
Raksha bandhan 2025 mantra: रक्षाबंधन 2025 का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मनाने का एक खास मौका होता है। इस दिन का हर पल एक याद बन जाता है – चाहे वो बहन का आरती की थाली सजाना हो या भाई के माथे पर तिलक लगाना। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब बहन अपने भाई को तिलक लगाती है, तो क्या उस वक्त कोई खास मंत्र बोलना चाहिए? क्या सिर्फ तिलक लगाने से ही रस्म पूरी हो जाती है, या फिर उसमें कोई आध्यात्मिक गहराई भी छुपी होती है?
अक्सर ऐसा होता है कि हम तिलक करते हैं, आरती उतारते हैं, राखी बांधते हैं – लेकिन ये नहीं जानते कि उस वक्त कौन-सा मंत्र पढ़ना चाहिए। ये मंत्र न सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि उनका मतलब और असर भी बेहद खास होता है। ये मंत्र भाई की रक्षा, तरक्की और सुख-शांति के लिए पढ़े जाते हैं।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि तिलक करते समय कौन-से मंत्र पढ़े जाते हैं, उन्हें कब और कैसे बोलना चाहिए और उनके पीछे की मान्यता क्या है। ताकि इस रक्षाबंधन पर जब आप अपने भाई को तिलक करें, तो उसमें सिर्फ रोली और चावल ही नहीं, बल्कि दिल से निकली हुई शुभकामनाएं और शक्तिशाली मंत्रों का असर भी शामिल हो।
तिलक केवल एक निशान नहीं है जो माथे पर लगाया जाता है। यह आज्ञा चक्र को जागृत करने का तरीका है। माना जाता है कि माथे का यह स्थान ऊर्जा का केंद्र होता है। जब रक्षाबंधन 2025 पर बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है, तो उसके साथ बोला गया मंत्र एक सकारात्मक कंपन (vibration) पैदा करता है जो भाई के जीवन को शुभता, ऊर्जा और सुरक्षा से भर देता है।
यह सबसे प्रमुख और पारंपरिक रक्षा मंत्र है जो राखी बांधते समय और तिलक करते समय बोला जाता है।
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चलः।।
अर्थ:
जिस मंत्र से बलि राजा को रक्षा सूत्र बांधा गया था, उसी मंत्र से मैं तुम्हें बांधती हूं। हे राखी! तू अडिग रह, स्थिर रह और भाई की रक्षा कर।
कब पढ़ें: तिलक करते हुए या राखी बांधते हुए।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृतकलश हस्ताय
सर्वमय विनाशनाय त्रैलोक्यनाथाय श्री महाविष्णवे नमः॥
अर्थ:
भगवान धन्वंतरि से आरोग्य, दीर्घायु और समस्त रोगों के नाश की प्रार्थना की जाती है।
कब पढ़ें: तिलक के बाद आरती करते समय 11 बार इस मंत्र का जाप करें।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
अर्थ:
पहला मंत्र लक्ष्मी का बीज मंत्र है, जो धन, वैभव और सफलता को बुलाता है।
दूसरा महामृत्युंजय मंत्र है, जो जीवन में सुरक्षा, लंबी उम्र और बाधाओं से मुक्ति दिलाता है।
कब पढ़ें: राखी बांधने के बाद 21 बार जपें।
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
समृद्धिं देहि देहि दापय दापय स्वाहा॥
अर्थ:
पहला मंत्र गायत्री मंत्र है, जो बुद्धि, ज्ञान और शुभ ऊर्जा का संचार करता है।
दूसरा मंत्र कुबेर देवता को समर्पित है जो धन और ऐश्वर्य का आशीर्वाद देते हैं।
कब पढ़ें: आरती करते हुए या मिठाई खिलाते समय 51 बार इस मंत्र का जाप करें।
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रक्षाबंधन के दिन भाई को तिलक लगाना एक खास और पवित्र परंपरा होती है। इस प्रक्रिया को सही तरीके से करना बहुत जरूरी है ताकि इसका पूरा लाभ मिले और भाई के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।
तिलक सामग्री: तिलक लगाने के लिए सबसे पहले सामग्री तैयार करें – जैसे हल्दी, कुमकुम, चंदन, दही और अक्षत यानी चावल। इनमें से लाल चंदन और अक्षत से किया गया तिलक सबसे शुभ माना जाता है।
दिशा: जब तिलक लगाना हो, तो ध्यान रखें कि भाई को पूर्व दिशा की ओर बिठाएं और आप पश्चिम की ओर बैठें। अब भाई के माथे के बीचों-बीच तिलक लगाएं और साथ ही कोई शुभ मंत्र पढ़ें, जैसे "ॐ येन बद्धो बली राजा..." या अन्य कोई रक्षा मंत्र। इससे तिलक की शक्ति और बढ़ जाती है।
