
Venus Transit 2025: क्या आपने कभी सोचा है कि जब शुक्र ग्रह कन्या राशि में आता है, तो इसका आपके रिश्तों, प्यार और लाइफस्टाइल पर क्या असर पड़ता है? शुक्र को प्रेम, सुंदरता, कला और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। यह वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है, मीन में उच्च और कन्या में नीच का होता है। जब इसका गोचर कन्या राशि में होता है, तब यह अपनी नीच स्थिति में होता है, जिससे इसकी सकारात्मक ऊर्जा थोड़ी कमजोर पड़ जाती है। इसे एक राशि में रहने के लिए लगभग 23 से 25 दिन लगते हैं।
कब होगा शुक्र का कन्या राशि में गोचर 2025 में?
शुक्र ग्रह जो प्रेम, आकर्षण, कला, भोग-विलास और रिश्तों से जुड़ा हुआ है, वह 9 अक्टूबर 2025 को सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करेगा। यह वह राशि है जहाँ शुक्र नीच का हो जाता है, यानी इसकी स्वाभाविक ऊर्जा कमज़ोर पड़ जाती है। कन्या एक व्यवहारिक, विश्लेषणात्मक और तर्क पर आधारित राशि है, जो बुध ग्रह द्वारा शासित होती है।
इस शुक्र गोचर के दौरान, आपको प्रेम और संबंधों में व्यावहारिकता दिखानी पड़ सकती है। भावनाओं की जगह तर्क हावी रहेगा। रिश्तों में परिपक्वता की ज़रूरत महसूस होगी, और आप खुद से या अपने साथी से ज़्यादा परफेक्शन की उम्मीद कर सकते हैं। खर्चों में संयम आएगा और विलासिता की चीज़ें कम आकर्षक लग सकती हैं। रचनात्मकता में थोड़ी मंदी आ सकती है। ये समय आपको सिखाएगा कि संतुलन और समझदारी से ही रिश्तों को मजबूत किया जा सकता है।
तो आइए जानते हैं कि 9 अक्टूबर 2025 से शुरू हो रहे शुक्र के कन्या राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा – करियर, आर्थिक स्थिति और लव लाइफ के दृष्टिकोण से।
प्रिय मेष राशि के जातक, शुक्र का कन्या राशि में गोचर 2025 आपके छठे भाव में हो रहा है, जो कि रोग, ऋण, विरोध और दैनिक कार्यों से जुड़ा हुआ होता है। इस अवधि में आपको अपने कार्यक्षेत्र में थोड़ी सावधानी बरतने की ज़रूरत होगी। खासतौर पर महिला सहकर्मियों या अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ तालमेल बिठाने में मुश्किलें आ सकती हैं। कार्यस्थल पर छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव पैदा हो सकता है, इसलिए पेशेवर व्यवहार में संतुलन बनाए रखें।
वित्तीय दृष्टि से भी यह समय थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। स्वास्थ्य संबंधी खर्चे बढ़ सकते हैं या फिर किसी कानूनी विवाद के कारण आर्थिक बोझ आ सकता है। आपको अनावश्यक ऋण लेने से बचना चाहिए। यदि आप पहले से किसी लोन या ईएमआई से जुड़े हैं, तो समय पर भुगतान करें।
लव रिलेशंस में अहंकार और छोटी-छोटी बातों को लेकर बहस की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में आपको अपनी वाणी और व्यवहार में नरमी लाने की ज़रूरत होगी। पार्टनर की कमियाँ गिनाने के बजाय एक-दूसरे के घावों को भरने का प्रयास करें। यह समय रिश्तों को नज़दीक लाने के बजाय दूर कर सकता है, यदि सावधानी न बरती जाए।
उपाय: शुक्रवार के दिन छोटी लड़कियों को सफेद मिठाई का दान करें और रोज़ाना “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का जाप करें। इससे रिश्तों में मिठास बनी रहेगी और जीवन में संतुलन बना रहेगा।
