Pradosh Vrat 2023: जानें इस साल कब-कब पड़ेंगा प्रदोष व्रत, देखें यहां पूरी लिस्‍ट

Wed, Nov 30, 2022
टीम एस्ट्रोयोगी
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
Wed, Nov 30, 2022
Team Astroyogi
 टीम एस्ट्रोयोगी के द्वारा
article view
480
Pradosh Vrat 2023: जानें इस साल कब-कब पड़ेंगा प्रदोष व्रत, देखें यहां पूरी लिस्‍ट

Pradosh Vrat 2024: इस व्रत को उत्तर भारत में प्रदोष व्रत तथा दक्षिण भारत में प्रदोषम के नाम से जाना जाता है। व्रत में भगवान शिव की स्तुति की जाती है। मान्यताओं कि माने तो शुक्रवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत अधिक फलदायी होता है। आगे प्रदोष व्रत क्या है, व्रत का क्या महत्व है, व्रत की पूजा विधि क्या है, जिससे साधक उचित फल पा सकें। इसके अलावा इस वर्ष किन तिथियों पर प्रदोष व्रत पड़ रहा है, इसकी जानकारी इस लेख में दी जा रही है। 

प्रदोष व्रत क्या है?

मुख्य रूप से यह व्रत शिव व शक्ति को समर्पित है। यह व्रत शुक्ल व कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है। वर्ष में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रत्येक वार के हिसाब से प्रदोष व्रत है। सात वारों के लिए सात व्रत हैं। प्रदोष व्रत की मान्यता और इसका फल वार के अनुसार बदल जाता है। कहा जाता है कि शनिवार का प्रदोष व्रत उस दंपत्तियों को करना चाहिए जो संतान सुख से वंचित हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को श्रद्धा भाव से करने पर वैवाहिक जोड़े को संतान रत्न की प्राप्ति होती है। बुधवार का प्रदोष व्रत समृद्ध जीवन की कामना के लिए रखा जाता है। इसी प्रकार हर वार के मुताबिक व्रत का फल बदल जाता है।

प्रदोष व्रत का सर्वोत्तम फल पाने के लिए, परामर्श करें देश के जाने माने ज्योतिषाचार्यों से

प्रदोष व्रत तिथि 2024

प्रदोष व्रत: दिनांक और दिन समय
बुध प्रदोष व्रत: 9 जनवरी 2024, मंगलवार तिथि प्रारंभ - 8 जनवरी, दोपहर 11 बजकर 58 मिनट पर
तिथि समाप्त - 9 जनवरी, रात 10 बजकर 24 मिनट पर 
गुरु प्रदोष व्रत: 23 जनवरी 2024, मंगलवार तिथि प्रारम्भ - 22 जनवरी, शाम 07 बजकर 51 मिनट पर
तिथि समाप्त - 23 जनवरी, रात 08 बजकर 39 मिनट पर
गुरु प्रदोष व्रत: 7 फरवरी 2024, बुधवार तिथि प्रारम्भ - 07 फरवरी, दोपहर 02 बजकर 02 मिनट पर
तिथि समाप्त - 08 फरवरी, सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर
शनि प्रदोष व्रत: 21 फरवरी 2024, बुधवार  तिथि प्रारंभ - 21 फरवरी, सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर
तिथि समाप्त - 22 फरवरी, दोपहर 01 बजकर 21 मिनट पर
शनि प्रदोष व्रत: 8 मार्च 2024, शुक्रवार  तिथि प्रारम्भ - 08 मार्च, सुबह 01 बजकर 19 मिनट पर
तिथि समाप्त - 08 मार्च, रात 09 बजकर 57 मिनट पर
रवि प्रदोष व्रत: 22 मार्च 2024, शुक्रवार तिथि प्रारम्भ - 22 मार्च, सुबह 04 बजकर 44 मिनट पर
तिथि समाप्त - 23 मार्च, सुबह 07 बजकर 17 मिनट पर
सोम प्रदोष व्रत: 6 अप्रैल 2024, शनिवार  तिथि प्रारम्भ - 06 अप्रैल, सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर
तिथि समाप्त - 07 अप्रैल, सुबह 06 बजकर 53 मिनट पर
सोम प्रदोष व्रत: 21 अप्रैल 2024, रविवार  तिथि प्रारम्भ - 20 अप्रैल, रात 10 बजकर 41 मिनट पर
तिथि समाप्त - 22 अप्रैल, सुबह 01 बजकर 11 मिनट पर
बुध प्रदोष व्रत: 5 मई 2024, रविवार  तिथि प्रारम्भ - 05 मई, शाम 05 बजकर 41 मिनट पर।
तिथि समाप्त - 06 मई, दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर।
बुध प्रदोष व्रत: 20 मई 2024, सोमवार  तिथि प्रारंभ - 20 मई, दोपहर 03 बजकर 58 मिनट पर
तिथि समाप्त - 21 मई, शाम 05 बजकर 39 मिनट पर
गुरु प्रदोष व्रत: 4 जून 2024, मंगलवार  तिथि प्रारम्भ - 04 जून, रात 12 बजकर 18 मिनट पर
तिथि समाप्त - 04 जून, रात 10 बजकर 01 मिनट पर
गुरु प्रदोष व्रत: 19 जून 2024, बुधवार  तिथि प्रारम्भ - 19 जून, सुबह 07 बजकर 28 मिनट पर
तिथि समाप्त - 20 जून, सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर
शनि प्रदोष व्रत: 3 जुलाई 2024, बुधवार  तिथि प्रारम्भ - 03 जुलाई, सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर
तिथि समाप्त - 04 जुलाई, सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर
शुक्र प्रदोष व्रत: 18 जुलाई 2024, बृहस्पतिवार  तिथि प्रारम्भ - 18 जुलाई, रात 08 बजकर 44 मिनट पर
तिथि समाप्त - 19 जुलाई, रात 07 बजकर 41 मिनट पर
रवि प्रदोष व्रत: 01 अगस्त 2024, बृहस्पतिवार  तिथि प्रारंभ - 01 अगस्त, दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर
तिथि समाप्त - 02 अगस्त, दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर
रवि प्रदोष व्रत: 17 अगस्त 2024, शनिवार  तिथि प्रारम्भ - 17 अगस्त, सुबह 08 बजकर 05 मिनट पर
तिथि समाप्त - 18 अगस्त, सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर
सोम प्रदोष व्रत: 31 अगस्त 2024, शनिवार  तिथि प्रारम्भ - 31 अगस्त, रात 02 बजकर 25 मिनट पर
तिथि समाप्त - 01 सितंबर, सुबह 03 बजकर 40 मिनट पर
भौम प्रदोष व्रत: 15 सितम्बर 2024, रविवार  तिथि प्रारम्भ - 15 सितंबर, शाम 06 बजकर 12 मिनट पर
तिथि समाप्त - 16 सितंबर, दोपहर 03 बजकर 10 मिनट पर
बुध प्रदोष व्रत: 29 सितंबर 2024, रविवार  तिथि प्रारम्भ - 29 सितंबर, शाम 04 बजकर 47 मिनट पर
तिथि समाप्त - 30 सितंबर, शाम 07 बजकर 06 मिनट पर
बुध प्रदोष व्रत: 15 अक्टूबर 2024, मंगलवार तिथि प्रारम्भ - 15 अक्टूबर, सुबह 03 बजकर 42 मिनट पर
तिथि समाप्त - 16 अक्टूबर, रात 12 बजकर 19 मिनट पर
गुरु प्रदोष व्रत: 29 अक्टूबर 2024, मंगलवार  तिथि प्रारम्भ - 29 अक्टूबर, सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर
तिथि समाप्त - 30 अक्टूबर, दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर
शुक्र प्रदोष व्रत: 13 नवम्बर 2024, बुधवार तिथि प्रारंभ - 13 नवंबर, दोपहर 01 बजकर 01 मिनट पर
तिथि समाप्त - 14 नवंबर, सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर
शुक्र प्रदोष व्रत: 28 नवम्बर 2024, बृहस्पतिवार  तिथि प्रारंभ - 28 नवंबर, सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर
तिथि समाप्त - 29 नवंबर, सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर
रवि प्रदोष व्रत: 13 दिसम्बर 2024, शुक्रवार  तिथि प्रारम्भ - 12 दिसंबर, रात 10 बजकर 26 मिनट पर
तिथि समाप्त - 13 दिसंबर, रात 07 बजकर 40 मिनट पर
रवि प्रदोष व्रत: 28 दिसम्बर 2024, शनिवार तिथि प्रारम्भ - 28 दिसंबर, रात 02 बजकर 26 मिनट पर
तिथि समाप्त - 29 दिसंबर, सुबह 03 बजकर 32 मिनट पर

 

 

 

प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत में महादेव व माता पार्वती की उपासना की जाती है। व्रत के महत्व के बारे में विस्तार से स्कंद पुराण में वर्णन किया गया है। साधक प्रदोष व्रत का पालन अपने जीवन में हर तरह के सुख की प्राप्ति के लिए करता है। इस व्रत को स्त्री तथा पुरूष दोनों कर सकते हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से साधक पर भगवान शिव की कृपा दृष्टि बनती है। साधक अपने पाप कर्मों से मुक्त हो जाता है।

