पन्ना

पन्ना

इस लेख में हम पन्ना रत्न के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे। लेख में पन्ना क्या है? इसका ज्योतिष शास्त्र में क्या महत्व है? इसे किस राशि के जातक धारण कर सकते है? इसके क्या फायदे हैं? पन्ना को धारण करने की विधि क्या है? इन सभी प्रश्नों के उत्तर हम आपको इस लेख में देने जा रहे है। तो आइये जानते हैं पन्ना के बारे में-


पन्ना क्या है?

पन्ना एक हरे रंग का बेरिल खनिज परिवार का कीमती रत्न है। यह वैदिक ज्योतिष में सबसे प्रतिष्ठित रत्नों में से एक है, जो व्यवसायों और नौकरियों, रचनात्मक या बौद्धिक खोज और उद्यम की तलाश में सफलता पाने के लिए पहना जाता है। पन्ना की खानों की खोज कोलंबिया, जाम्बिया, ब्राजील, रूस, पाकिस्तान, अफग़ानिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में की गई है। हरे और नीले टिंट्स में अत्यधिक संतृप्त और पूरी तरह से संतुलित होने के नाते, कोलंबियाई पन्ना अन्य मूल की तुलना में बेहतर माना जाता है, इसके बाद जाम्बियन पन्ना आता है।


पन्ना का ज्योतिषीय महत्व क्या है?

पन्ना बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। वैदिक ज्योतिष किसी व्यक्ति की कुंडली में कमजोर बुध के कारण होने वाले नकारात्मक प्रभावों से उभरने के लिए इस रत्न को पहनने की सलाह देता है। बुध का कमजोर होना जातक के जीवन में कई तरह की समस्याओं को लेकर आता है। यदि किसी जातक का बुध कमजोर है तो वह जरूरी फैसले लेने में स्वयं को असहज पाएंगे। जीवन के हर पड़ाव पर वह उचित निर्णय लेने में असमर्थ होगा। जिसके चलते उसे हानि का सामना करना होगा। इसके साथ ही शैक्षणिक स्तर भी कम होती है। इसलिए ज्योतिषाचार्य जातक को पन्ना धारण करने की सलाह देते हैं। जिससे जातक जीवन में तरह की उपलब्धि हासिल कर सके।


किस राशि के जातक पन्ना धारण कर सकते हैं?

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में मिथुन और कन्या राशि के जातकों के लिए पन्ना रत्न धारण करने की बात कही गई है। इन राशि के जातक पन्ना धारण कर अपने जीवन से कई समस्याओं को दूर सकते हैं। परंतु ज्योतिषाचार्य के सुझाव के बाद। अन्यथा यह भी इन्हें हानि पहुंचा सकता है। पश्चिमी ज्योतिष में कर्क राशि जातकों के लिए पन्ना बर्थ-स्टोन के तौर पर धारण करने की सिफारिश की जाती है। इसके अलावा पन्ना वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातक भी पहन सकते हैं। लेकिन ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही।


पन्ना धारण करने के फायदे

पन्ना एक फैशनेबल पत्थर के रूप में भी पहना जाता है। हालांकि, पूर्वी देशों में यह ज्योतिषीय महत्व रखता है जो इस रत्न को लोकप्रिय बनाता है। इसे भारत में पाचू पत्थर, मरकट मणि, पर्ण्या और बुध रत्न और ग्रीक में स्मार्गदोस के नाम से भी जाना जाता है।
वित्तीय व बौद्धिक विकास के लिए अच्छा
जब से बुध ग्रह का संबंध सीधे बुद्धिमत्ता से है। पन्ना रत्न को पहनने वाले की समझ, तर्क और स्मृति कौशल में एक अगल अंतर दिखायी देता है। इसलिए ज्योतिषी पन्ना को वित्त, बैंकिंग, बुक कीपिंग, शेयर मार्केट ट्रेडिंग आदि क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को पहनने की सलाह देते हैं।
कम्युनिकेशन लेवल में सुधार करता है पन्ना
वैदिक ज्योतिष में बुध को वाणी का कारक माना जाता है। इसलिए, भाषण से संबंधित मुद्दों और कम आत्मविश्वास से पीड़ित लोग पन्ना से बेहद लाभान्वित हो सकते हैं और अपने सामाजिक और पेशेवर जीवन में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। कहने की जरूरत नहीं है, पन्ना पीआर, मीडिया या मास कम्युनिकेशन से संबंधित भूमिकाओं में काम करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा फायदा पहुँचाता है।
शांत मन, बेहतर चैतन्य और त्वचा के लिए सहायक
ऐसा माना जाता है कि पन्ना पहनने से कान, आँख और त्वचा संबंधी बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति लाभान्वित होते हैं। पन्ना रत्न के रूप में भी कुछ एलर्जी और तंत्रिका संबंधी विकारों के इलाज में अत्यधिक उपयोगी है।


पन्ना धारण करने की विधि

पन्ना को आप चाँदी में धारण कर सकते हैं। परंतु धारण करने से पूर्व आप किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श जरूर लें ताकि आपको रत्न का अच्छा लाभ मिल सके। इस रत्न को धारण करने के लिए उत्तम दिन की बात करें को बुधवार का दिन ठीक रहेगा। पन्ना को एक रात के लिए गंगाजल, शहद, मिश्री व दूध के घोल में रख दें। उसके बाद सुबह इसे निकाल कर धूप दीप कर के ओम बू बुधाय नम: मंत्र का 108 बार जाप कर धारण कर लें।
यहां दी गई जानकारी सामान्य है। बेहतर परिणाम के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर ही पन्ना धारण करें। जिससे आपको मन चाहा परिणाम मिल सके। अभी ज्योतिषाचार्य से बात करने के लिए यहां क्लिक करें।


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