प्रिय वृषभ राशि के जातक शुक्र का कन्या राशि में गोचर आपके पंचम भाव में हो रहा है, जो कि प्रेम, संतान, शिक्षा और रचनात्मकता से जुड़ा हुआ है। इस गोचर के प्रभाव से आपको रचनात्मक कामों में रुकावट महसूस हो सकती है। जो लोग कला, लेखन, संगीत या मीडिया से जुड़े हैं, उन्हें प्रेरणा की कमी या आत्म-संदेह जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कोई भी नया प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले उसकी अच्छी तरह समीक्षा ज़रूर करें।
आर्थिक मामलों में भी यह समय थोड़ा संभलकर चलने का है। खासकर शेयर मार्केट, सट्टा या किसी प्रकार के अनिश्चित निवेशों से दूर रहना आपके लिए बेहतर होगा। सोच-समझकर और दीर्घकालीन लाभ को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लें।
लव रिलेशंस में आप स्वयं या आपका साथी एक-दूसरे से असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। आलोचना या छोटी-छोटी बातों पर नकारात्मक प्रतिक्रिया देने से बचें। संतान या छोटे भाई-बहनों के साथ मतभेद की स्थिति बन सकती है, इसलिए व्यवहार में कोमलता और धैर्य बनाए रखें।
उपाय: शुक्रवार को मां लक्ष्मी को गुलाबजल या कमल का फूल अर्पित करें और नियमित रूप से "श्री सूक्तम्" का पाठ करें।
प्रिय मिथुन राशि के जातक, शुक्र ग्रह का कन्या राशि में गोचर आपके चतुर्थ भाव में हो रहा है, जो कि घर, माँ, मानसिक शांति, वाहन और संपत्ति से जुड़ा होता है। इस समय आपको घरेलू जीवन में कुछ असंतुलन और असुविधा का अनुभव हो सकता है। घर का माहौल थोड़ा तनावपूर्ण हो सकता है, जिससे मानसिक शांति प्रभावित होगी। मां के साथ भावनात्मक दूरी या मतभेद की स्थिति बन सकती है।
कामकाज के मामले में अगर आप वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो यह अनुभव मानसिक रूप से थकाने वाला साबित हो सकता है। ऑफिस में वरिष्ठों से सराहना की उम्मीद ना रखें, क्योंकि आपके प्रयासों को वह उतना महत्व नहीं दे सकते जितना आप अपेक्षा कर रहे हैं।
वित्तीय दृष्टिकोण से घर, वाहन या रियल एस्टेट से जुड़े खर्चे तनाव का कारण बन सकते हैं। यदि आप कोई प्रॉपर्टी डील करने जा रहे हैं तो पहले सभी दस्तावेजों की अच्छी तरह जांच करें और जल्दबाज़ी से बचें।
लव रिलेशंस में भावनात्मक दूरी महसूस हो सकती है, खासकर जीवनसाथी के साथ। अपने रिश्तों में अपनापन और संवाद बनाए रखना इस समय बहुत ज़रूरी होगा।
उपाय: शुक्रवार के दिन तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं और सफेद चावल गाय को खिलाएं।
प्रिय कर्क राशि के जातक, शुक्र ग्रह का कन्या राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में हो रहा है, जो साहस, संचार, छोटे भाई-बहन और प्रयासों से जुड़ा हुआ होता है। इस गोचर के प्रभाव से आपको अपनी ऊर्जा और प्रेरणा में थोड़ी कमी महसूस हो सकती है, खासकर अगर आपका काम संवाद, लेखन, मीडिया या मार्केटिंग से जुड़ा है। निर्णय लेने में हिचकिचाहट और आत्मविश्वास की कमी आपको असहज बना सकती है।
आर्थिक मामलों में आय की गति थोड़ी धीमी हो सकती है। यदि आप किसी डील, पेपरवर्क या दस्तावेजों से जुड़ा कार्य कर रहे हैं, तो पूरी सावधानी बरतें, क्योंकि छोटी-सी लापरवाही नुकसान दे सकती है।
लव लाइफ में संवाद की कमी या बातों का गलत अर्थ निकाले जाने की संभावना रहेगी। बातचीत में पैसिव-अग्रेसिव टोन आ सकती है, जिससे रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है। छोटे भाई-बहनों से दूरी या उनके व्यवहार से निराशा भी हो सकती है।
