क्या आपने कभी महसूस किया है कि पहली बार में आप जिस शख्स को देखते हैं और जो धारणा उस समय बनाते हैं आगे चलकर वह उस पर खरा नहीं उतरता। या फिर कई बार आप देखते हैं कि दिखने में पहली बार आपको कोई बहुत ही खड़ूस लगा हो और आगे चलकर उसके व्यवहार व विनम्रता के आप कायल हो जाते हैं। ऐसे में यह स्वाभाविक ही है कि आप कहें कि किसी के माथे पर थोड़े लिखा होता है कि वह कैसा है। लेकिन हम आपको यही राज की बात बताने जा रहे हैं जिसे यदि आप जान लें तो किसी के भी माथे को देखकर यह अंदाजा लगा सकते हैं कि अमूक व्यक्ति कैसा निकलेगा। भारतीय ज्योतिष के बहुत सारे अंग हैं इसमें जहां ग्रहों नक्षत्रों का अध्ययन कर आपकी जन्मतिथि, समय व स्थान के आधार पर कुंडली बनाई जाती है तो वहीं अंकज्योतिष में जन्मतिथि के अनुसार जन्मांक के जरिये भी अनुमान लगाये जाते हैं। इसी तरह भारतीय ज्योतिष की बहुत ही प्राचीन विधा है सामुद्रिक शास्त्र यह आपके चेहरे को पढ़ने का विज्ञान है। इसमें विभिन्न अंगों का अध्ययन कर आपके चरित्र का चित्रण किया जाता है। हम इस लेख में आपको बता रहें कि किसी के मस्तक यानि माथे की रेखाओं को आप कैसे समझ सकते हैं।
क्या कहती हैं मस्तक की 7 रेखाएं
कहते हैं दुनिया में प्रकृति ने प्रत्येक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से भिन्न बनाया है, चाल-ढाल रूप रंग के साथ-साथ स्वभाव में भी व्यक्ति अधिकतर एक दूसरे से भिन्न होते हैं। कई बार कुछ चीज़ें मिल भी जाती हैं लेकिन व्यक्ति में कोई न कोई गुण अवगुण ऐसा जरूर होता है जो उसे दूसरों से भिन्न बनाता है। इसलिये प्रत्येक के मस्तक की रेखाएं भी समान नहीं होती। किसी की गहरी होती हैं किसी की सीधी तो किसी ज्यादा होती हैं किसी की कम। उन्हीं में से 7 मुख्य रेखाओं की हम बात करने जा रहे हैं। ये रेखाएं हैं – बुध, शुक्र, मंगल, शनि, गुरु, चंद्र व सूर्य रेखाएं।
बुध रेखा – यह रेखा आपकी भौहों के ठीक मध्य बनती है और मध्य से दोनों कानों की ओर जाती है। जिस भी जातक की बुध रेखा सपष्ट दिखाई देती हो वह उसकी तीव्र बुद्धि की सूचक होती है। इनके भाग्य में काफी धन कमाना लिखा होता है ये कभी भी आसानी से कोई आर्थिक नुक्सान नहीं होने देते।
शुक्र रेखा – जिन जातकों की शुक्र रेखा सपष्ट रूप से दिखाई देती है वे बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। इन्हें घूमने-फिरने का काफी शौक होता है। यह रेखा माथे के ठीक बीचों-बीच होती है। रेखा जितनी गहरी होगी जातक उतना ही भाग्यशाली और यदि यह रेखा सपष्ट न दिखाई दे तो ऐसे जातकों का भाग्य उनका साथ देने वाला नहीं होता। गहरी रेखा वाले जातक प्यार के मामले में भी रोमांटिक पाये जाते हैं।
मंगल रेखा – यह रेखा भी लगभग माथे के बीचो-बीच ही होती है लेकिन इसका स्थान शुक्र रेखा से थोड़ा ऊपर होता है। ऐसे व्यक्ति जो भी कार्य करते हैं उसके प्रति एक जुनून सा उनमें देखा जा सकता है। यदि जातक की मंगल रेखा गहरी हो तो उसका गुस्सा अक्सर सातवें आसमान पर रहता है हालांकि दिल से बहुत ही साफ होते हैं। लेकिन इनके गुस्से से दूर ही रहा जाये तो बेहतर रहता है।
गुरु रेखा – शुक्र व मंगल रेखा के ऊपर पायी जाती है गुरु रेखा। ऐसे जातक आध्यात्मिक प्रवृति के पाये जाते हैं, सामाजिक रूप से भी ये काफी मिलनसार होते हैं। जिन जातकों की गुरु रेखा हल्की होती है या फिर न के बराबर होती है ऐसे जातकों के पापकर्मों में लिप्त होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। हालांकि ज्यादा गहरी रेखा भी इन्हें घर-परिवार व समाज से विमुख कर देती है जिस कारण इनमें विरक्ति का भाव आने की संभावनाएं होती हैं। इनका स्वभाव थोड़ा हठी भी होता है।
शनि रेखा – यह गुरु से ऊपर मस्तक के ऊपरी हिस्से में दिखाई देती है। यदि आपकी शनि रेखा गहरी है तो आपको जीवन में धन की कमी महसूस नहीं होती। जिस भी चीज़ को पाने का विचार एक बार आप मन में ठान लेते हैं तो उसे हासिल करके ही मानते हैं लेकिन शनि रेखा बहुत कम जातकों के मस्तक में दिखाई देती है।
चंद्र रेखा – यह रेखा आपके आर्थिक जीवन के उतार चढ़ाव के प्रदर्शित करने वाली होती है यदि आपकी यह रेका सपष्ट है तो आपको धन की कोई कमी नहीं रहने वाली लेकिन यह साफ दिखाई नहीं देती है या फिर खंडित नजर आती है तो आपको आर्थिक रूप से हानि होने की संभावनाएं प्रबल होती हैं। यह रेखा आपकी बाईं तरफ की भौंह के ठीक ऊपर होती है। जिनकी चंद्र रेखा गहरी होती है ऐसे जातक अधिकतर कला क्षेत्र में अपना नाम कमाते हैं।
सूर्य रेखा – यह चंद्र रेखा से ठीक विपरीत यानि दाईं ओर की भौंह के ऊपर होती हैं। इससे व्यक्ति का भाग्य तेज माना जाता है। जिनके जीवन में यह रेखा नहीं होता या फिर धूंधली होती है तो ऐसे जातकों को अपने जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
अन्य एस्ट्रोलेख पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें