Lakshmi Puja: सही विधि से करें पूजा और पाएं धन की वर्षा

Wed, Oct 01, 2025
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Lakshmi Puja: सही विधि से करें पूजा और पाएं धन की वर्षा

Lakshmi Puja: हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है। मां की कृपा से जीवन में खुशहाली और सकारात्मकता आती है। यही कारण है कि लक्ष्मी पूजा का महत्व बहुत बढ़ जाता है। इसलिए जब भी घर में लक्ष्मी पूजा होती है, तो वहाँ भौतिक संपन्नता के साथ-साथ मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा भी आती है। 

वैसे तो लक्ष्मी पूजा सालभर में कई अवसरों पर की जाती है, लेकिन खास रूप से दीपावली और शरद पूर्णिमा पर इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इन अवसरों में मां के भक्त उन्हें अपने घरों में आमंत्रित करते हैं और घर-परिवार के सुख की कामना करते हैं। लक्ष्मी पूजा के प्रत्येक चरण का अपना महत्व होता है, और हर क्रिया के पीछे यह विश्वास जुड़ा है कि इससे घर में सुख-समृद्धि और शुभ फल प्राप्त होते हैं।

ऐसी मान्यता है कि जब आप सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ माता की आराधना करते हैं, तो आपका जीवन न केवल धन-धान्य से भरपूर होता है, बल्कि उसमें आत्मिक संतोष और जीवन की नई दिशा भी प्राप्त होती है। जानें लक्ष्मी पूजा की विधि और चमत्कारी लाभ के बारे में।

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लक्ष्मी पूजा के लिए सामग्री 

  • कलश (जल, सुपारी, सिक्का, आम का पत्ता)
  • मां लक्ष्मी व गणेशजी की प्रतिमा/मूर्ति
  • लाल वस्त्र (चौकी पर बिछाने के लिए)
  • फूल व फूलों की माला (कमल, गेंदे आदि)
  • दीपक व शुद्ध देसी घी
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
  • धूप, अगरबत्ती, कपूर
  • मौली/कलावा
  • रोली/कुंकुम/चंदन
  • हल्दी पाउडर व गांठ
  • अक्षत (साबूत चावल)
  • मिठाई/पेडा/लड्डू (नैवेद्य के लिए)
  • फल (अनार, केला, ऋतुफल आदि)
  • बताशा, खांड के खिलौने, सूखा मेवा
  • पान के पत्ते, सुपारी, लौंग, इलायची
  • कुबेर यंत्र, लक्ष्मी यंत्र, चांदी या सोने का सिक्का श्रद्धानुसार

इस विधि से करें लक्ष्मी पूजा 

लक्ष्मी पूजा पारंपरिक रूप से षोडशोपचार विधि के अनुसार की जाती है, जिसमें सोलह चरण शामिल होते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे पूजा पूर्ण और मंगलकारी बनती है। 

  • पूजा की शुरुआत ध्यान से होती है, जहाँ भक्त माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर मन और भावों को उनके चरणों में एकाग्र करता है। इसके बाद आवाहन किया जाता है, जिसमें हाथ जोड़कर माता को आमंत्रित किया जाता है कि वे घर में विराजमान हों और अपना आशीर्वाद प्रदान करें।
  • इसके पश्चात पुष्पांजलि अर्पित की जाती है, जिसमें पाँच फूल माता को आसन स्वरूप अर्पित किए जाते हैं। फिर देवी को जल अर्पित कर चरण धोए जाते हैं। 
  • पूजा के अगले चरण में सुगंध, अक्षत और पुष्प अर्पित किए जाते हैं, जिससे देवी के विभिन्न अंगों का पूजन होता है।
  • इसके बाद अंग-पूजन और अष्ट-सिद्धि व अष्ट-लक्ष्मी पूजन किया जाता है। इसमें देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों और आठ सिद्धियों की प्रार्थना की जाती है, ताकि जीवन में हर प्रकार की समृद्धि और शक्ति प्राप्त हो सके। 
  • पूजा के दौरान धूप और दीप जलाकर वातावरण को पवित्र किया जाता है और अंधकार व नकारात्मकता को दूर करने का भाव व्यक्त किया जाता है।
  • इसके उपरांत देवी को नैवेद्य अर्पित किया जाता है, जिसमें मिठाई, फल और पंचामृत का विशेष महत्व होता है। फिर पान के पत्ते और सुपारी अर्पित किए जाते हैं। 
  • दक्षिणा के रूप में दान देना भी इस पूजा का एक आवश्यक भाग है। इसके बाद भक्त प्रदक्षिणा करता है और मंत्रोच्चार के साथ फूल अर्पित कर देवी की वंदना करता है।
  • अंत में साष्टांग प्रणाम कर माता लक्ष्मी के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा अर्पित की जाती है और क्षमा प्रार्थना की जाती है कि यदि पूजा में कोई भूल हुई हो तो देवी क्षमा करें। 

लक्ष्मी पूजा के लिए चमत्कारी मंत्र 

लक्ष्मी पूजा में मंत्रों के उच्चारण का विशेष महत्व है। यह न केवल वातावरण को पवित्र बनाते हैं बल्कि साधक के मन और आत्मा को भी सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख मंत्र और उनके अर्थ दिए जा रहे हैं:

1. लक्ष्मी बीज मंत्र
ॐ श्रीं श्रियें नमः

2. महालक्ष्मी मूल मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः

3. लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ

4. लक्ष्मी पूजा मंत्र
ॐ महालक्ष्म्यै नमो नमः, ॐ विष्णु प्रिये नमो नमः, ॐ धन प्रदायै नमो नमः, ॐ विश्व जनन्यै नमो नमः

5. धन प्राप्ति के लिए शक्तिशाली मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा

लक्ष्मी पूजा का महत्व क्या है ?