उपाय: शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र पहनें और नियमित रूप से 'दुर्गा चालीसा' का पाठ करें।
प्रिय सिंह राशि के जातक,शुक्र का कन्या राशि में गोचर आपके द्वितीय भाव में हो रहा है, जो कि वाणी, धन, परिवार और मूल्य प्रणाली से संबंधित होता है। इस समय आपकी बातचीत का तरीका दूसरों को थोड़ा रूखा या आलोचनात्मक लग सकता है, खासकर कार्यस्थल पर। इसलिए अपनी वाणी में नरमी और विनम्रता बनाए रखना बेहद ज़रूरी होगा।
आर्थिक रूप से भले ही आपकी स्थिति स्थिर हो, फिर भी आप अंदर से असंतुष्टि महसूस कर सकते हैं। आपको ऐसा लग सकता है कि जितना कमा रहे हैं, उतना संतोष नहीं मिल रहा। impulsive खर्च करने से बचें क्योंकि बाद में पछतावा हो सकता है।
लव रिलेशंस और पारिवारिक रिश्तों में भी वाणी सबसे बड़ा मुद्दा बन सकती है। आपके शब्द किसी प्रिय को ठेस पहुँचा सकते हैं, चाहे आपकी मंशा वैसी न हो। परिवार के साथ भावनात्मक जुड़ाव कम महसूस हो सकता है और रिश्ते थोड़े व्यवहारिक या औपचारिक लग सकते हैं।
उपाय: शुक्रवार को गरीबों को दूध से बनी मिठाई का दान करें और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
प्रिय कन्या राशि के जातक, 9 अक्टूबर 2025 को शुक्र का गोचर आपकी अपनी ही राशि यानी प्रथम भाव में हो रहा है। यह भाव आपके व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, सोचने के ढंग और शारीरिक आकर्षण का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन चूंकि कन्या राशि में शुक्र नीच का होता है, इसलिए इसके प्रभाव से आपके भीतर असंतोष, असुरक्षा और आत्म-संदेह की भावना बढ़ सकती है।
इस समय आप खुद को कम आकर्षक या “कमज़ोर” महसूस कर सकते हैं, जिससे आपका आत्मविश्वास प्रभावित होगा। कार्यस्थल पर आपकी कोशिशों या रचनात्मक विचारों की सराहना नहीं होगी, जिससे निराशा हो सकती है। यदि आप किसी कला या फैशन से जुड़े हैं, तो आपकी सौंदर्य दृष्टि को लोग उस तरह नहीं समझ पाएंगे जैसे आप उम्मीद करते हैं।
वित्तीय मामलों में भी आप खुद को बार-बार टोक सकते हैं — “क्या ये खर्च ज़रूरी था?” — और इस सोच से आनंद लेने की क्षमता कम हो सकती है। लव रिलेशंस में आत्म-संदेह और आलोचनात्मक रवैया आ सकता है, जिससे आप खुद को “प्यार के लायक नहीं” समझ सकते हैं। यह नज़रिया आपके संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है।
उपाय: शुक्रवार के दिन गुलाबजल से स्नान करें और चंदन का तिलक लगाएं। साथ ही 'श्री महालक्ष्मी अष्टकम' का पाठ करें।
प्रिय तुला राशि के जातक, शुक्र ग्रह का कन्या राशि में गोचर 2025 आपके द्वादश भाव में हो रहा है। यह भाव हानि, परोपकार, त्याग, विदेश यात्रा, गुप्त संबंध और अंतर्मन से जुड़ा होता है। चूंकि यह गोचर आपके लिए नीच के शुक्र का समय है, इसलिए आपको अपने भावनात्मक और वित्तीय जीवन में कुछ भ्रम और असंतुलन का अनुभव हो सकता है।
कामकाज के क्षेत्र में आप थोड़े कटे-कटे या मानसिक रूप से असंतुष्ट महसूस कर सकते हैं। कार्य का उद्देश्य या उसका गहराई से जुड़ाव कम हो सकता है। ऑफिस में किसी गुप्त रोमांटिक संबंध से बचें, वरना बाद में पछताना पड़ सकता है।
वित्तीय दृष्टि से यह समय खर्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतने का है। आप विलासिता, मनोरंजन या किसी दिखावे के चलते अनदेखे खर्च कर सकते हैं, जो बाद में आपको मानसिक बोझ दे सकते हैं।
