इस लेख में हम गोमेद रत्न के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। इस लेख में गोमेद क्या है? इसका क्या ज्योषीय महत्व है? गोमेद को धारण करने के क्या लाभ हैं? इसे किस राशि के जातक धारण कर सकते हैं? गोमेद धारण करने की विधि क्या है? इन सब की जानकारी दी जा रही है। जो आपके लिए सहायक व लाभकारी सिद्ध होगी। तो आइये जानते हैं गोमेद के बारे में
गोमेद एक ज्योतिषीय रत्न है, जिसका कई प्रकार प्राथमिक रत्न के लिए ज्योतिषीय विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए ग्रीन ओनेक्स पन्ना का एक ज्योतिषीय विकल्प है। गोमेद रत्न एक प्रकार की कैल्सेडनी है जिसमें समानांतर बैंडेड परतें होती हैं। इसका रंग सफेद से लेकर कई अन्य रंग जैसे काला, नीला, हरा, लाल, लाल-नारंगी, नारंगी, शहद रंग आदि हो सकते हैं। ओनेक्स की विभिन्न किस्मों का उपयोग ज्योतिषीय के साथ-साथ उपचार प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है।
गोमेद को राहु का रत्न माना जाता है। ज्योतिष में राहु का कोई अस्तित्व नहीं हैं। इसे छाया ग्रह माना जाता है। परंतु यह जिसके के साथ होता है। संयोग व प्रभाव के अनुरूप फल देता है। ज्योतिषियों की माने तो जिन लोगों का जन्म सिंह राशि के अंतर्गत होता है उनके लिए गोमेद लाभकारी होता है। गोमेद स्टोन के लिए शासक ग्रह मंगल और शनि हैं। एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, ग्रीन गोमेद पन्ना के लिए एक विकल्प है। हालांकि, यह ग्रीन टूमलाइन और पेरीडॉट जितना प्रभावी नहीं है क्योंकि इसका प्रभाव बहुत कमजोर हैं। काले गोमेद को शनि के अनिष्टकर प्रभाव को संतुलित करने के लिए धारण किया जाता है। गोमेद के कई आध्यात्मिक, भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक उपचार लाभ है। एथलीटों के लिए गोमेद की सिफारिश की जाती है।
ज्योतिषियों का मत है कि जिन व्यक्तियों की राशि अथवा लग्न वृष, मिथुन, कन्या, तुला या कुम्भ हो उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए। इसके अलावा जातक की कुंडली में राहु केंद्र, पहले, चौथे, सातवें, दसवें भावों में से किसी भी भाव में हो या फिर पांचवें व नवम भाव में हो तो गोमेद पहनने से लाभ मिलता है। फिर भी ज्योतिषीय परामर्श के बिना धारण न करें। एक बार ज्योतिषीय परामर्श जरूर लें।
इस रत्न को धारण करने से राहु की दशा व महादशा के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। इसके साथ ही गोमेद के प्रभाव से विरोधियों व शत्रुओं पर विजय मिलती है और मन में आने वाले निराशावादी विचार भी दूर होते हैं। मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं।
मानसिक तनाव से राहत
गोमेद एकाग्रता में सुधार करता है। गोमेद हमारे आत्मविश्वास और ज़िम्मेदारी की भावना को बढ़ाता है। जिससे जातक अपने दायित्वों का निर्वाह करने में स्वयं को सक्षम पाते हैं। किसी भी कार्य में अपना शत प्रतिशत देते हैं। यह चिंता, तनाव और घबराहट को दूर करता है, भ्रम और बुरे सपने को दूर करता है। काला रंग जीवन में चुनौतियों का सामना करने की ताकत देता है।
गोमेद का औषधीय गुण
गोमेद आंतरिक कान के रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही श्रवण शक्ति भी बढ़ाता है। यह जोड़ों के दर्द व कार्य में सुधार करता है। आंखों की कमज़ोरी को दूर करता है साथ ही देखने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है और संक्रमण के लिए संवेदनशीलता के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्षम कर सकता है।
गोमेद धारण करने की विधि
गोमेद धारण करने के लिए शनिवार का दिन अच्छा माना जाता है। साथ इसे स्वाती, आर्द्रा व शतभिषा नक्षत्र में धारण करें तो और भी अच्छा फल मिलता है। गोमेद को अष्टधातु या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर करना चाहिए।शुद्ध करने के लिए आप गंगाजल, दूध, शहद व मिश्री के घोल में इसे एक रात के लिए रख दें। इसके बाद धारण करने से पूर्व ऊॅ रां राहवे नमः मंत्रोंउच्चारण कम से कम एक माला कर इसे मध्यमा अंगुली में धारण कर लें।
यह जानकारी सामान्य है। गोमेद के बारे में और अधिक जानकारी पाने के लिए आप ज्योतिषाचार्यों से बात कर अपने सवालों का जवाब सटीकता से पा सकते हैं। क्योंकि यह जानकारी आपकी कुंडली के ग्रहों की स्थिति व दशा के अनुसार अलग हो सकती है। तो देर की बात की अभी कुंडली के हिसाब से जानकारी प्राप्त करने के लिए बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों से।