हिंदू परंपरा में माता लक्ष्मी केवल धन और वैभव की देवी ही नहीं, बल्कि प्रेम, सुंदरता और सकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक भी मानी जाती हैं। वे भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति हैं और सभी संप्रदायों में श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजी जाती हैं। लक्ष्मी पूजा का महत्व इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह केवल भौतिक सुख-संपत्ति तक सीमित नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक विकास से भी जुड़ा हुआ है।

सांस्कृतिक दृष्टि से लक्ष्मी पूजा घर-परिवार में खुशहाली और सौभाग्य लाने वाली मानी जाती है। दीपावली, शरद पूर्णिमा, विवाह, गृह प्रवेश या किसी भी नए कार्य की शुरुआत पर लक्ष्मी माता की आराधना की जाती है ताकि जीवन में समृद्धि, सफलता और सकारात्मकता बनी रहे। यह पूजा न केवल धन की प्राप्ति कराती है बल्कि घर में सुख-शांति और आपसी सामंजस्य भी बढ़ाती है।

इसके साथ ही माता लक्ष्मी साधक को धर्म का मार्ग दिखाती हैं और मोक्ष की ओर भी ले जाती हैं। यही कारण है कि लक्ष्मी पूजा को जीवन के हर क्षेत्र में कल्याणकारी और मंगलकारी माना गया है।

जानें लक्ष्मी पूजा के लाभ 

माता लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन के हर पहलू में शुभता और समृद्धि का संचार होता है। सबसे प्रमुख लाभ यह है कि पूजा से धन और वैभव की प्राप्ति होती है। जिन घरों में श्रद्धा और विश्वास के साथ लक्ष्मी पूजा की जाती है, वहाँ कभी धन की कमी नहीं रहती और परिवार आर्थिक रूप से संपन्न होता है।

यह पूजा केवल धन-संपत्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के हर प्रयास में सफलता दिलाने वाली भी मानी जाती है। चाहे व्यापार हो, नौकरी हो या कोई नया कार्य, लक्ष्मी पूजा बाधाओं को दूर करके उन्नति और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है।

माता लक्ष्मी का आशीर्वाद घर में स्वास्थ्य और खुशहाली भी लाता है। परिवार के बीच आपसी सामंजस्य और प्रेम बना रहता है, जिससे जीवन अधिक संतुलित और सुखमय हो जाता है।

आध्यात्मिक दृष्टि से लक्ष्मी पूजा साधक के भीतर सकारात्मक ऊर्जा और शुद्धता का संचार करती है। मंत्र उच्चारण और दीप लगाने से न केवल अंधकार दूर होता है बल्कि नकारात्मकता भी खत्म होती है और घर में शुभ ऊर्जा का वास होता है।

सच्चे भाव से की गई लक्ष्मी पूजा साधक को धन, सुख, स्वास्थ्य, सफलता और आत्मिक संतोष, इन सभी का आशीर्वाद प्रदान करती है।

क्यों खास माना जाता है लक्ष्मी पूजन ?

लक्ष्मी पूजा की परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी उतनी ही श्रद्धा और उत्साह के साथ निभाई जाती है। इसे विशेष रूप से दीपावली, धनतेरस और शरद पूर्णिमा के अवसर पर किया जाता है। मान्यता है कि अमावस्या की तिथि पर संध्या समय लक्ष्मी पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि उस समय देवी का घर-घर आगमन होता है।

पूजा के दौरान विशेष रूप से कमल का फूल माता को अर्पित किया जाता है, क्योंकि देवी लक्ष्मी को कमल पर विराजमान बताया गया है। इसके अलावा मिठाई, फल, सिक्के और नये वस्त्र अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। परंपरानुसार लक्ष्मी जी के साथ-साथ भगवान गणेश, देवी सरस्वती और कभी-कभी कुबेर देव की पूजा भी की जाती है ताकि जीवन में धन, विद्या, सुख और सफलता सबका आशीर्वाद मिल सके।

जब यह पूजा पूर्ण श्रद्धा, विधि-विधान और शुद्ध भावनाओं से की जाती है, तो घर-परिवार पर न केवल धन-वैभव की वर्षा होती है बल्कि स्थायी समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहती है। लक्ष्मी पूजा वास्तव में केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह हमें यह संदेश भी देती है कि समृद्धि तभी सार्थक है जब उसके साथ संतोष, प्रेम और सद्भाव भी जुड़ा हो।

 

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