शादी दो लोगों के बीच एक साझेदारी का रिश्ता है, जिसमें पति-पत्नी आपस में प्रेम और विश्वास के साथ अपने रिश्ते को आजीवन निभाते हैं। वहीं दांपत्य जीवन की डोर बहुत नाजुक होती है इसे संभालने के लिए कई जतन करने पड़ते हैं इसके बावजूद भी कई तरह की समस्याएं आती रहती हैं। जब शादी हो जाती है तो कुछ समय बाद फैमिली प्लानिंग में लोग तैयारी करने लगते हैं लेकिन कई बार कपल्स को संतान सुख काफी जतन करने के बाद प्राप्त होता है। ऐसे में आमतौर पर लोग शारीरिक समस्याओं को ही संतानप्राप्ति में बाधक मानते हैं लेकिन हाथ की लकीरें भी आपकी प्रेग्नेंसी के बारे में बता सकती हैं, जानिए कैसे?
हस्तरेखा सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, प्रेम, दांपत्य सुख, यौन सुख औऱ संतान सुख के बारे में हथेली पर शुक्र पर्वत को प्रतिनिधि माना गया है। शुक्र पर्वत की स्थिति, इस पर मौजूद विभिन्न प्रकार के चिन्हों के आधार पर हम आने वाली संतान के बारे में और संतान सुख की स्थिति भी जान सकते हैं। हालांकि इन चिन्हों का अर्थ स्त्री और पुरुष की हथेली पर अलग-अलग होता है। इतना ही नहीं हस्तरेखा के द्वारा आप किसी स्त्री के प्रेगनेंसी और उस दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में भी पता लगा सकते हैं और उचित समाधान भी कर सकते हैं। तो आज हम आपको जानकारी देगे कि हाथों की कौन सी लकीरें गर्भावस्था में आने वाली परेशानियों के बारे में बताती हैं।
यदि किसी महिला जातक की हथेली में शुक्र पर्वत पर जाल के आकार का चिन्ह हो तो यह शुभ संकेत नहीं है। इसका अर्थ होता है कि उस स्त्री का गर्भपात हो सकता है।
अगर किसी स्त्री की हथेली में मणिबंध रेखा से कोई रेखा निकलकर शुक्र पर्वत पर जाए और वहां जाकर किसी आईलैंड की तरह आकृति बना ले तो भी यह अच्छा संकेत नहीं देता है। इससे भी गर्भपात की संभावना बनी रहती है।
यदि किसी महिला की कलाई के पास की रेखा से कोई रेखा निकलकर शुक्र पर्वत पर जाए और उल्टा कर्व बनाए तो ऐसी स्त्री को गर्भधारण करने में काफी समस्या आती है और उन्हें संतान का सुख काफी देर से प्राप्त होता है।
यदि किसी जातिका के हाथ में जीवनरेखा टूटी हूई हो और कोई ऱेखा शुक्र पर्वत तक जाए तो महिला को गर्भ धारण संबंधी परेशानी आती है। ऐसे में महिला को गर्भ से जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यदि किसी स्त्री की हथेली पर कोई एकदम सीधी सपाट रेखा कनिष्ठिका(हाथ की सबसे छोटी अंगुली) अंगुली से निकलकर मध्यमा(हाथ के बीच वाली अंगुली) तक जाए तो ऐसी जातिका की संतान बचपन में ही दुर्घटना की शिकार होती है।
अगर किसी जातिका की हथेली में मध्यमा और कनिष्ठिका के मध्य के नीचे की ओर बड़ा सा क्रॉस का चिन्ह हो तो यह अच्छा संकेत नहीं है। इसका अर्थ है कि उस स्त्री को संतान का सुख नहीं मिलेगा।
संतान सुख न होने का चिन्ह पुरुष की हथेली में भी होता है। यदि किसी पुरुष के शुक्र पर्वत पर बड़ा सा क्रॉस का चिन्ह हो तो उसके अंतरंग रिश्तों में समस्याएं आती रहती हैं।
यदि किसी जातक की हथेली पर शुक्र पर्वत के नीचे दोहरी जीवन रेखा हो तो यौन जीवन मुश्किलों से भरा रहता है और यौन संबंधी कई तरह की परेशानियां आती हैं।
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