इस भागदौड़ भरी दुनिया में लोगों का बिजी शेड्यूल अब एक आम बात हो गई है। इस कारण ऐसा बहुत बार होता है, जब हम अपने काम का प्रेशर दूसरे पर गुस्से में निकाल देते हैं। अक्सर लोग घर पहुंचने पर गृहकलेश कर देते हैं। कभी अचानक अपने पार्टनर के साथ बहस करने लगते हैं तो कभी रास्ते में बिना वजह ऑटो वाले से झगड़ा कर लेते हैं। हालांकि यह सब काम का प्रेशर कम और आपके आस पास की वस्तुओं का प्रभाव ज्यादा होता है। सोचिये आप क्रोध में हैं और उसी समय आपके समाने कोई छोटा बच्चा प्रेम (Love) से मुस्कुरा दे तो आप अपने क्रोध को भूल जाते हैं। क्रोध और मुस्कान दोनों एक दूसरे के परस्पर विरोधी हैं जैसे क्रोध नेगेटिव एनर्जी का सिंबल है तो वहीं मुस्कान पॉजिटिव एनर्जी का। मुस्कान मन को शांति प्रदान करती है। आपके आस-पास एक सकारात्मक माहौल का होना अति महत्वपूर्ण है। ये किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव को कम करने के लिए बहुत उपयोगी होता है।
आज न चाहकर भी नेगेटिव एनर्जी हम सभी के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि आप अपनी तरफ से जीवन में पॉजिटिव रहने की हर सम्भव कोशिश करते हैं लेकिन इसके बाद भी घर में नेगेटिव एनर्जी बनी रहती है। लव रिलेशनशिप्स में भी बिना वजह परेशानियां रहती हैं। नेगेटिव एनर्जी यानी नकारात्मक ऊर्जा की वजह से परिवार के सदस्यों की सेहत(health) पर भी प्रभाव पड़ता है, साथ ही परिवार में वाद-विवाद और झगड़े भी होते रहते हैं। नकारात्मकता लोगों को आलसी और उदास बना देती है, साथ ही व्यक्ति के व्यवहार में कड़वाहट भर जाती है। नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) की वजह से तन और मन से सकारात्मक (Positive) भावनाएं समाप्त होती चली जाती हैं, जिससे लोग हमेशा निराश और थका हुआ महसूस करते हैं।
परंतु वास्तुशास्त्र (Vastu shastra) आपको इससे जुड़े कई समाधान दे सकता है। आइए जानते हैं वास्तुशास्त्र के वो 5 महत्वपूर्ण तरीके, जिनके दैनिक प्रयोग से आपके घर में शांति और पॉजिटिविटी दोनों बनी रहेगी।
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में टूटा हुआ समान नेगेटिव एनर्जी देता है। इस प्रकार घर में टूटा फर्नीचर और कांच नहीं रखना चाहिए। टूटी वस्तुएं बार-बार आपके कार्य के बीच में रुकावट पैदा करती हैं जिससे बिना वजह क्रोध आ सकता है। इसके साथ ही टूटी वस्तुओं से घर की सजावट( decoration) भी खराब हो जाती है।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी (Tulsi) का पौधा घर में जरूर लगाना चाहिए। वास्तुशास्त्र में भी इस पौधे को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। हमारे वातावरण में जहरीले सूक्ष्म कीटाणु मौजूद होते हैं जिन्हें खत्म करने के लिए तुलसी जैसे छोटे पौधों का प्रयोग घरों में किया जाता है। ऐसे ही कुछ अन्य पौधे भी हैं, जो आपके वातावरण से नेगेटिव एनर्जी खींच लेते हैं, साथ ही घर में पॉजिटिव एनर्जी यानि सकारात्मक ऊर्जा, शांति और खुशहाली लेकर आते हैं। ऐसे ही कुछ पौधों के बारें में नीचे बताया गया है।
तुलसी: वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर के उत्तर या उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में तुलसी का पौधा रखना चाहिए ताकि यह सभी तरह की नेगेटिव एनर्जी को दूर भगाने में मदद कर सके।
मलकी बैम्बू: मलकी बैम्बू का पौधा आकर्षक और पॉजिटिव एनर्जी वाला होता है, जिससे हेल्थ सही रहती है। इसके साथ ही इसे लव लाइफ (relationship) के लिए भी अच्छा माना जाता है।
ऐलोवेरा: वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर में रस से भरा पौधा हो तो जीवन में भी यह सुख और ख़ुशी भर देता है। एलोवेरा ऐसा ही एक आकर्षक पौधा है जो दुर्भाग्य और नेगेटिव एनर्जी को दूर कर देता है। इसके साथ ही यह वातावरण में मौजूद सूक्ष्म कीटाणुओं को साफ करने के लिए भी जाना जाता है।
जैस्मिन: जैस्मिन (चमेली) का पौधा पॉजिटिव एनर्जी देने वाला माना जाता है और यह रिश्तों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। इसी तरह मनी प्लांट, पीस लिली और स्पाइडर प्लांट जैसे पौधे भी घर में खुशहाली और पॉजिटिव एनर्जी लाते हैं। और नेगेटिव थॉट्स को दूर करते है।
