दक्षिण दिशा शुभ या अशुभ ? जानें इस दिशा का महत्व और उपाय।

Tue, Aug 13, 2024
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दक्षिण दिशा शुभ या अशुभ ? जानें इस दिशा का महत्व और उपाय।

हर दिशा का एक अलग महत्व होता है, और इसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। इन दिशाओं में दक्षिण दिशा का विशेष स्थान है, लेकिन इसके साथ ही दक्षिण दिशा को लेकर लोगों के मन में अलग-अलग तरह के विचार होते है। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में यमराज का वास होता है, जो मृत्यु के देवता हैं। इस कारण से, लोग इस दिशा से बचने की कोशिश करते हैं। हालांकि, वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा का महत्व समझा जा सकता है। यह दिशा पितरों की दिशा के रूप में भी जानी जाती है। वास्तु की मानें तो यदि इस दिशा का सही उपयोग किया जाए और वास्तु नियमों का पालन किया जाए, तो यह दिशा अपार सुख, समृद्धि, और शांति का स्रोत बन सकती है। आज इस ब्लॉग में हम दक्षिण दिशा से जुड़े कुछ भ्रमों को दूर करेंगे, इसके महत्व को समझेंगे, और कुछ वास्तु उपायों की चर्चा करेंगे जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

दक्षिण दिशा में वास्तु दोष

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर या ऑफिस में चीजों को स्थापित करते समय दिशाओं का ध्यान रखना जरूरी होता है, वरना कई बार यह वास्तु दोष का कारण बन जाता है। आइए आज जानते हैं कि दक्षिण दिशा में वास्तु दोष किन कारणों से होता है-

1. दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार: यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है, तो यह एक बड़ा वास्तु दोष माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है, जिससे आर्थिक समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां और मानसिक तनाव बढ़ सकते हैं।

2. रसोई का होना: यदि रसोई दक्षिण दिशा में स्थित है, तो यह भी वास्तु दोष माना जाता है। इस स्थिति में घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर महिलाओं के लिए।

3. दक्षिण दिशा में बैडरूम: दक्षिण दिशा में बैडरूम का होना भी वास्तु दोष के अंतर्गत आता है। इससे मानसिक तनाव, अनिद्रा और पारिवारिक कलह की संभावना बढ़ सकती है।

4. दक्षिण दिशा में पानी का स्थान: दक्षिण दिशा में पानी का स्रोत जैसे कि कुआं, टंकी या अन्य जल संसाधन होना वास्तु दोष माना जाता है। इससे परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

5. भारी सामान रखना: यदि दक्षिण दिशा में भारी फर्नीचर या सामान रखा जाए, तो इससे घर में ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है और नकारात्मकता बढ़ सकती है।

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दक्षिण दिशा के भ्रम और उसके परिणाम

वास्तु शास्त्र में दिशाओं का सही चयन बहुत महत्वपूर्ण है। यदि दिशाओं का गलत चयन होता है, तो इससे नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं। दिशा भ्रम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति सही दिशा का चयन नहीं कर पाता और गलत दिशा में निर्माण करता है। यह वास्तु दोषों का कारण बनता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

दक्षिण दिशा को लेकर कई भ्रम प्रचलित हैं, जो वास्तु शास्त्र के अनुसार गलत हैं। इन भ्रमों को दूर करने के लिए सही जानकारी होना आवश्यक है। दक्षिण दिशा को लेकर यह भ्रम आम होते हैं कि इस दिशा में पूजा घर नहीं बनाना चाहिए, पानी का कोई स्त्रोत नहीं होना चाहिए और न ही बैडरूम इस दिशा में बनाना चाहिए। यह एक आम भ्रांति है। वास्तव में, अगर सही वास्तु उपायों के साथ यह सब कुछ स्थापित किया जाए तो वास्तु दोष आपको परेशान नहीं कर सकता है।

दक्षिण दिशा के उपाय

कई बार जाने अनजाने में हम दक्षिण दिशा से होने वाले वास्तु दोष से प्रभावित हो जाते हैं, ऐसे में यहां दिए गए उपायों का पालन करके आप इन दोषों को दूर किया जा सकता है और शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं:

1.मुख्य द्वार पर दीपक लगाएं: अगर आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो आपको दरवाजे के दोनों ओर घी के दीपक जलाना चाहिए और दरवाजे पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए।

2. तुलसी का पौधा लगाएं: दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा लगाना भी एक असरदार वास्तु उपाय माना जाता है. इससे वास्तु दोषों का निवारण होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है।

3. दीवार पर स्वास्तिक बनाएं: घर से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम करने के लिए दक्षिण दिशा में लाल रंग का उपयोग करके स्वास्तिक बनाएं। इस उपाय से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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4. शीशा लगाएं: दक्षिण दिशा के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए आपको दक्षिण दिशा में एक बड़ा सा शीशा लगाना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा टकराकर वापिस चली जाती है। यह वास्तु दोषों को कम करने में सहायक होता है।

5. दक्षिण दिशा में रखें बेड का सिरहाना : वास्तु के अनुसार, बेड का सिरहाना दक्षिण दिशा की तरफ रखना चाहिए। यह बहुत शुभ माना जाता है। जब भी सोएं तो याद रखें कि आपका सिर दक्षिण दिशा में और पांव उत्तर दिशा में होने चाहिए। इस उपाय का पालन करने से आपको अच्छी नींद आती है.

6. जेड प्लांट रखें: दक्षिण दिशा शुक्र ग्रह से जुड़ी होती है. धन लाभ और समृद्धि के लिए आप दक्षिण दिशा में जेड प्लांट लगा सकते हैं. जेड प्लांट लगाने के लिए सबसे अच्छी दिशा दक्षिण को ही माना जाता है। वास्तु के अनुसार, जेड प्लांट को अपने हॉल या ड्राइंग रूम में रखना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आप इन उपायों का पालन करते हैं तो आप वास्तु दोष और उसके प्रभाव से अपने आपको सुरक्षित कर सकते हैं. यह आपको एक सकारात्मक और सुखी जीवन बनाने में सहायक साबित हो सकता है।

अगर आप अपने घर या ऑफिस को वास्तु दोष से मुक्त करना चाहते हैं तो आप हमारे विशेषज्ञ वास्तु सलाहकारों से कॉल या चैट पर संपर्क कर सकते हैं. आपके लिए पहला कंसल्टेशन बिलकुल मुफ्त है!

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