Ravi Pushya Yoga 2025: रवि पुष्य योग को अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए कार्यों का फल कई गुना अधिक मिलता है। रवि पुष्य योग में किए गए दान, स्नान, पूजा-पाठ और जप-तप का विशेष महत्व होता है। रवि पुष्य योग निश्चित रूप से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता लाएगा।
वैदिक शास्त्रों के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र होते हैं और इसमें 8वें स्थान पर आने वाला नक्षत्र पुष्य नक्षत्र होता है, जिसे एक शुभ नक्षत्र माना जाता है। रवि पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। यदि किसी कुंडली में ग्रह और नक्षत्रों की विपरीत स्थिति बन रही है तो पुष्य नक्षत्र में वह भी अनुकूल हो जाती है। पुष्य नक्षत्र यदि रविवार को होता है तो इसे रवि पुष्य नक्षत्र कहा जाता है, जो काफी शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि यह ज्योतिषीय घटना सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद लाती है। इसे नए बिजनेस शुरू करने, महत्वपूर्ण निर्णय लेने और आध्यात्मिक विकास की खोज के लिए एक जरुरी समय माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में रवि पुष्य का योग तीन बार बनेगा और इस क्रमसः पहला 9 मार्च, दूसरा 6 अप्रैल, तीसरा 4 मई और चौथा 8 दिसंबर 2025 को है। ये योग रविवार को पुष्य नक्षत्र का संजोग बहुत ही शुभ होता है तथा इस मुहूर्त गोल्ड, सिल्वर, भूमि, स्वर्ण आभूषण सहित सभी प्रकार की खरीदारी बहुत ही शुभ लाभकारी होती है।
तिथि |
शुरू का समय |
समापन का समय |
9 मार्च 2025, रविवार |
रात 11:55 बजे से |
10 मार्च 2025, सुबह 06:40 बजे तक। |
6 अप्रैल 2025, रविवार |
सुबह 06:14 बजे से |
7 अप्रैल 2025, सुबह 06:14 बजे तक। |
4 मई 2025, रविवार |
सुबह 05:52 बजे से |
दोपहर 12:53 बजे तक। |
8 दिसंबर 2025, सोमवार |
सुबह 04:11 बजे से |
सुबह 06:56 बजे तक। |
वैदिक शास्त्रों के अनुसार, रवि पुष्य नक्षत्र को अमरेज्य माना गया है। यानी वह नक्षत्र जो जीवन में स्थिरता और अमरता लेकर आये। रवि पुष्य नक्षत्र के स्वामी ग्रह शनि हैं। इस ग्रह की प्रकृति गुरु ग्रह की तरह होती है। इसी के कारण यह योग सुख-समृद्धि, यश और सफलता लेकर आते हैं।
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रवि पुष्य योग अलग अलग मांगलिक कार्यों को शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है। अन्य योगों के अलावा, रवि पुष्य योग सभी शुभ कार्यों को करने की अनुमति देता है। आइए कुछ ऐसी गतिविधियों के बारे में जानें जो इस ग्रह संयोजन के दौरान विशेष महत्व रखती हैं।
रवि पुष्य योग को सोना, चांदी या अन्य कीमती धातुओं की खरीदारी के लिए उपयुक्त समय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान इन वस्तुओं में निवेश करने से समृद्धि और धन प्राप्त हो सकता है।
यदि आपके पास संपत्ति या रियल एस्टेट में निवेश करने का प्लान है, तो रवि पुष्य योग आगे बढ़ने का एक सही समय है। माना जाता है कि इस योग के दौरान ग्रहों की ऊर्जा संपत्ति से संबंधित बिजनेस के लिए अनुकूल होता है।
रवि पुष्य योग वाहन खरीदने के लिए भी शुभ माना जाता है। चाहे वह कार हो, मोटरसाइकिल हो, या परिवहन का कोई अन्य साधन हो, ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान खरीदारी करने से सौभाग्य और आगे की यात्रा सुगम होती है।
ऊपर बताए गए शुभ कार्यों के अलावा रवि पुष्य योग यंत्र-तंत्र-मंत्र शास्त्र के क्षेत्र में भी महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि यह ग्रह और नक्षत्रों से जुड़ी घटनायें अनुष्ठानों, हर्बल उपचारों और अन्य रहस्यमय प्रथाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
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रवि पुष्य योग के दौरान, गायों को गुड़ खिलाने की प्रथा है, जो इन कोमल प्राणियों से कृतज्ञता का प्रतीक है और इनसे आशीर्वाद मांगना है। इस अवधि के दौरान मंदिरों में दीपक जलाना भी एक शुभ माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि रवि पुष्य योग में सभी मांगलिक कार्य करना शुभ होता है। लेकिन रवि पुष्य योग में विवाह नहीं करना चाहिए। इस समय सोना खरीदना, प्रॉपर्टी और वाहन आदि की खरीदारी शुभ हो सकती है। रवि पुष्य योग में गाय माता को गुड़ खिलाना और मंदिर में दीपक जलाना अत्यंत लाभदायक होता है।
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