प्रदोष व्रत कथा

वैसे तो हर वार के अनुसार प्रदोष व्रत कथा का श्रवण किया जाता है। परंतु एक बहुत ही प्रचलित कथा है जिसे हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं। एक गांव में एक निर्धन विधवा ब्राह्मणी रहती थी और ब्राह्मणी का एक पुत्र भी था। भरण पोषण के लिए दोनों प्रति दिन भिक्षा मांगते और जो मिलता उसी से अपनी क्षुधा शांत करते। ब्राह्मणी कई वर्षों से प्रदोष व्रत का पालन कर आ रही थी। एक बार ब्राह्मणी का पुत्र त्रयोदशी तिथि पर गंगा स्नान करने के लिए निकला। स्नान कर जब वह घर की ओर लौट रहा था तो रास्ते में उसका सामना लुटेरों के एक दल से हुआ। लुटेरों ने उससे उसका सारा सामान छीन कर आगे बढ़ गए। कुछ समय बाद वहां पर राज्य के कुछ सैनिक पहुंचे। उन्होंने ब्राह्मणी पुत्र को लुटेरों में से एक समझकर राजा के सामने प्रस्तुत किया। जहां राजा ने बिना ब्राह्मण युवक की दलील सुने उसे कारागार में डालवा दिया। रात्रि में राजा के स्वप्न में भगवान शिव आए और ब्राह्मण युवक को मुक्त करने का आदेश देकर अंतर्ध्यान हो गए।

राजा नींद से उठकर सीधे कारागार पहुंचे और युवक को मुक्त करने का आदेश दिया। राजा युवक को साथ लेकर महल लौटे जहां उन्होंने युवक का सम्मान किया और उसे दान मांगने के लिए कहां युवक ने राजा से दान स्वरूप सिर्फ एक मुठ्ठी धान मांगा। राजा उसकी मांग को सुनकर अचरज में पड़ गए। राजा ने युवक से प्रश्न किया कि सिर्फ एक मुठ्ठी धान से क्या होगा और भी कुछ मांग लो, ऐसा अवसर बार-बार नहीं मिलता है। युवक ने बड़ी ही विनम्रतापूर्वक राजा से कहा कि हे राजन इस समय यह धान मेरे लिए संसार का सबसे अनमोल धन है। इसे मैं अपनी माता को दूंगा जिससे वे खीर बना कर भगवान शिव को भोग लगाएंगी। फिर हम इसे ग्रहण कर अपनी क्षुधा को शांत करेंगे। राजा युवक की बातों को सुनकर बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने मंत्री को आदेश दिया कि ब्राह्मणी को सह सम्मान दरबार में लाया जाए। मंत्री ब्राह्मणी को लेकर दरबार पहुंचे। राजा ने सारा प्रसंग ब्राह्मणी को सुनाया और उनके पुत्र की प्रशंसा करते हुए ब्राह्मणी पुत्र को अपना सलाहकार नियुक्त किया और इस प्रकार निर्धन ब्राह्मणी और उसके पुत्र का जीवन बदल गया।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

  1. प्रदोष व्रत पूजन हेतु सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल है।
  2. पूजन से पूर्व साधक स्नान कर सफेद रंग का स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
  3. इसके बाद भगवान शिव के मंदिर जाएं। मंदिर नहीं जा सकते हैं तो यह पूजन साधक घर पर भी कर सकते हैं।
  4. अब आप शिव जी का अभिषेक करें और उन्हें बेल पत्र चढ़ाएं।
  5. इसके बाद अगरबत्ती व धूप से पूजा कर ओम नमः शिवाय का जाप करें। जाप पूर्ण होने के बाद साधक प्रदोष व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें।
  6. इसके संपन्न होने के बाद आरती कर प्रसाद को लोगों में बांट दें। फिर फलाहार कर अगले दिन शिव की विधिवत पूजा कर व्रत को खोलें।

यह भी पढ़ें -  शनि प्रदोष - जानें प्रदोष व्रत की कथा व पूजा विधि  |  अक्षय तृतीया  |   बुद्ध पूर्णिमा 2024    

जीवन में आ रही है बार-बार समस्या? तो अभी बात करें एस्ट्रोयोगी पर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से। 

✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी 

article tag
Spirituality
Pooja Performance
article tag
Spirituality
Pooja Performance
नये लेख

आपके पसंदीदा लेख

अपनी रुचि का अन्वेषण करें
आपका एक्सपीरियंस कैसा रहा?
facebook whatsapp twitter
ट्रेंडिंग लेख

ट्रेंडिंग लेख

और देखें

यह भी देखें!