लव रिलेशंस में आप अपने साथी को आदर्श रूप में देखने लग सकते हैं और जब वह आपकी अपेक्षा पर खरे नहीं उतरते, तो दिल टूटने जैसा अनुभव हो सकता है। अकेलापन, भावनात्मक दूरी या उपेक्षा की भावना उभर सकती है। लेकिन इस दौरान आत्म-स्वीकृति और अंतर्मुखी ध्यान के ज़रिए आप खुद को बेहतर समझ पाएंगे।
उपाय: शुक्रवार को किसी मंदिर में इत्र, घी या रेशमी वस्त्र का दान करें।
प्रिय वृश्चिक राशि के जातक, शुक्र गोचर आपके एकादश भाव में हो रहा है। यह भाव आय, लाभ, सामाजिक संबंध, मित्र मंडली और इच्छाओं की पूर्ति से जुड़ा होता है। हालांकि शुक्र यहां गोचर कर रहा है, लेकिन चूंकि यह नीच का है, इसलिए लाभ और रिश्तों के बावजूद आपको भीतर से संतोष कम महसूस हो सकता है।
करियर के मामले में आप नेटवर्किंग, टीमवर्क और सहयोग में प्रयास तो करेंगे, लेकिन लोगों से वैसी सराहना या अपनापन नहीं मिलेगा जैसी आप उम्मीद कर रहे हैं। किसी बड़े समूह या प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के बाद भी मन में खालीपन रह सकता है।
आर्थिक लाभ तो होंगे, लेकिन वे मन को पूरी तरह से तृप्त नहीं कर पाएंगे। मन बार-बार किसी न किसी चीज़ की कमी महसूस करेगा, भले ही ज़रूरतें पूरी हो रही हों।
प्रेम और दोस्ती के मामलों में भावनात्मक दूरी या जुड़ाव की कमी महसूस हो सकती है। आप खुद को अपने प्रियजनों से थोड़ा अलग-थलग पा सकते हैं। ऐसे में दूसरों से अपेक्षा करने के बजाय, देने की भावना अपनाना ज्यादा शांति देगा।
उपाय: शुक्रवार को अनार का दान करें और रोज़ाना शुक्र बीज मंत्र – "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः" का जाप करें।
प्रिय धनु राशि के जातक, शुक्र का कन्या राशि में गोचर आपके दशम भाव में हो रहा है, जो कि करियर, सामाजिक प्रतिष्ठा, कार्य क्षेत्र की जिम्मेदारियाँ और पब्लिक इमेज से जुड़ा होता है। लेकिन चूंकि शुक्र यहां नीच का हो जाता है, इसलिए आपको इस समय कार्यस्थल पर थोड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
आपकी मेहनत के बावजूद मान-सम्मान या पहचान देर से मिल सकती है। खासतौर पर महिला सीनियर्स या बॉस से आपको आलोचना झेलनी पड़ सकती है या फिर वे आपकी बातों को ज्यादा गंभीरता से न लें। इससे आत्मविश्वास थोड़ा डगमगा सकता है।
आर्थिक रूप से आप यह महसूस कर सकते हैं कि आपकी मेहनत के मुकाबले आपको उतना पैसा या मूल्यांकन नहीं मिल रहा। ये भाव अंदर ही अंदर आपको थका सकता है। वहीं लव रिलेशंस में कार्य का प्रेशर या समय की कमी कारण बन सकती है दूरियों का। आप दोनों में तनाव आ सकता है क्योंकि एक-दूसरे को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं।
सामाजिक स्तर पर भी यह समय थोड़ा फीका लग सकता है — जैसा आकर्षण या प्रभाव आप सामान्यतः महसूस करते हैं, वह थोड़ा कम हो सकता है।
उपाय: शुक्रवार को मां दुर्गा को सफेद फूल अर्पित करें और यदि संभव हो तो शुक्रवार का व्रत रखें।
प्रिय मकर राशि के जातक, शुक्र का कन्या राशि में गोचर 2025 आपके नवम भाव में हो रहा है। यह भाव भाग्य, गुरु, पिता, उच्च शिक्षा, धर्म और लंबी यात्राओं से जुड़ा होता है। लेकिन चूंकि शुक्र यहां नीच का होता है, इसलिए इन सभी क्षेत्रों में कुछ असंतुलन और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