मंत्र के साथ तिलक: इसके बाद आरती की थाली में दीपक जलाएं, मिठाई रखें और भाई की आरती उतारें। फिर उसे अपने हाथों से मिठाई खिलाएं। यह पूरी प्रक्रिया न सिर्फ शुभ होती है, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते को और गहरा बनाती है। तिलक और आरती के साथ जब मन से दुआ जुड़ती है, तो रक्षाबंधन का ये पल और भी खास बन जाता है।
कई बार लोगों के मन में सवाल आता है कि रक्षाबंधन पर तिलक करते समय मंत्र बोलना जरूरी है या नहीं? अगर आप भी यही सोचते हैं, तो चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं। दरअसल, मंत्र बोलना कोई ज़बरदस्ती की चीज़ नहीं है, लेकिन इसका असर बहुत खास होता है। जब बहन तिलक लगाते समय दिल से कोई शुभ मंत्र बोलती है, तो वो सिर्फ शब्द नहीं होते, बल्कि उसमें उसकी सच्ची भावनाएं और दुआएं छुपी होती हैं।
मंत्रों से निकलने वाली ध्वनि यानी वाइब्रेशन बहुत पॉजिटिव होती है, जो भाई के जीवन में अच्छी ऊर्जा का संचार करती है। ये मंत्र भाई की रक्षा, लंबी उम्र और तरक्की की कामना के रूप में काम करते हैं। इसलिए भले ही जरूरी न हो, लेकिन अगर बहन सच्चे मन से मंत्र बोले तो उसका असर जरूर होता है।
मंत्र बोलना धार्मिक प्रक्रिया से जुड़ा ज़रूर है, लेकिन असल मायने में ये उस प्यार और सुरक्षा की भावना को मजबूत करता है, जो एक बहन अपने भाई के लिए महसूस करती है। तो इस रक्षाबंधन पर अगर आप मंत्र जानती हैं, तो ज़रूर बोलें – ये रिश्ते को और गहराई देगा।
अगर आप किसी कारणवश अपने भाई के पास नहीं जा पा रहीं, तो वीडियो कॉल पर भी ये मंत्र पढ़ते हुए तिलक दिखा सकती हैं। या फिर डाक से राखी भेजने के साथ एक चिट्ठी में ये मंत्र लिख दें और भाई को समझाएं कि कैसे पढ़े।
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बंधन सिर्फ राखी बांधने का ही पर्व नहीं है, बल्कि ये एक ऐसा मौका होता है जब बहन अपने भाई की खुशियों, सफलता और लंबी उम्र के लिए हर तरह से शुभ काम करती है। तिलक और राखी के अलावा भी कुछ ऐसे छोटे-छोटे काम हैं जिन्हें करने से इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।
सबसे पहले, भाई की कलाई पर मोली या कलावा जरूर बांधें। इसे रक्षा सूत्र कहा जाता है और ये नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला माना जाता है। पूजा की थाली अच्छे से सजाएं जिसमें दीपक, रोली, चावल, मिठाई और एक छोटा सा जल का पात्र हो। ये सभी चीजें शुभता का प्रतीक होती हैं।
अगर आप चाहें तो इस दिन भाई के नाम से किसी जरूरतमंद को खाना खिलाना या गाय को रोटी देना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। ये दान भाई की तरफ से किया गया शुभ कर्म समझा जाता है।
इसके अलावा कुछ बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए उपवास भी रखती हैं। ये सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि सच्चे मन की प्रार्थना होती है जो रिश्ते को और मजबूत बनाती है। इन छोटे-छोटे उपायों से भाई का जीवन सुखमय और सुरक्षित बना रह सकता है।
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तो दोस्तों, रक्षाबंधन का ये खूबसूरत त्योहार सिर्फ एक धागा बांधने तक सीमित नहीं है, बल्कि ये उस अटूट रिश्ते का जश्न है जिसमें बहन की दुआएं और भाई की रक्षा का वचन जुड़ा होता है। जब आप तिलक करते वक्त मंत्र पढ़ती हैं, पूजा की थाली सजाती हैं, मोली बांधती हैं या भाई के नाम से कोई शुभ काम करती हैं – तो ये सब मिलकर इस रिश्ते को और भी मजबूत और पवित्र बना देते हैं।
याद रखिए, ये दिन सिर्फ परंपरा निभाने का नहीं, बल्कि रिश्तों को और गहराई से महसूस करने का है। चाहे आप भाई के पास हैं या दूर, आपकी भावना और आशीर्वाद ही सबसे बड़ी ताकत है। तो इस रक्षाबंधन पर जब आप तिलक करें, मंत्र पढ़ें या मिठाई खिलाएं – बस एक सच्चा दिल साथ हो, यही काफी है।