहों के संयोग को दर्शाती है जो उनकी सरकारी नौकरी में सफलता को प्रभावित कर सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, कुंडली पढ़ने वाले ज्योतिषी उन ग्रहों और योगों को खोज सकते हैं जो व्यक्ति को सरकारी नौकरी में सफलता प्रदान कर सकते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, कुंडली के माध्यम से सरकारी नौकरी के लिए भविष्यवाणी करना नामुमकिन है। वैज्ञानिक विश्लेषण ने इस बात का समर्थन किया है कि ग्रहों का कोई सीधा प्रभाव नहीं होता है और कुंडली मात्र एक व्यक्ति के विचारों, दृष्टिकोणों, कार्यक्षेत्र में मेहनत और कौशल से नहीं जुड़ी होती है। इस दृष्टि से, कुंडली का प्रभाव सरकारी नौकरी में सफलता पर ध्यान देने के लिए नहीं होना चाहिए।
अतीत में कई महान सरकारी कर्मचारी और नेता हैं जो अपनी सरकारी नौकरी को अपनी मेहनत, संकल्प और निष्ठा से प्राप्त कर चुके हैं। वे ग्रहों के प्रभाव से अपने समर्पण और सफलता को जोड़ते हैं, न कि कुंडली के अभिप्रेत अंशों के आधार पर।
अंतर्विष्ट करने पर, सरकारी नौकरी के लिए कुंडली का महत्व व्यक्ति के धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर निर्भर करेगा। यदि आप इस पर विश्वास करते हैं और कुंडली के माध्यम से अपने करियर की भविष्यवाणी करना चाहते हैं, तो आपको एक अच्छे ज्योतिषी के साथ संपर्क करना चाहिए। हालांकि, यदि आप वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाते हैं, तो आपको अपनी मेहनत, कौशल और निष्ठा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सरकारी नौकरी में सफलता पाने के लिए, आपको अपने लक्ष्यों की ओर दृष्टि रखनी चाहिए और मेहनत, प्रयास और निष्ठा के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
कुंडली में दशम स्थान को (दसवां स्थान) को कार्यक्षेत्र के लिए जाना जाता है। सरकारी नौकरी के योग को देखने के लिए इसी घर का आंकलन किया जाता है। दशम स्थान में अगर सूर्य, मंगल या ब्रहस्पति की दृष्टि पड़ रही होती है तो सरकारी नौकरी का प्रबल योग बन जाता है। कभी-कभी यह भी देखने में आता है कि जातक की कुंडली में दशम में तो यह ग्रह होते हैं लेकिन फिर भी जातक को संघर्ष करना पड़ रहा होता है तो ऐसे में अगर सूर्य, मंगल या ब्रहस्पति पर किसी पाप ग्रह (अशुभ ग्रह) की दृष्टि पड़ रही होती है तब जातक को सरकारी नौकरी प्राप्ति में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अतः यह जरूरी है कि आपके यह ग्रह पाप ग्रहों से बचे हुए रहें।
अगर जातक का लग्न मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक, वृष या तुला है तो ऐसे में शनि ग्रह और गुरु(ब्रहस्पति) का एक-दूसरे से केंद्र या त्रिकोण में होना, सरकारी नौकरी के लिए अच्छा योग उत्पन्न करते हैं।
केंद्र में अगर चन्द्रमा, ब्रहस्पति एक साथ होते हैं तो उस स्थिति में भी सरकारी नौकरी के लिए अच्छे योग बन जाते हैं। साथ ही साथ इसी तरह चन्द्रमा और मंगल भी अगर केन्द्रस्थ हैं तो सरकारी नौकरी की संभावनायें बढ़ जाती हैं।
कुंडली में दसवें घर के बलवान होने से तथा इस घर पर एक या एक से अधिक शुभ ग्रहों का प्रभाव होने से जातक को अपने करियर क्षेत्र में बड़ी सफलताएं मिलतीं हैं तथा इस घर पर एक या एक से अधिक बुरे ग्रहों का प्रभाव होने से कुंडली धारक को आम तौर पर अपने करियर क्षेत्र में अधिक सफलता नहीं मिल पाती है।
ज्योतिष के अन्दर इस तरह की समस्या के लिए उपयुक्त उपचार भी मौजूद हैं। जातक की कुंडली का पूरा आंकलन करने के बाद ही उपायों को सुझाया जा सकता है। जो शुभ ग्रह कमजोर हैं उन्हें बलवान बनाकर और अशुभ ग्रहों को शांत कर, इस तरह की समस्याओं का अंत किया जा सकता है।
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