माधुरी दीक्षित के पिता शंकर दीक्षित व माता स्नेह लता दीक्षित को क्या पता था कि जिस कन्या रूपी लक्ष्मी ने उनके घर जन्म लिया है वो आगे चलकर अपने अभिनय के दम पर लाखों लोगों की दिल की धड़कन बनने वाली है। धक धक गर्ल मधुरी दीक्षित का जन्म एक महाराष्ट्रीयन परिवार में 15 मई 1967 को मुंबई में हुआ। माधुरी में बचपन से ही कला व नृत्य के प्रति समर्पण का भाव विद्धमान था। इसी भाव के चलते माधुरी छोटी सी उम्र में ही नृत्यकला में निपुण होने के लिए प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया। युवा अवस्था तक माधुरी एक निपुण नृत्यांगना बन चुकी थीं। अबोध फिल्म से सिनेमा में पर्दापर्ण करने वाली माधुरी को तेजाब फिल्म से नाम व सम्मान मिला। जिसके बाद माधुरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। भारतीय सिनेमा पर माधुरी का एक समय में एक छत्र राज रहा। सिनेमाघरों के बाहर इनके फिल्मों को देखने के लिए लोगों की लंबी कतारें लगती थीं। आज भी माधुरी का जलवा कायम है। उन्हें आज कई अभिनेत्रियां अपना आदर्श मानती हैं। माधुरी को भारतीय सिनेमा में अमुल्य योगदान देने के लिए 2008 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से सम्मानित किया गया। जिसे भारत वर्ष का चौथा सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। आगामी 15 मई को माधुरी का जन्मदिन है। ऐसे में एस्ट्रोयोगी एस्ट्रोलॉजर ने माधुरी की कुंडली का आकलन कर यह वर्ष इनके लिए कैसा रहने वाला है इसका पूर्वानुमान लगाया है जो इस प्रकार है।
नाम – माधुरी दीक्षित
जन्म दिनांक – 15 मई 1967
जन्म समय – 18:15
जन्म स्थान – मुंबई
क्या है आपकी कुंडली में गजकेसरी योग ? जानने के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्योंं से।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार माधुरी दीक्षित तुला लग्न व कर्क राशि की जातक हैं। बात इनके स्वभाव की करें तो पुष्य नक्षत्र में जन्मी माधुरी दीक्षित बहुत ही उदार तथा दूसरों की मदद करने के लिए हमोशा तैयार रहती हैं। ज्योतिष के मुताबिक तुला लग्न जन्मे जातक आमतौर पर सामान्य कद-काठी के होते हैं। इनकी आखें सुंदर होती हैं। बात करें माधुरी के गुणों की तो ये परोपकारी, मिलनसार और गुरू व माता-पिता के प्रति सेवा भाव तथा विशेष रूचि कला के क्षेत्र में रखती हैं। माधुरी की कुंडली में चंद्रमा का अपनी ही राशि का होकर कार्यक्षेत्र के घर में बैठना इन्हें एक सफल कलाकार बनाता है। माना जाता है कि कर्मक्षेत्र में बैठा चंद्रमा जातक को जीवन में विभिन्न कलाओं में निपुण बनाता है। चंद्रमा के साथ बृहस्पति का होना एक सुंदर योग बनाता है। जिसका नाम गजकेसरी योग है। यह योग जातक को दिन- प्रतिदिन ख्याती दिलाता है। इसके साथ ही मधुरी की कुंडली में बुध व सूर्य की युति है जिससे बुध आदित्य योग बना है। इस योग के होने से जातक को प्रसिद्धि की प्राप्त होती है तथा समाज व सरकार से जातक को मान व सम्मान मिलता है। वर्तमान में माधुरी पर शुक्र की महादशा व बुध की अंतर दशा चल रही है। जो कि एक राजयोग की दशा मानी जाती है।
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शुक्र व बुध की दशा से 15 मई 2019 से 15 मई 2020 तक के समय का आकलन किया जाए तो इस समय में माधुरी को अपने करियर के प्रति चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यह समय इनके करियर के लिए लाभदायक प्रतीत हो रहा है। जिससे इन्हें करियर में अच्छा लाभ मिलने की पूरी संभावना है। क्योंकि दशा का अच्छा प्रभाव चल रहा है और वर्ष कुंडली में मुंथा कुंभ राशि की है और मुंथापति शनि लाभ के स्थान में विराजमान हैं तो वहीं वर्ष का स्वामी शुक्र, बुध के साथ युति संबंध बनाए हुए है साथ ही भाग्य पर पूर्ण दृष्टि डाले हुए हैं। जिससे भाग्य का साथ मिलने और कर्म में सफलता प्राप्त होने के आसार बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। परंतु कर्म का स्वामी मंगल राहु के साथ युति बनाए हुए है और संतान भाव में विराजमान है। इस वजह से संतान पक्ष के प्रति माधुरी में चिंता का भाव बनेगा, साथ ही चंद्रमा का अष्टम भाव में होना, माधुरी को थोड़ा शारीरिक कष्ट मिलने की ओर इशारा कर रहा है। सूर्य जो कि माधुरी के जीवनसाथी के घर का स्वामी है वह सुख स्थान में बैठा है। जिससे माधुरी के चिंताओं में कमी होगी और जीवनसाथी से पूर्ण सहयोग भी मिलेगा। कुल मिलाकर माधुरी के लिए यह साल अच्छा रहने वाला है बीच–बीच में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।