आमतौर पर दिवाली के 15 दिन बाद यानि कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि के दिन देशभर में देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस बार देव दिवाली 29 नवंबर को मनाई जा रही है। इस दिवाली के दिन माता गंगा की पूजा करने का विधान है। पंडितजी का कहना है कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देव दिवाली के दिन महादेव धरती पर आए थे। इस दिन भगवान शिव की नगरी कहे जाने वाले काशी में धूमधाम से यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व पर भगवान शिव के सभी भक्त एक साथ मां गंगा के घाट पर लाखों दिए जलाकर देव दिवाली का उत्सव मनाते हैं। देव दिवाली के दिन सभी श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव के विजयोत्सव को मनाने के लिए सभी देवता पृथ्वी पर आए थे और देव दिवाली का पर्व मनाया था।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, तारकासुर दैत्य के 3 पुत्र थे- तारकाक्ष, कमलाक्ष औऱ विद्युन्माली(त्रिपुरा)। शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया तो उसका बदला लेने के लिए उसके पुत्रों ने तपस्या करके ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मांगा परंतु ब्रह्मा जी ने उन्हें यह वरदान देने से मना कर दिया. ब्रह्मा जी ने कहा कि तुम इसकी जगह कुछ और वरदान मांग लो इसके बाद पुत्रों ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनके नाम के नगर बनवाए जाएं और जो भी हमारा वध करना चाहता है वो एक ही तीर से हमें नष्ट कर सकें ऐसा वरदान दीजिए। ब्रह्मा जी ने उन्हें तथास्तु कह दिया। वरदान के बाद तारकासुर के तीनों पुत्रों ने तीनों लोकों पर कब्जा कर लिया। उनके अत्याचार से देवता भगवान शिव के पास पहुंचे। उन्होंने तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली (त्रिपुरा) का वध करने के लिए प्रार्थना की। तब भोलेनाथ ने देव विश्वकर्मा से एक रथ का निर्माण करवाया और उस दिव्य रथ पर सवार होकर भगवान शिव दैत्यों का वध करने निकले। देव और राक्षसों के बीच युद्ध छिड़ गया और जब युद्ध के दौरान तीनों दैत्य यानि त्रिपुरा एक साथ आए तो भगवान शंकर ने एक तीर से ही तीनों का वध कर दिया। इसके बाद से ही भोलेनाथ को त्रिपुरारी कहा जाने लगा और देवताओं की विजय की खुशी में देव दिवाली का महापर्व मनाया जाने लगा।
इस वर्ष देव दीपावली 29 नवंबर 2020 को मनाई जा रही है।
देव दीपावली प्रदोष काल शुभ मुहूर्त – शाम 5 बजकर 08 मिनट से शाम 7 बजकर 47 मिनट तक (29 नवंबर 2020)
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- दोपहर 12 बजकर 47 मिनट (29 नवंबर 2020) से
पूर्णिमा तिथि समाप्त – दोपहर 14 बजकर 59 मिनट (30 नवंबर 2020) तक
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