अपने घर में सुख शांति कौन नहीं चाहता है, किसे नहीं होती हैं पैसों की जरूरत, हर कोई अपने इस जीवन में खुशी आनंद से जीना चाहता है, पर कभी कभी हमारे घर में कलेश और अनकहीं परेशानियां आ जाती हैं, ऐसे में हमें कुछ छोटे उपायों से बहुत राहत मिल जाती है।
सुख यानी की समृद्धि शांति यानी की संतुष्टि जीवन में किसे नहीं चाहिये। घर से लेकर दफ्तर तक प्यार से लेकर व्यापार तक की भागदौड़ आदमी सुख-शांति यानी की आनंद की प्राप्ति के लिये ही तो करता है। जैसा हम सोचते हैं कई बार वैसा होता नहीं है और ऐसे में किसी को घर ही जेल नजर आने लगता है तो किसी को घर में नरक का वास दिखाई देता है। लेकिन हम अपने इस लेख में आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें अपना कर आप नरक को स्वर्ग बना सकते हैं। तो आइये जानते हैं कौन से उपाय लौटायेंगे आपकी पारिवारिक खुशियां।
घर में सुख-शांति बनाये रखने के उपाय
वर्तमान समय में जीवन की भागदौड़ इतनी रहती है कि हम रिश्तों की अहमियत को जानते हुए भी उन्हें नज़रंदाज करने लगते हैं। व्यावसायिक मजबूरियां तो इसका कारण होती ही हैं लेकिन कई बार हम अपने वातावरण को ही ऐसा बना लेते हैं कि जानकर भी अंजान बने रहते हैं लेकिन हमारे धर्म ग्रंथों शास्त्रों में ऐसी ऐसी बातें निहित हैं जो हमारा मार्गदर्शन करती हैं और हमें सुखी जीवन जीने के उपाय सुझाते हैं। उन्हीं में कुछ चुनिंदा उपाय इस प्रकार हैं-
फालतू पड़े सामान को दिखाएं बाहर का रास्ता
कई बार बेकार पड़ी चीज़ों को हम आलस्य या फिर भविष्य में काम आने की सोचते हुए घर में ही पड़ा रहने देते हैं। उनमें धूल मिट्टी, जंगादि लगता रहता है। इससे घर के वातावरण में नकारात्मकता आ जाती है जिसका प्रभाव आपके पारिवारिक जीवन पर भी पड़ने लगता है इसलिये आपके लिये सुझाव है कि यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ घटित हो रहा हो और आप उससे निजात पाना चाहते हैं तो अपने घर से ऐसे फालतू पड़े सामान को बाहर का रास्ता जरूर दिखाएं। खासकर कोई कील हो, चाबी हो जो किसी काम की न हों, बरसात की भीगी हुई लकड़ी, किसी भी तरह का कबाड़ अपने घर में न रखें। सिर्फ घर के अंदर ही नहीं बल्कि यदि आपके घर की छत पर भी ऐसी कोई सामग्री पड़ी हो तो उसे भी बाहर निकाल दें क्योंकि ज्योतिषशास्त्र के विद्वान छत का संबंध सुख वाले ग्रह से बताते हैं। इसलिये जितना जल्दी हो सके किसी कबाड़ी को देकर इससे मुक्ति पायें।
घर में रखें साफ-सफाई
कबाड़ को बाहर निकालने के साथ-साथ अपने घर की साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें। प्रात:काल उठकर घर की सफाई करें व स्नान आदि के पश्चात पूजा करें व हल्की खुशबू वाली सुगंधित अगरबत्ती जलाएं। इससे आपके घर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
घर में हों सिर्फ जरूरत की चीज़ें
कई बार हम चीज़ों को खरीद कर ले आते हैं लेकिन उसके बाद देखते हैं कि उनका इस्तेमाल ही नहीं होता या फिर कोई चीज़ खराब हो जाती है तो उसे ठीक करवाने का ही समय नहीं मिलता। कुछ तो खराब वस्तुओं को ठीक करवाने की बजाय नई ही ले आते हैं और पुरानी पड़ी ही रहती है। ज्योतिषाचार्यों की सलाह है कि सबसे पहले तो इसी बात का ध्यान रखा जाए कि आपके घर में जरूरत की वस्तुएं ही हों।
दूसरा जो चीज़ें खराब हो गई हों और उनकी आपको जरूरत हो तो उन्हें जल्द से जल्द ठीक करवाना चाहिये खासकर यदि दीवार घड़ी रूकी पड़ी है तो इसका इलाज तुरंत प्रभाव से करें क्योंकि घड़ी का रूकना शुभ नहीं माना जाता। यह बंद किस्मत का द्वार मानी जाती है। यदि आपको उनकी जरूरत नहीं बची है तो अपने घर की खुशियों के लिये उन्हें बाहर निकाल दें।
घर में नीला रंग नहीं माना जाता शुभ
शास्त्रानुसार घर में रंगों का भी बहुत महत्व है इसलिये कोई भी रंग करवाने से पहले ज्योतिषीय परामर्श अवश्य लें। आम तौर पर नीले रंग का इस्तेमाल करने से बचें। न तो घर की भीतरी दीवारों में नीले रंग का पेंट हो और न ही खिड़कियों दरवाजों के पर्दे नीले रंग के हों। नीले के साथ-साथ काला रंग भी शुभ नहीं माना जाता। आपके घर में आपकी कुंडली के अनुसार कौन सा रंग शुभ रहेगा यह जानने के लिये आप एस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से बात कर सकते हैं। परामर्श करने के लिए यहां क्लिक करें।
खानपान में रखें ध्यान
कहते हैं दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है। इसलिये अपनी रसोई का भी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जितना हो सके तले हुए पदार्थों के कम बनायें। तामसिक प्रवृति के भोजन यानी की तीव्र मसालों का प्रयोग कम करें।
जैसा खाये अन्न वैसा होगा मन इसलिये सात्विक भोजन को ही प्राथमिकता दें। सबसे जरूरी और अहम बात रसोई घर व्यवस्थित व साफ-सुथरा रखें। सींक में झूठे बर्तनों का भंडार न लगने दे। रात को तो खास तौर पर बर्तन भीगो कर न छोड़ें। इसी प्रकार रसोई के साथ-साथ स्नानघर की सफाई का भी ध्यान रखें व कपड़ों को भिगोकर रात भर के लिए न छोड़ें।
पूजा व्रत दान पुण्य से भी मिलेगा शुभ फल
शास्त्र बताते हैं कि हम जितना दान-पुण्य करते हैं ईश्वर उतना ही ज्यादा हमें उपलब्ध भी करवाता है। गरीब जरूरतमंदों की सहायता के साथ-साथ जीव-जंतुओं की भी सामर्थ्य अनुसार सेवा करनी चाहिये। हमारे शास्त्रों में कव्वौं, कुत्तों व गाय के लिये भोजन में से कुछ हिस्सा निकालने की नसीहत दी गई हैं। यदि आप प्रतिदिन ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं तो कम से कम सप्ताह में एक दिन ऐसा जरूर करें।
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि उपरोक्त उपायों को अपनाकर आप अपने घर के माहौल को काफी हद तक सुधार सकते हैं।