मेष राशि में वक्री हुए बुध क्या पड़ेगा प्रभाव?

Mon, Apr 10, 2017
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मेष राशि में वक्री हुए बुध क्या पड़ेगा प्रभाव?

10 अप्रैल को प्रात: 4 बजकर 44 मिनट पर बुध ग्रह मेष राशि में वक्री हो गये हैं जो कि 3 मई तक वक्री रहेंगें। बुध का यह वक्र चक्र 3 मई तक मेष राशि में ही चलेगा और 3 मई को वह रात्रि 10 बजकर 22 मिनट पर मार्गी हो जायेंगें। ऐसे में बुध का किसी भी राशि के भाव स्थान में तो परिवर्तन नहीं होगा लेकिन बुध की बदली हुई चाल उनके हाल को अवश्य प्रभावित करेगी। सभी 12 राशियों में वक्री बुध क्या प्रभाव डालेंगें आइये जानते हैं।

मेष – बुध चूंकि आपकी राशि में ही वक्री हो रहे हैं। ऐसे में बुध के वक्री रहने के दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। आपके कार्यों में आपको कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। आपके लिये सलाह है कि प्रत्येक कार्य को अच्छी तरह से सतर्कता के साथ अंजाम दें। कोई भी सौदा करने से पहले अथवा किसी नये कार्य में हाथ आजमाने से पहले उसकी अच्छे से जांच पड़ताल करना मेष जातकों के लिये फायदेमंद रहेगा।

वृषभ – वृषभ राशि से बुध 12वें घर में वक्री हो रहे हैं। आपके लिये बुध का वक्री होना कुछ राहत देने वाला हो सकता है। धन की कमी से लंबे समय से जो कार्य लंबित चल रहे थे उनके सिरे चढ़ने की संभावनाएं बन रही हैं। लेकिन आपके लिये सलाह है कि अभी किसी नये कार्य को आरंभ करने के लिये समय शुभ नहीं है। अपने साथी के साथ वाद-विवाद से बचें।

मिथुन – बुध जो कि राशि स्वामी भी हैं आपके ग्याहरवें घर में वक्री हो रहे हैं। इस समय कार्य में सफलता के लिये कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। कार्य रूक भी सकते हैं। आपकी राशि पर बुध की सप्तम वक्र दृष्टि होने से यह समय आपके लिये चिंताएं बढ़ाने वाला हो सकता है। किसी भी कार्य को पूरी तरह सोच-विचार कर ही अंजाम दें तो बेहतर रहेगा।

कर्क – बुध आपके कर्मक्षेत्र यानि दसवें भाव में वक्री हो रहे हैं। इसका साफ संकेत है कि आपका कार्यक्षेत्र बुध के वक्री होने से प्रभावित होगा। सप्तम भाव से वक्री दृष्टि भी आप पर पड़ रही है जिससे आपके जीवन में सुख की कमी हो सकती है। विशेषकर दूसरों के साधन से लंबे समय से जो सुख आपको प्राप्त हो रहा था उसमें कमी आने के आसार हैं। कार्यस्थल पर अपने काम को अंजाम देने में सतर्कता रखें। व्यवसायी जातक भी प्रतिस्पर्धियों से सचेत रहें।

सिंह – आपकी राशि से बुध 9वें भाव यानि भाग्य स्थान में वक्री हो रहे हैं। इस समय आपको भाग्य का साथ कम ही मिलने की संभावना है। अपने लक्ष्यों को पाने के लिये कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। सप्तम दृष्टि से बुध आपके पराक्रम भाव को देखेगा जिससे कार्य करने में भी आप आलस्य दिखा सकते हैं। हो सके तो आलस्य करने से बचें अन्यथा आपके कार्य में दिक्कतें आ सकती हैं।

