Diwali 2025: 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर? जानिए पंचांग और ज्योतिष के अनुसार सही दिन

Mon, Oct 06, 2025
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Mon, Oct 06, 2025
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
Diwali 2025: 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर? जानिए पंचांग और ज्योतिष के अनुसार सही दिन

Diwali 2025 Date: क्या इस साल दिवाली 20 अक्टूबर को है या 21 अक्टूबर को? यही सवाल इन दिनों हर किसी के मन में घूम रहा है। हर साल की तरह इस बार भी दीपावली की तारीख को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है। पिछले साल जहां दो दिनों तक दिवाली का उत्सव मनाया गया था, वहीं इस बार भी पंचांग की गणनाओं ने लोगों को असमंजस में डाल दिया है। लेकिन अब ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर साफ हो गया है कि दिवाली आखिर कब मनाई जाएगी। चलिए जानते हैं — दीवाली 2025 की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और इसके पीछे का धार्मिक कारण।

एस्ट्रोयोगी मॉल से अब एस्ट्रोलॉजी गिफ्ट भेजना है आसान— अपने लव्ड वन्स को दें पॉजिटिव एनर्जी से भरा खास तोहफा! अभी भेजें और उन्हें फील कराएं स्पेशल!

दिवाली 2025 कब है? (Kab hai Diwali 2025?) 

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस साल अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 21 अक्टूबर 2025 को सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी।

यहीं से कन्फ्यूजन की स्थिति बनी है। क्योंकि कुछ लोग उदया तिथि को मानते हैं (यानी जब तिथि सूर्योदय के समय होती है), तो उनके अनुसार दिवाली 21 अक्टूबर को पड़ती है। वहीं, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के अनुसार दीपावली प्रदोषकाल (सूर्यास्त के बाद का समय) में मनाई जाती है, और यह काल इस साल 20 अक्टूबर की शाम को पड़ रहा है।

इसलिए प्रमुख ज्योतिषाचार्यों और काशी विद्वत परिषद ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि दीपावली 2025 की सही तिथि 20 अक्टूबर (सोमवार) ही है।

दिवाली में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त (Deepawali Lakshmi Puja Muhurat 2025)

दीपावली लक्ष्मी पूजन का शुभ समय:

  • तारीख: सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
     
  • लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक
     
  • प्रदोषकाल: शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन करने से स्थायी समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस काल में दीप जलाकर, भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है।

यह भी पढ़ें: धनतेरस कब है 2025? जानिए सही तिथि, पूजा विधि और शुभ समय

दिवाली पंचपर्व 2025 की तारीखें (Diwali 2025 festival Date)

  • धनतेरस: 18 अक्टूबर 2025, शनिवार
     
  • नरक चतुर्दशी / हनुमान जयंती: 19 अक्टूबर 2025, रविवार
     
  • दीपावली / लक्ष्मी पूजन: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार
     
  • गोवर्धन पूजा / अन्नकूट: 22 अक्टूबर 2025, बुधवार
     
  • भाई दूज / यम द्वितीया: 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार

दिवाली के दिन का महत्व

दीपावली केवल दीपों का उत्सव नहीं है, बल्कि यह धन, समृद्धि और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने का भी स्मरण किया जाता है। लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं, नई शुरुआत करते हैं और लक्ष्मी पूजन कर अपने घर में शुभ ऊर्जा का स्वागत करते हैं।

ज्योतिष के अनुसार, इस दिन की अमावस्या अत्यंत शक्तिशाली होती है। यदि व्यक्ति इस दिन सही मुहूर्त में पूजा करता है, तो जीवन में धन और सौभाग्य की वृद्धि होती है।

दिवाली और प्रदोषकाल का संबंध (Diwali and Pradoshkal)

हिंदू धर्म में तिथियों का निर्धारण केवल तारीखों के आधार पर नहीं बल्कि काल (समय) के आधार पर किया जाता है। प्रदोषकाल — यानी सूर्यास्त के लगभग दो घंटे बाद का समय — पूजा और व्रत के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

क्योंकि इस समय दिन और रात का संगम होता है, और इसे लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ काल माना जाता है। इसीलिए दीपावली में यह जरूरी है कि अमावस्या तिथि प्रदोषकाल में रहे। यही स्थिति इस साल 20 अक्टूबर को बन रही है।

यह भी पढ़ें: दिवाली पर क्या खरीदना है शुभ? 7 चीजें जो लाती हैं समृद्धि

दिवाली की पूजा विधि (Diwali Pooja Vidhi)

1. घर की सफाई और सजावट: दिवाली से पहले पूरे घर की सफाई की जाती है ताकि लक्ष्मी माता का स्वागत शुद्ध वातावरण में हो सके।

2. दीप सजाना: दीपावली की रात घर के प्रत्येक कोने में दीप जलाए जाते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

3. लक्ष्मी-गणेश पूजन: संध्या के समय शुभ मुहूर्त में माँ लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा करें।
पाँचमुखी दिया जलाकर शुद्ध घी से आरती करें।

4. मंत्र जप: लक्ष्मी पूजन के समय "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

5. धन की पूजा: व्यवसाय करने वाले लोग अपने लेन-देन की पुस्तिकाओं और तिजोरी की पूजा करते हैं ताकि नए वर्ष में धन और सफलता का आगमन हो।

यह भी पढ़ें: अयोध्या की दिवाली कब है?

दिवाली से जुड़ी पौराणिक मान्यताएँ

  • मां लक्ष्मी का अवतरण: मान्यता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं।
     
  • भगवान राम का अयोध्या आगमन: इसी दिन श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे।
     
  • राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक: इस दिन उज्जैन में विक्रम संवत की शुरुआत हुई थी।

इन सभी कारणों से दीपावली को न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी प्राप्त है।

इस साल दिवाली 2025 का पर्व निश्चित रूप से 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा। अब दिवाली की सही तारीख, लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और पंचपर्व की जानकारी को लेकर किसी भी तरह का भ्रम नहीं रहा।

ज्योतिष के अनुसार, प्रदोषकाल में अमावस्या तिथि मिलने के कारण 20 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व उचित है। इस दिन शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रहेगा, जिसे अपनाकर आप अपने घर में समृद्धि, सौभाग्य और शुभ ऊर्जा का स्वागत कर सकते हैं।

किसी भी तरह की ज्योतिषीय हेल्प चाहिए? तो अभी बात करें एस्ट्रोयोगी के टॉप एस्ट्रोलॉजर्स से – समाधान सिर्फ एक कॉल दूर!

 

article tag
Festival
article tag
Festival
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!