हर व्यक्ति अपने जीवन में अपना वर्तमान और भविष्य दोनों ही बेहतर करने की दिशा में हमेशा काम करता है। इसके लिए व्यक्ति कभी-कभी ज्योतिष विद्या का भी सहारा लेता है। ज्योतिष विद्या में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं, जो व्यक्ति के वर्तमान और भविष्य दोनों को बेहतर बनाते हैं। ऐसे ही उपायों में से एक है बर्थस्टोन यानि कि राशि और महीने में जन्म के अनुसार रत्न धारण करना। बर्थस्टोन एक ऐसा उपाय है, जिसमें लोगों की काफी आस्था भी है। बर्थस्टोन जातक के वर्तमान और भविष्य दोनों को प्रभावित करता है। हर महीने का अलग-अलग बर्थस्टोन होता है, जो उस महीने के जातक को विधि-विधान के साथ धारण करना होता है।
ज्योतिषी(Astrologer) के मुताबिक, अप्रैल महीने में जन्मे जातक स्वभाव से बेहद खूबसूरत, हंसमुख और जिद्दी होते हैं। यह लोग दोस्तों के प्रिय तो होते ही हैं, रिश्तेदार भी इन्हें बेहद चाहते हैं। अपने खास स्वभाव के कारण ही यह लोग दूसरों के लिए एक उदाहरण बन जाते हैं और ये लोग भीड़ में ही अपनी अलग पहचान बना लेते हैं। कहना गलत नहीं होगा कि अप्रैल में जन्मे लोगों का स्वभाव उनके बर्थस्टोन हीरे की तरह ही होता है।
अप्रैल का बर्थस्टोन हीरा दुनिया की सबसे महंगी धातुओं में से एक है। ये दुनिया में सबसे दुर्लभ परिस्थितियों में पाया जाने वाला रत्न भी है। आज के दौर में तो हीरे को एक फैशन का जरिया बना दिया गया है। रिंग और नेकलेस के रूप में हर कोई इसे धारण करने लगा है, लेकिन ज्योतिषशास्त्र कहता है कि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ प्रभाव दे रहा हो, उन्हें हीरा पहनने से लाभ मिलता है।
हीरा धारण करने से आयु में वृद्धि होती है। विवाह में देरी या रुकावटें आ रही हैं तो भी ज्योतिष की सलाह से हीरा धारण किया जा सकता है।
हीरा मधुमेह, मूत्र रोग, किडनी रोग और नेत्र रोगों से पीड़ित लोगों के लिए भी शुभ होता है।
जो जातक व्यापार, फिल्म उद्योग तथा कला क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो वे हीरा धारण कर सकते हैं।
संबंधों में मधुरता के लिए विशेषकर प्रेम संबंधों को हीरा बढ़ाता है।
शिक्षा संबंधित परेशानी या विवाह में रुकावट आती हो तो हीरा धारण करना लाभकारी साबित हो सकता है।
हीरे को विष नाशक माना जाता है, इसलिए हीरे को धारण ऐसे व्यक्ति कर सकते हैं, जिनका संबंध जीव-जंतुओं से ज्यादा रहता है।
जिस पुरुष को लगता है कि उसकी पत्नी उससे संतुष्ट नहीं है तो ऐसे पुरुषों को जरूर हीरा पहनना चाहिए। हीरा पहनने से संभोग क्रीड़ा में पुरुष को मजबूती प्रदान होती है।
भूत-प्रेत की बाधाओं को दूर करने के लिए भी हीरे को धारण किया जा सकता है।
खराब चल रही ग्रह दशा को भी ठीक करने के लिए हीरा अत्यंत लाभकारी होता है। अगर किसी भी ग्रह की महादशा में शुक्र का अंतर चल रहा हो तो हीरा पहनना अत्यन्त लाभकारी होता है।
हीरे का स्वरूप सिर्फ सफेद ही नहीं होता, बल्कि अशुद्धियों के कारण हीरे का रंग नीला, लाल, संतरी, पीला, हरा व काला होता है। हीरा कोयले की खान से निकाला जाता है और जब किसी खान से ये हीरा निकलता है तो उस वक्त ये एकदम काला होता है। बाद में इसे हीरे के जरिए ही पॉलिश करके चमकाया जाता है। भारत में हीरे का सबसे ज्यादा व्यापारा गुजरात के सूरत शहर में होता है। वहीं हीरा सबसे ज्यादा दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील की खानों से निकलता है। इससे पहले भारत की गोलाकुंडा खान से निकले हीरे की पूरी दुनिया में धाक रहती थी। वर्तमान में मद्रास, मध्य प्रदेश्, उड़ीसा और गुजरात की खानों से दो हजार से चार हजार कैरेट तक के हीरे प्रति वर्ष निकल जाते हैं।
हीरे की कीमत उपर-नीचे होती रहती है, लेकिन आमतौर पर साधारण सा हीरा 3-4 हजार रुपए कैरेट के भाव में मिलता है। ज्योतिष शास्त्री मानते हैं कि हीरा 2.5 सैंट से लेकर डेढ़ रत्ती तक धारण किया जा सकता है। जिस व्यक्ति की जितना सामर्थ्य वो उतना वजनी हीरा धारण कर सकता है। हीरे का प्लेटिनम अथवा चांदी की अंगूठी में मढ़वाना चाहिए। इसे शुक्रवार को ही बनवाना उत्तम रहता है। हीरा जड़ित अंगूठी को विधिपूर्वक उपासना करके ऊॅँ शुं शुक्राय नम: मंत्र का सोलह हजार बार जप करके किसी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को प्रात:काल श्रद्धा के साथ धारण करना चाहिए।