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सुंदर व्यक्तित्व का वास्तविक परिचय तो व्यक्ति के आचार-विचार यानि की व्यवहार से ही मिलता है लेकिन कई बार रंग-रूप, नयन-नक्स, कद-काठी, चाल-ढाल आदि, कुल मिलाकर आपकी शारीरिक बनावट से आपके बाहरी व्यक्तित्व का आकलन किया जाने लगता है। ऐसे में हर कोई सुंदर व स्वस्थ दिखने के प्रयास में रत दिखाई पड़ता है। लेकिन एक चीज़ जो न सिर्फ आपके व्यक्तित्व को प्रभावित करती है बल्कि जिसका नियंत्रण आपके स्वास्थ्य के लिये बहुत जरूरी है, वह है मोटापा। लेकिन मोटापे का कारण सिर्फ आपकी खान-पान संबंधी आदतें या फिर सुस्त जीवन शैली ही नहीं है। ज्योतिषशास्त्र में आपकी शारीरिक बनावट से लेकर आंतरिक स्वभाव तक के बनने में जन्म के समय ग्रहों की दशा को महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कुछ ग्रहों के प्रभाव से आपके मोटे होने की संभावनाएं प्रबल होती हैं। तो अपने इस लेख में हम अपने पाठकों को बताएंगें उन कारक ग्रहों के बारे में जिनके प्रभाव से आप परेशान होते हैं इस शारीरिक अस्वस्थता के। साथ ही इसके सरल उपाय भी।
वैसे तो गुरु ग्रह बृहस्पति को मोटापे का कारण माना जाता है लेकिन कुछ परिस्थितियों में चंद्रमा व शुक्र भी आपके शारीरिक आकार व भार के बढ़ने की वजह बन सकता है। मंगल, शनि, राहू और केतु के प्रभाव से जातक छरहरे व पतले रहते हैं। जिन लोगों का चन्द्रमा स्ट्रांग होता है, वह जन्म से गोल-मटोल होते हैं। लेकिन समय के साथ-साथ इनका शारीरिक विकास सही अनुपात में हो जाता है।
असल में शारीरिक संरचना का निर्धारण कुंडली से होता है। चंद्रमा, शुक्र और बृहस्पति ये तीनों ग्रह ऐसे हैं जो शरीर में वसा की मात्रा को नियंत्रित करते हैं जो कि आपके मोटापे का कारण होती है। वात, पित और कफ संबंधी विकार भी इसी कारण होते हैं जो कि अंतत: आपके शरीर का असंतुलित विकास करते हैं जिससे जातक अत्यधिक मोटा या फिर अत्यधिक पतला भी हो जाता है।
यदि राशियों की बात की जाये तो मोटापे की समस्या अधिकतर मेष, वृष, मकर, कर्क, वृश्चिक, तुला व मीन राशि के जातकों में पाई जाती है। लेकिन आपकी जन्म कुंडली के अनुसार मोटापा घटता व बढ़ता रहता है। लग्न में जलीय राशि जैसे कर्क, वृश्चिक, मकर, मीन आदि हों या फिर इन राशियों के स्वामी लग्न में शुभ हो तो यह भी आपके मोटापे की वजह बन सकता है।
इसके अलावा यदि आपकी कुंडली में चंद्रग्रहण हो तो भी जातक अत्यधिक मोटा या पतला हो सकता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पूर्णिमा के दिन जन्में जातक अक्सर मोटे होते हैं जबकि अमावस्या के दिन जन्में पतले। विवाह के बाद यदि चंद्रमा, शुक्र व बृहस्पति मजबूत हों तो जातक मोटा होता है यदि शुक्र कमजोर हो तो विवाहोपरांत कमजोर हो जाते हैं। वैसे तो राहू जातक को पतला रखता है लेकिन यदि साथ में बृहस्पति हों तो जातक के मोटा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। बृहस्पति आपकी भूख को बढ़ाता है तो राहू आपको अनाप शनाप तैलीय व तामसी प्रवृति के गरिष्ठ भोजन करने की ओर प्रेरित करता है जिससे आपके मोटा होने के आसार बढ़ जाते हैं।
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