मध्यम ध्वनि या धीमी आवाज की एनर्जी मन को आनंद और पॉजिटिव महसूस कराती है और तेजी से चारों तरफ फैलती है। इसके अंदर नेगेटिव एनर्जी को पॉजिटिव एनर्जी में बदलने की क्षमता होती है। विंड चाइम्स के खनकने से निकलने वाला मधुर संगीत नेगेटिव एनर्जी के पैटर्न को तोड़ने में कारगर साबित होता है और पॉजिटिव एनर्जी को निरंतर बढ़ाता रहता है। वहीं तिब्बतन सिंगिंग बाउल के उपयोग से भी आपको अपने घर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखने में सहायता मिलती है। घर को आलस देने वाली एनर्जी, यानी किसी भी तरह की नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए घर में घंटी बजाना सबसे बेहद सरल उपाय है। इसके अतिरिक्त, घर से नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए मंत्रों का जाप करना या सुनना सबसे बेहतरीन तरीका माना जाता है। इससे आध्यात्मिक रूप से भी मन को आनंद मिलता है।
घर की सजावट में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले रंग न केवल आपके मन को शांति प्रदान करते बल्कि मन को शांत भी रखते हैं। माना जाता है कि रंगों में परेशानियों को दूर करने और घर में पॉजिटिव एनर्जी उत्पन्न करने की क्षमता भी होती है। इस कारण घर में लाल, काले या ग्रे जैसे रंगों का बहुत ज्यादा प्रयोग नहीं करना चाहिए। हालांकि पीले रंग से दीवारों को पेंट करने से नेगेटिव एनर्जी को कम किया जा सकता है। इसी तरह शांति और सुकून देने वाला हरा रंग, लिविंग रूम तथा बेडरूम के लिए सबसे सही होता है, क्योंकि इसमें मन के तनाव के साथ-साथ घर की परेशानियों को कम करने की खूबियां मौजूद होती हैं। गुलाबी रंग के इस्तेमाल से आपके घर की पॉजिटिव एनर्जी कई गुना तक बढ़ जाती है। घर के माहौल को खुशनुमा करने के लिए बेज, क्रीम, सफेद और हल्के नीले रंग का इस्तेमाल भी काफी हद तक उपयोगी होता है। हमेशा लाइट यानी कम चमकदार रंगों का उपयोग ही करें। छत को नीले, काले या ग्रे (भूरे) जैसे गहरे रंगों से पेंट न करें क्योंकि इससे घर में नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है।
घर में किसी स्थान पर वेदी या पवित्र स्थान स्थापित जरूर करें। इससे नेगेटिव एनर्जी से छुटकारा पाने में और घर के माहौल को ख़ुशनुमा बनाने में मदद मिलती है। घर में वेदी पर पवित्र चीजें रखनी चाहिए ताकि जीवन में खुशहाली और समृद्धि आए, साथ ही पूरा परिवार नेगेटिव एनर्जी से सुरक्षित रह सके। आप अपने निवास स्थान पर धूप, दीप, मोमबत्तियां, मूर्तियां या चित्र, क्रिस्टल, किताबें, फूल जैसी अच्छी चीजें रख सकते हैं।
वास्तुशास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, घर में मंदिर स्थापित करने के लिए ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा को सबसे उचित माना जाता है । जिन घरों में मंदिर नहीं है उन घरों में वेदी बनाकर रखनी चाहिए।
इसके अलावा शंखनाद से भी किसी स्थान की नेगेटिव एनर्जी को दूर किया जा सकता है। कहा जाता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां लक्ष्मी जी का वास होता है। घर में शंख रखने से वास्तु दोषों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके साथ ही धन की प्राप्ति भी होती है। ध्यान रहे शंख को कभी भी जमीन पर न रखें।
वास्तु (Vastu) के अनुसार, शिवलिंग को हमेशा रेशमी कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर ही रखें। शिवलिंग को बिना रेशमी कपड़े के रखने से वास्तु दोष (Vastu Dosh) की आशंका बढ़ जाती है।
कैक्टस जैसे कांटेदार पौधों से घर में कलेश और वाद-विवाद होता है इसलिए ऐसे पौधों को घर के अंदर न रखें।
घर में नुकीले कोने वाले फर्नीचर चोट पहुंचाने के साथ-साथ नकारात्मक ऊर्जा (Negative energy) को भी बढ़ा सकते हैं इसलिए घर में सिर्फ गोल (circular) और चिकने किनारे वाले फर्नीचर का ही प्रयोग करना चाहिए।
कटे-फटे या टूटे हुए बर्तनों से घर में नेगेटिविटी और उदासी आती है इसलिए ऐसे बर्तनों को घर से बाहर कर दें।
कष्ट या दुख-दर्द को दिखाने वाली सभी तस्वीरों या कलाकृतियों को अपने घर से हटा दें। युद्ध के समय के दृश्यों, बच्चों की रोते हुए तस्वीर, शिकार के दृश्यों,जलपोतों, सूखे पेड़ों, पकड़े गए जानवरों, या इस तरह की कोई दूसरी तस्वीर घर की दीवार पर नहीं लटकानी चाहिए।
मुरझाए हुए पौधों तथा सूखे फूलों से नेगेटिव एनर्जी घर में आती है इसलिए घर के अंदर गमले में लगाए गए पौधों को हमेशा हरा-भरा बनाए रखना चाहिए।
टूटी-फूटी या बेकार की चीजों की मौजूदगी से पूरे घर का माहौल अस्त-व्यस्त हो जाता है इसलिए घर में टूटी या बंद पड़ी हुई घड़ियों को न रखें, क्योंकि इससे घर में नेगेटिव एनर्जी आती है।
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