कन्या – कन्या जातकों के राशि स्वामी स्वयं बुध हैं जो कि अष्टम भाव में वक्री हो रहे हैं। आपकी राशि में गुरु ग्रह यानि बृहस्पति पहले से ही वक्री चल रहे हैं। ऐसे में इस समय आप पर कार्य का अत्यधिक भार पड़ सकता है। इस समय आपको अपने लक्ष्य हासिल करने के लिये काफी भागदौड़ करनी पड़ सकती है। इस दौरान अपने खान-पान व यात्रा आदि के दौरान थोड़ी सावधानी रखे।

तुला – तुला राशि से बुध सप्तम भाव में वक्र हो रहे हैं। बुध के वक्र होने से आपके दांपत्य सुख में कमी रहने के आसार हैं। अपने साथी के साथ मनमुटाव हो सकता है। इस समय आपको उदर संबंधी रोगों से भी सावधान रहने की आवश्यकता होगी। लापरवाही न बरतें जरा सा भी संकेत मिले तो चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें। अपने साथी के साथ विवाद में पड़ने से बचें।

वृश्चिक – बुध आपके लिये छठे घर में वक्री हो रहे हैं। छठा भाव शत्रु का भाव माना जाता है। बुध का इसी भाव में वक्री होना आपके शत्रुओं अथवा प्रतिस्पर्धियों जो कि पिछले कुछ समय से लगभग शांत नजर आ रहे थे वे अचानक आपके रास्ते की बाधाएं बनकर सामने आ सकते हैं। कार्यक्षेत्र में प्रतिद्वंदियों से कड़ा मुकाबला आपको करना पड़ सकता है। इस समय आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने की आवश्यकता भी है। जरा सी लापरवाही भविष्य में बड़ी बिमारी का रूप ले सकती है।

धनु – आपकी राशि से बुध पंचम भाव में वक्र हो रहे हैं जो कि आपके सोचने, समझने व बुद्धि का स्थान है। भविष्य के विचारों को सोचने के लिये आपको और समय देने की आवश्यकता है। किसी भी कार्य करने या निर्णय लेने में जल्दबाजी न दिखाएं। अपने व्यक्तिगत व व्यावसायिक जीवन में संतुलन कायम रखने का प्रयास करें। अपने साथी के लिये समय न निकालना आपके मधुर संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

मकर – आपकी राशि से बुध चौथे घर में वक्री हो रहे हैं। आपके लिये यह अचानक से सुख-सुविधाओं में कमी लाने वाला हो सकता है। माता के स्वास्थ्य को लेकर आप थोड़े चिंतित हो सकते हैं। यदि आपके किसी लंबी यात्रा की योजना पहले से बना रखी है तो हो सकता है आपको अपनी यह योजना स्थगित करनी पड़े। बुध के वक्री रहने तक लंबी यात्रा को टालना आपके लिये हितकर होगा।

कुंभ – कुंभ राशि से बुध तृतीय भाव में वक्री हो रहे हैं। यह आपके पराक्रम को बढाने वाला रहने के आसार हैं लेकिन साथ ही आपके लाभ क्षेत्र को भी यह प्रभावित करेगा व लाभ में कमी आने की संभावनाएं बन सकती हैं। भाई-बहनों के साथ भी मन-मुटाव हो सकते हैं। इस समय परिस्थितियों के अनुसार थोड़ी अतिरिक्त सतर्कता के साथ चलने की आवश्यकता आपको रहेगी।

मीन – आपकी राशि से बुध दूसरे भाव में वक्र हो रहे हैं। इस समय आपकी धन संबंधी चिंताएं बढ़ सकती हैं। लंबे समय से जिन स्त्रोतों से आपको धन की प्राप्ति हो रही थी उसमें कमी आ सकती है। कुछ से धन मिलना बंद भी हो सकता है। हालांकि यह स्थिति बुध के मार्गी होने तक ही ज्यादा प्रभावी रहेगी। मार्गी होने के पश्चात नये स्त्रोत निकल आयेंगें। सिर से संबंधित रोगों को नज़रंदाज न करें। 

वक्री बुध के नकारात्मक प्रभावों से बचने के ज्योतिषीय उपाय जानने के लिये परामर्श करें एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों से

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