करियर के क्षेत्र में पिता जैसे वरिष्ठों या मेंटर्स के साथ मतभेद की संभावना बन सकती है। उनके सुझाव आपको कठोर या असमर्थनात्मक लग सकते हैं। यदि आप उच्च शिक्षा या विदेश से जुड़ी किसी योजना पर काम कर रहे हैं, तो उसमें देरी या उलझन का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक रूप से विदेश यात्रा, धार्मिक ट्रिप या किसी कोर्स से जुड़ा निवेश आपको संतोष नहीं देगा या फिर नुकसानदायक साबित हो सकता है। किसी भी निर्णय को जल्दबाज़ी में न लें।
लव लाइफ में विचारों और विश्वासों का टकराव हो सकता है। आपका साथी आपकी सोच या धार्मिक दृष्टिकोण को न समझ पाए, जिससे रिश्तों में दूरी महसूस हो सकती है। साथ ही, परिवार या प्रियजनों के साथ आध्यात्मिक या जीवन से जुड़ी चर्चाएं भावनात्मक रूप से खाली लग सकती हैं।
उपाय: शुक्रवार के दिन गाय को गुड़ और गेहूं खिलाएं और श्री लक्ष्मी कवचम् का पाठ करें।
प्रिय कुम्भ राशि के जातक, शुक्र ग्रह का कन्या राशि में गोचर आपके अष्टम भाव में हो रहा है। यह भाव रहस्य, परिवर्तन, गुप्त विषयों, जीवनसाथी की संपत्ति, बीमा, शोध और मानसिक गहराइयों से जुड़ा होता है। लेकिन जब शुक्र नीच होकर इस भाव में आता है, तो यह भावनात्मक अस्थिरता और रिश्तों में तनाव ला सकता है।
करियर के क्षेत्र में आप किसी गुप्त प्रोजेक्ट या रिसर्च आधारित काम में लगे हो सकते हैं, लेकिन उसमें देरी या बाधाएं आ सकती हैं। साथ ही, HR या ससुराल पक्ष से संबंधित कोई तनावपूर्ण स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
वित्तीय रूप से यह समय अनचाहे खर्चों का संकेत देता है, विशेषकर बीमा, टैक्स या जीवनसाथी की संपत्ति से जुड़े मामलों में। साझा धन या जॉइंट इन्वेस्टमेंट्स से जुड़े निर्णयों में सावधानी रखें।
लव रिलेशंस में भावनात्मक गहराई तो होगी, लेकिन वह कई बार असंतोष या असुरक्षा में बदल सकती है। यौन जीवन में असंतुलन या दूरी रिश्तों में तनाव बढ़ा सकती है। जलन, शक या अंदरूनी नाराज़गी को खुद पर हावी न होने दें, वरना यह संबंधों को धीरे-धीरे खोखला कर सकता है।
उपाय: शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर सफेद फूल अर्पित करें और शुक्र शांति मंत्र (शुक्र होरा में) का जाप करें।
प्रिय मीन राशि के जातक, शुक्र का कन्या राशि में गोचर आपके सप्तम भाव में हो रहा है। यह भाव विवाह, साझेदारी, जीवनसाथी और व्यावसायिक संबंधों से जुड़ा होता है। चूंकि शुक्र यहां नीच का होता है, इसलिए इस अवधि में आपको अपने संबंधों में असंतुलन, दूरी और अप्रत्याशित असंतोष का अनुभव हो सकता है।
आपको व्यवसायिक साझेदारियों में तालमेल की कमी महसूस हो सकती है। हो सकता है आपके प्रयासों को पूरा मान-सम्मान न मिले या साझेदार आपके विज़न को न समझें। ऐसे में धैर्य और पारदर्शिता बनाए रखना ज़रूरी होगा।
आपका वित्तीय रूप से साझे की आमदनी या लाभ वितरण को लेकर विवाद हो सकता है। कोई पुरानी डील या आर्थिक समझौता अब आपको कमज़ोर महसूस करा सकता है। दस्तावेज़ों और शर्तों की पुनः जांच ज़रूर करें।
लव लाइफ में भावनात्मक दूरी, संवाद की कमी या यह महसूस होना कि आपको समझा नहीं जा रहा — यह सब सामने आ सकता है। साथ ही, अपने पार्टनर को आदर्श मानकर देखने या फिर उनके हर पहलू का अत्यधिक विश्लेषण करने से बचें, वरना रिश्ते में दरार आ सकती है।
उपाय: शुक्रवार के दिन लक्ष्मी-नारायण पूजन करें या फिर इस मंत्र का जाप करें — "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसाद प्रसाद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः"।