
Navratri Vrat Vidhi: क्या आपने कभी सोचा है कि नवरात्रि व्रत के दौरान सबसे बड़ा कन्फ्यूज़न आखिर होता किस बात का? पूजा-पाठ तो हम श्रद्धा से कर ही लेते हैं, लेकिन जैसे ही उपवास की बात आती है, दिमाग में ढेरों सवाल घूमने लगते हैं – क्या आलू खा सकते हैं? क्या चाय पीना ठीक है? सेंधा नमक ही इस्तेमाल करना ज़रूरी है या सामान्य नमक भी चलेगा?
असल में नवरात्रि का व्रत केवल भूखे रहने का नाम नहीं है, बल्कि यह शरीर को डिटॉक्स करने और मन को शांति देने का एक सुंदर अवसर है। यह वो समय है जब हम खुद को अनुशासन, सात्त्विकता और आध्यात्मिकता के साथ जोड़ते हैं। तो चलिए, आसान और दोस्ताना अंदाज़ में जानते हैं नवरात्रि व्रत के 9 दिनों के ज़रूरी नियम, क्या खाना है, क्या नहीं और कैसे इस पर्व को हेल्दी और पॉज़िटिव तरीके से निभाया जा सकता है।
नवरात्रि में उपवास करना सिर्फ परंपरा का पालन भर नहीं है, बल्कि यह शरीर को डिटॉक्स करने का एक प्राकृतिक तरीका भी है। माना जाता है कि इन 9 दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने से साधक को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक स्वरूप को समर्पित है:
पहला दिन – मां शैलपुत्री
दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी
तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा
चौथा दिन – मां कूष्मांडा
पांचवां दिन – मां स्कंदमाता
छठा दिन – मां कात्यायनी
सातवां दिन – मां कालरात्रि
आठवां दिन – मां महागौरी
नवां दिन – मां सिद्धिदात्री
इस तरह हर दिन का अपना अलग महत्व है और व्रत का नियम भी इन्हीं भावनाओं के साथ जुड़ा है।
नवरात्रि के दौरान सात्त्विक भोजन करना अनिवार्य है। इसका मतलब है – अनाज जैसे गेहूं, चावल, दालें और सामान्य नमक से परहेज। इसकी जगह फल, दूध, मेवे, समक चावल और व्रत वाले आटे जैसे कुट्टू, सिंघाड़ा और राजगीरा का प्रयोग किया जाता है।
प्याज और लहसुन तामसिक माने जाते हैं। नवरात्रि में तामसिक भोजन त्यागकर सात्त्विक भोजन करना जरूरी है। इसी तरह शराब और मांसाहार भी पूरी तरह वर्जित हैं।
कई लोग दिन में एक बार ही भोजन करते हैं, जबकि कुछ लोग दो बार फलाहार करते हैं। कुछ भक्त कठोर नियमों के तहत निर्जल व्रत (बिना पानी और भोजन के) भी करते हैं।
हल्दी और लाल मिर्च पाउडर जैसे मसाले इस समय नहीं खाए जाते। इसके स्थान पर काली मिर्च, हरी मिर्च और जीरे का उपयोग किया जाता है। तेल में मूंगफली का तेल या घी सबसे अच्छा माना जाता है।
फास्ट-फूड या पैकेज्ड स्नैक्स नवरात्रि व्रत की शुद्धता को बिगाड़ते हैं। ताजे और घर में बने भोजन का सेवन करना ही उचित है।
नवरात्रि सिर्फ खानपान का नियम नहीं है, बल्कि यह मन और आत्मा को पवित्र रखने का समय भी है। इस दौरान ध्यान, मंत्र जाप और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना शुभ माना जाता है।
सुबह स्नान करके माता दुर्गा की पूजा करें। दीप जलाएं, मंत्र जाप करें और आरती करें। दिनभर सकारात्मक सोच बनाए रखना ही व्रत का असली सार है।
सिगरेट, शराब, मांसाहार और अन्य नशे से दूर रहना चाहिए। इससे शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है।
नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। छोटी कन्याओं को भोजन कराकर और उपहार देकर व्रत का समापन होता है। आमतौर पर साधारण सात्त्विक भोजन से व्रत तोड़ा जाता है।
यह भी पढ़ें: माँ दुर्गा शेर पर क्यों सवार होती हैं?
सबसे कठिन व्रत, जिसमें भोजन और पानी दोनों का त्याग किया जाता है। यह व्रत केवल वही लोग रखें जिनकी सेहत अनुमति देती हो।
इसमें केवल फल, दूध, दही और मेवे खाए जाते हैं। यह शरीर को हल्का रखता है और ऊर्जा भी देता है।
दिन में एक बार भोजन करना और बाकी समय फल या दूध का सेवन करना। यह व्यस्त लोगों के लिए उपयुक्त विकल्प है।
इसमें व्रत में मान्य आहार जैसे कुट्टू का आटा, राजगीरा, सिंघाड़ा और समक चावल से बने व्यंजन खाए जाते हैं। इसे संतुलित और पौष्टिक माना जाता है।
यह भी पढ़ें: शारदीय नवरात्रि 2025 कब है और कब से शुरू होगी?
सेब, केला, पपीता, अनार और संतरा जैसे फल। सूखे मेवे जैसे खजूर और अंजीर भी खाए जा सकते हैं।
कुट्टू (Buckwheat), सिंघाड़ा (Water Chestnut) और राजगीरा (Amaranth)। इनसे पूरी, पराठा और चीला बनाए जा सकते हैं।
समक चावल (Barnyard Millet), जो खिचड़ी, पुलाव और खीर के लिए बढ़िया है।
दूध, दही, पनीर, घी और छाछ। ये प्रोटीन और कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत हैं।
बादाम, अखरोट, काजू, मूंगफली और मखाना। ये एनर्जी और हेल्दी फैट देते हैं।
आलू, शकरकंद, कच्चा केला, लौकी और कद्दू। ये पचने में हल्की होती हैं और कार्बोहाइड्रेट देती हैं।
काली मिर्च, जीरा, हरी मिर्च और धनिया पाउडर। सामान्य नमक की जगह सेंधा नमक।
नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ और तुलसी- अदरक वाली हर्बल चाय।
समक चावल की खिचड़ी – हल्की और पौष्टिक।
कुट्टू/सिंघाड़े का चीला – प्रोटीन और फाइबर से भरपूर।
भुना मखाना – हेल्दी स्नैक।
राजगीरा खीर – मिनरल्स और विटामिन का अच्छा स्रोत।
शकरकंद की चाट – एनर्जी और विटामिन से भरपूर।
नारियल पानी और छाछ – हाइड्रेशन के लिए जरूरी।
साबूदाना खिचड़ी – लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखती है।
ध्यान रखें – गहरी तली हुई चीजों से परहेज करें और चीनी की जगह गुड़ या शहद का प्रयोग करें।
यह भी पढ़ें: नवरात्रि पर क्यों जरूरी है कन्या पूजन? जानें सही विधि।
नवरात्रि व्रत केवल खानपान की परंपरा नहीं है, बल्कि यह आत्म-संयम, शुद्धता और भक्ति का संगम है। अगर आप सही नियमों के साथ इस व्रत को निभाते हैं तो यह न केवल देवी मां का आशीर्वाद दिलाता है, बल्कि आपके शरीर और मन दोनों को नई ऊर्जा से भर देता है।
इन 9 दिनों के उपवास में सात्त्विक आहार, सकारात्मक सोच और नियमित पूजा-पाठ को अपनाकर आप नवरात्रि का असली आनंद ले सकते हैं।