सनस्टोन

सनस्टोन

राज्य अमेरिका के विभिन्न इलाकों में पाया गया है। सन स्टोन हाल तक लोकप्रिय नहीं था। परंतु अब इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। इसके चमत्कारी गुणों को देखते हुए ज्योतिषाचार्य वर्तमान में इस रत्न को अधिक अनुसंशित कर रहे हैं।


सनस्टोन का ज्योतिषीय महत्व

पीले रंग का सन स्‍टोन सूर्य की आभा लिए होता है। माणिक का उप-रत्‍न सन स्‍टोन सूर्य का रत्‍न है। सूर्य देव जीवन में सफलता प्रदान करते हैं इसलिए उनकी कृपा होना बहुत जरूरी होता है। अगर सूर्य देव आपसे नाराज़ हो गए तो आपको हर काम में नाकामी ही मिलती है। कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए सन स्‍टोन धारण किया जाता है, जिससे सूर्य मजबूत व प्रभावी होते हैं। पिता से साथ भी संबंध यदि सही रखना है तो सूर्य का प्रभावी होना जरूरी है।


किस राशि के लोग धारण कर सकते हैं?

यह मीन, सिंह और तुला राशि के लिए अच्‍छा रत्‍न माना जाता है। इन राशि के जातक ज्योतिषीय परामर्श लेकर सन स्टोन धारण कर सकते हैं। बिना परामर्श के धारण करना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।


सन स्टोन धारण करने के लाभ

जैसा कि आपको हम बता चुके हैं  कि यह सूर्य ग्रह का उप-रत्न है। सन स्टोन में एक मजबूत सौर ऊर्जा होती है, इसलिए वह सूर्य की गर्मी, शक्ति और खुलेपन को अपने भीतर सोख लेता है। जिससे तनाव और मानसिक अस्थिरता को कम करने में सन स्टोन सहायता करता है।
सन स्टोन आपके जीवन में खुशी और अन्य सकारात्मक भावनाओं को लाने के लिए काफी प्रभावी पत्थर है। यह चयापचय और पाचन में सहायता करने और आपके शरीर में महत्वपूर्ण बल को बढ़ाने में आपकी सहायता करता है। इसके साथ ही सन स्टोन नेतृत्व गुणों को आपके अंदर विकसित करता है।
यदि आप तनाव को दूर करने के लिए उपयोगी तरीके की तलाश कर रहे हैं तो सन स्टोन इसमें आपकी मदद कर सकता है। साथ ही अपने औषधीय गुणों से मौसमी स्नेह विकार से पीड़ित व्यक्ति को ठीक करने की क्षमता रहता है जैसे कि गले में खराश, शर्दी।
सनस्टोन्स को एक परखने वाला रत्न कहा जा सकता है, खासकर यदि आप व्यवसाय में हैं। इस पत्थर का उपयोग करने से आपको सहायता मिल सकती है, जब आप यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापारिक सौदे कर रहे हों कि दूसरी पार्टी सच बोल रही है या नहीं। इसे धारण करने से आपके अंदर सत्य व असत्य को परखने की क्षमता आ जाती है।


सन स्टोन धारण करने की विधि

धारक को कम से कम 2 से 5 रत्‍ती का तो सन स्टोन तो जरूर पहनना चाहिए। लेकिन ज्योतिषियों का कहना है कि यदि संभव हो तो 5 रत्‍ती ही धारण करें। इसे सोने की अंगूठी में जड़वाकर रविवार, सोमवार और बृहस्‍पतिवार के दिन धारण कर सकते हैं। परंतु इस बात का ध्यान रखें कि सन स्‍टोन आपकी त्‍वचा से सटा़ हो। अन्यथा इसका लाभ आपको नहीं मिलेगा। सन स्टोन को सोना, चाँदी और प्लेटिनम धातु में पहना जा सकता है। आपको इसे शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को सूर्योदय के समय धारण करना चाहिए।
यह जानकारी सामान्य है। जो आपकी कुंडली के आकलन के बाद बदल सकता है। यदि आप सन स्टोन धारण करने की का मन बना रहे हैं तो एक बार ज्योतिषाचार्य से इस संबंध में परामर्श जरूर लें। इसके बाद ही इसे धारण करें। जिससे आपको इसका पूरा लाभ मिल सकें। देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य से बात करने के लिए यहां क्लिक करें।


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