इस लेख में हम दुनिया के सबसे कठोर व कीमती रत्न के बारे में बात करेंगे। लेख में हीरा क्या है? इसका ज्योतिष शास्त्र में क्या महत्व है? किस राशि के जातक हीरा धारण कर सकते हैं? हीरा धारण करने के क्या फायदे हैं? और हीरा धारण करने की विधि क्या है? तो आपको यहां आपके इन सभी प्रश्नों के उत्तर मिलने वाले हैं। तो आइये जानते हैं हीरा के बारे में –
हीरा अत्यंत मूल्यवान रत्न है। यह ज्योतिष शास्त्र के साथ ही फैशन की दुनिया में भी काफी महत्व रखता है। मूल्यवान होने के नाते साधारण लोगों के बस के बाहर है हीरा धारण करना। आज हीरा धारण करना रहीसों का एक स्टेटस बन गया है। हीरा भारत के कई राज्यों में पाया जाता है। दक्षिण भारत में हीरा के कई खान हैं। परंतु वर्तमान में अफ्रीका के हीरा अधिक मशहूर हैं। बाजार में अफ्रीका के हीरे आसानी से उपलब्ध हैं।
ज्योतिष शास्त्र में हीरा को शुक्र का रत्न माना जाता है। इस रत्न को धारण करने के पीछे की वजह है। शुक्र को प्रभावी बनाना। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र प्रभाव हीन होते हैं उनके जीवन में अनेक तरह की परेशानियां आती रहती हैं। ज्योतिष में शुक्र को प्रेम व समृद्धि का कारक माना जाता है। शुक्र की कृपा होने पर जातक सुख समृद्धि का भोगी बनता है। लेकिन यदि शुक्र खराब हो या किसी पाप ग्रह से पीड़ित हो तो ऐसे में शुक्र से मिलने वाला नहीं मिल पाता है। प्रेम के कारक होने के चलते इनका मान और भी बढ़ जाता है। प्रेम के बीना दुनिया नीरस सी लगती है। हर प्राणी को प्रेम चाहिए। इसलिए ज्योतिष कहते हैं कि शुक्र को मजबूत करने के लिए हीरा धारण करें। लेकिन इससे पूर्ण एक बार कुंडली का आकलन करवाना न भूलें।
हीरा धारण करना वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ लग्न में जन्मे जातकों के लिए शुभ होता है। वृषभ और तुला लग्न के जातको के लिए हीरा सदा लाभकारी होता है। लेकिन मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न में हीरा पहनना शुभ नहीं होता है। इनमें से वृश्चिक लग्न के जातकों को तो हीरा भूल से भी नहीं पहनना चाहिए। यदि आप फैशन के तौर पर भी हीरा धारण कर रहे हैं तो आपको ज्योतिषाचार्य से परामर्श जरूर लें। अन्यथा आपको इससे हानि का सामना करना पड़ सकता है।
जैसा कि हमने पहले ही बताया कि हीरा धारण करने से शुक्र मजबूत होते हैं जिससे जीवन सुख सुविधाओं की कोई कमी नहीं रहती है। हीरा धारण करने से धारक के अंदर आत्मविश्वास व सम्मोहन शक्ति मजबूत होती है। धारक की ओर लोग आकर्षित होते हैं। प्रेम को भी यह बढ़ावा देता है। विपरीत लिंग के लोग अधिक संपर्क में आते हैं। वैवाहिक जीवन भी सुखमय होता है। ज्योतिषियों का कहना है कि कला, मीडिया, फिल्म व फैशन से जुड़े लोगों के लिए धारण करना शुभ होता है। लेकिन ज्योतिषीय परामर्श पर नहीं तो इसका बुरा असर देखने को मिलता है।
यदि आप हीरा धारण करना चाहते हैं तो आपको 0.50 से 2 कैरेट तक के हीरे को चाँदी या सोने की अंगूठी में जड़वाकर शुक्लपक्ष के शुक्रवार को सूर्य के उदय होने के बाद धारण करना चाहिए। हीरा धारण करने से पूर्व इसे दूध, गंगा जल, मिश्री और शहद के घोल में डाल कर रख दें, उसके बाद अगरबत्ती, दीप व धूप दिखाकर शुक्र देव के बीज मंत्र का 108 बार जाप कर मां लक्ष्मी के चरणों में रखकर उनका आह्वान कर इसे धारण करना चाहिए। ज्योतिषियों कहना है कि हीरा अपना प्रभाव 20 से 25 दिन में दिखाना शुरू कर देता है और लगभग 6 से 7 वर्ष तक अपना प्रभाव दिखाता है। इसके बाद नया हीरा धारण करना चाहिए।
यह जानकारी सामान्य है। हीरे के बारे में विस्तार से जानने के लिए आपको ज्योतिषाचार्यों से बात कर अपने सवालों का जवाब लेना चाहिए। अभी ज्योतिषाचार्य से बात करने के लिए यहां क्लिक करें या 9999091091 पर कॉल करें।