कहते हैं कि सूर्य देव की कृपा हो तो व्यक्ति का व्यक्तित्व सूर्य के समान ओजस्वी व उसकी तरक्की दिन दोगुनी रात चौगनी होती है। जाकत जीवन में मान सम्मान व पद- प्रतिष्ठा का भोगी होता है। परंतु यदि सूर्य क्रोधित हो जाएं तो व्यक्ति को अर्श से फर्श पर आने में देरी नहीं लगती है। साथ ही उसके कार्य में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। सफलता मिलने में भी देरी होती है। कहीं आपके सूर्य तो नहीं चल रहे रूष्ठ जानने के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से। तो चलिए जानते हैं सूर्य के खराब होने से हमारे जीवन पर इसका कैसा असर पड़ता है।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि सूर्य से ही हमें ऊर्जा मिलती है। सूर्य के कारण ही इस पृथ्वी पर प्रकाश है। उसी तरह सूर्य हमारे जीवन में भी प्रकाश भरने कार्य करते हैं। ये हमें ऊर्जा वान बनाते जिससे हम अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सफल होते हैं। सूर्य के ही चलते हम आकर्षक व्यक्तित्व वाले बन पाते हैं। हमारे चेहरे पर तेज बना रहता है। इसके साथ ही सूर्य का हमारे सेहत से सीधा संबंध है। शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्य के निर्बल होने से कई तरह की शारीरिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सूर्य के कमजोर होने पर अस्थिप विकार, सिरदर्द, पित्त रोग, आत्मिक निर्बलता, नेत्र में दोष आदि हो सकते हैं। लेकिन जब सूर्येदेव अशुभ फल देने लगते हैं तो जातक के जोड़ दर्द करने लगती है शरीर अकड़ने लगता है, मनोबल में भी कमी आती है। दिल का भी दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
ज्योतिषविदो की माने तो सूर्य का प्रबल होना हमारे करियर के लिए बहुत ही जरूरी है। सूर्य के कारण ही व्यक्ति उच्च पद प्राप्त करता है। बॉस का बी सपोर्ट सदैव उसके साथ रहता है। जानें करियर ग्रोथ में कैसे मिलेगा बॉस का साथ! कहते हैं कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य उच्च का होकर कर्म भाव में बैठ जाए तो व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र में कीर्ति स्थापित करता है। लेकिन यदि किसी कारण वश सूर्य कमजोर हो जाए तो आप कितना भी मेहनत कर लें लेकिन आपको सफलता देर से ही मिलेगी। साथ ही वरिष्ठ सहयोगी भी आपके रुष्ठ रहेंगे। जिससे आपके करियर में रूकावटें पैदा होंगी।
कैसे करें सूर्य को प्रबल
ज्योतिष बताते हैं कि सूर्य को प्रबल करने के कई उपाय ज्योतिष शास्त्र में विद्धमान हैं। जिन्हें करने से सूर्य का शुभ प्रभाव मिलने लेगा। लेकिन इसके लिए आपको उसे श्रद्धा से का साथ करना होगा। किसी जातक का सूर्य प्रभाव हीन है तो जातक सूर्य की उपासना करके उसे प्रभावी बना सकते हैं। इसके लिए जातक प्रति दिन सूर्य देव को अर्ध्य देना होगा। साथ ही सूर्य देव के मंत्र का जाप भी करना होगा। इसके अलावा आप विष्णु की पूजा तथा रविवार के दिन लाल वस्तु का दान करने से भी सूर्य की कृपा बनती है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि रविवार का दिन सूर्य उपासना सरने के लिए सर्वोत्म है। इस दिन से ही सूर्य की उपासना की शुरूआत जातक को करनी चाहिए। जिसे जातक का सोया हुआ भाग्य जागेगा। सोये हुए भाग्य को जगाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यदि जातक सामान्य उपायों के बजाए यदि जातक राशि के अनुसार उपासना करें तो उसे अधिक फल प्राप्त होगा। ज्योतिष कहते हैं कि राशि के हिसाब से सूर्य की आराधना करना सबसे प्रभावी होता है। लेकिन इसके लिए जातक के कुंडली का भी आकलन किया जाता है। ताकि यह जाना जा सके कि कुंडली में सूर्य कितने प्रभावी और उसी के अनुसार उपासना विधि तय की जा सके। इसलिए आपको सबसे पहले अपने कुंडली का आकलन किसी योग्य ज्योतिषी से करवाना चाहिए। कुंडली का आकलन करवाने के लिए दिए गए लिंक पर अभी क्लिक करें।