क्या आप मांगलिक हैं? क्या आप मंगल दोष से पीड़ित हैं? या आपके परिवार का कोई सदस्य इस दोष से पीड़ित है? तो यह लेख आपके लिए लाभदायक होने वाला है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या वाकई में 28 के उम्र के बाद मंगल दोष समाप्त हो जाता है? या यह सिर्फ कहने की बात है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे का सच क्या है?
सबसे पहले तो हमें ये जान लेना चाहिए कि मंगल दोष है क्या? कुंडली में इसके होने से व्यक्ति के जीवन पर इसका कैसा असर पड़ता है? आम तौर पर कहा जाता है कि कुंडली में मंगल दोष होने से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इससे जातक की शादी में देरी होती है। कैसे बनता कुंडली में विवाह योग जानने के लिए यहां क्लिक करें। इसके साथ ही समाज में इसे ठीक नहीं समझा जाता है। लेकिन ऐसा क्यों? लोगों व समाज में मान्यता है कि मंगल दोष के होने से जातक के जीवनसाथी के जीवन पर संकट बना रहता है।
ज्योतिषाचार्यों का इस दोष पर कहना है कि मंगल दोष एक अनिष्टकारी दोष है जिसका कुंडली में होना व्यक्ति के जीवन में कई तरह के समस्याएं पैदा करता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति दिखने में सुंदर आकर्षक, तेज व दिमाक के होते हैं। साथ ही मंगल का प्रभाव अधिक होने के कारण इन्हें गुस्सा भी जल्दी ही आता है। ज्योतिषियों का मत है कि इस दोष से उबरा जा सकता है लेकिन इसके लिए व्यक्ति को उपाय करना होगा। जिससे मंगल के प्रभाव को कम किया जा सकता है। परंतु इसके लिए सबसे पहले जातक को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उसके कुंडली में मंगल दोष है या नहीं। कुंडली में मंगल दोष है या नहीं, जानने के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य से।
ज्योतिषाचार्यों की माने तो कुंडली में मंगल दोष कई ग्रहों के योग से बन सकता है। इसके लिए कोई निर्धारित योग नहीं है साथ ही यह कुंडली में कितना प्रभावी यह भी देखा जाता है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि कुंडली में कुछ योग ऐसे भी होते हैं जो मंगल दोष को प्रभाव हीन कर देते हैं। खैर बात करते हैं कि मंगल दोष कैसे बनता है?
यदि जातक के कुंडली में लग्न, चर्तुथ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में अगर मंगल विराजमान हैं तो ऐसी स्थिति में मंगल जीवनसाथी की आयु की हानि करता है। इसके अलावा भी कई ग्रह संयोग हैं जिनके कारण मंगल दोष बनता है। ऐसे में आपको एस्ट्रोलॉजर से बात करना चाहिए। क्योंकि एस्ट्रोलॉजर से बात कर आप मंगल दोष के बारे में तो जानेंगे ही साथ ही आप उसके निवारण भी प्राप्त करेंगे। कुल मिलाकर इसमें आपका ही लाभ होगा।
ऐसी मान्यता है कि 28 की उम्र पूरी हो जाने के बाद मंगल दोष समाप्त हो जाता है। परंतु ज्योतिषियों का इस पर कोई स्पष्ट मत नहीं है। वे कहते हैं कि मंगल अपना प्रभाव दिखाएगा जरूर चाहे वह कम ही प्रभावी क्यों न हो। ज्योतिष मानते हैं कि 28 के बाद मंगल का प्रभाव कम तो होता है लेकिन समाप्त नहीं होता। उनका कहना है कि व्यक्ति को जोखिम लेने के बजाय शास्त्रों में बताए गए उपायों को अपनाना चाहिए। जिससे दोष का निवारण हो सकें। ज्योतिष बताते हैं कि कुंडली में मंगल दोष होने के बाद भी ऐसे योग व ग्रह स्थिति हैं जो मंगल दोष को निष्प्रभाव बनाते हैं। कहे तो समाप्त कर देते हैं। जैसे – कुंडली में शुभ ग्रहों का केंद्र में होना, शुक्र दूसरे भाव में हो, गुरु मंगल साथ हों या मंगल पर गुरु की दृष्टि हो तो मांगलिक दोष दूर हो जाता है। यदि आपके कुंडली में मंगल दोष है तो घबराने की आवश्यकता नहीं है योग्य ज्योतिषाचार्य से कुंडली का आकलन करवा कर आप इस ग्रह स्थितियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मंगल दोष के बारे में जानने के लिए अभी बात करें, देश के जाने माने एस्ट्रोलॉजर से।